पहलगाम हमले के बाद PM मोदी की सुरक्षा और आर्थिक बैठकों का दौर
प्रमुख बिंदु-
New Delhi, 30 अप्रैल 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए, के बाद भारत सरकार ने त्वरित और कठोर कार्रवाई की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एक के बाद एक चार महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता की, जिनमें कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS), कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA), कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA), और पूर्ण केंद्रीय कैबिनेट की बैठकें शामिल थीं। इन बैठकों के बाद, PM मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अलग से चर्चा भी की।

CCS की दूसरी बैठक: सुरक्षा स्थिति पर गहन मंथन
कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी, जिसमें प्रधानमंत्री के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हैं, ने पहलगाम हमले के बाद यह दूसरी बैठक की। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में जम्मू-कश्मीर की समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई और आतंकवाद के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई पर चर्चा हुई। यह बैठक मंगलवार को पीएम मोदी द्वारा आयोजित उच्च-स्तरीय बैठक के ठीक एक दिन बाद हुई, जिसमें रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल थे।

CCPA: सुपर कैबिनेट की भूमिका
CCS की बैठक के बाद हुई कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स की बैठक को “सुपर कैबिनेट” के रूप में जाना जाता है। इस कमेटी में पीएम मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल जैसे वरिष्ठ मंत्री शामिल हैं। CCPA राष्ट्रीय महत्व के राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसकी आखिरी ऐसी अहम बैठक 2019 में पुलवामा हमले के बाद हुई थी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले किए थे। इस बार भी CCPA की बैठक को भारत की जवाबी रणनीति के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
CCPA की बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने CCEA की बैठक की, इस बैठक में PM मोदी के साथ राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, एस. जयशंकर, पीयूष गोयल, शिवराज सिंह चौहान, और अन्य मंत्रियों ने हिस्सा लिया। इसके बाद पूर्ण केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई।

बैठकों का महत्व
ये बैठकें भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता, और कूटनीतिक रणनीति के लिए महत्वपूर्ण हैं। पहलगाम हमले ने एक बार फिर कश्मीर में शांति और प्रगति को चुनौती दी है। सरकार का सख्त रुख और त्वरित कार्रवाई दर्शाती है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है। इन बैठकों से यह संदेश भी गया है कि भारत न केवल सैन्य स्तर पर, बल्कि आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चों पर भी पाकिस्तान को जवाब देने के लिए तैयार है।
पहलगाम हमला: क्या है पूरा मामला?
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरण घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने ली थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच शुरू कर दी है और कई संदिग्धों की पहचान की गई है।

भारत की कठोर प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कठोर कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी सीमा को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने सैन्य सलाहकारों को वापस बुलाना शामिल है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा लगातार पांच रातों तक गोलीबारी की खबरें भी सामने आई हैं, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है।

पहलगाम हमले के बाद भारत की सैन्य और कूटनीतिक तैयारियां तेज हो गई हैं। पीएम मोदी ने सशस्त्र बलों को “हमले का तरीका, लक्ष्य और समय” चुनने की पूरी छूट दी है, जिससे यह संकेत मिलता है कि भारत जल्द ही कोई बड़ा कदम उठा सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, जिसमें फ्रांस, इटली और यूएई जैसे देश शामिल हैं, ने इस हमले की निंदा की है और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने आतंकी ढांचे के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू किया है। डोडा जिले में 13 संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी की गई, जबकि नौ आतंकियों के घरों को विस्फोटकों से नष्ट कर दिया गया। इस बीच, पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कश्मीर घाटी में 48 सार्वजनिक पार्क और उद्यान बंद कर दिए गए हैं।
पहलगाम हमले ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव को बढ़ा दिया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में CCS और CCPA की बैठकों से यह स्पष्ट है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के मूड में है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भारत की अगली रणनीति क्या होगी और क्या यह तनाव युद्ध के कगार पर पहुंचेगा।
(DD News के इनपुट के साथ)
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।