PM मोदी ने सेना पर जताया भरोसा, आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख
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नई दिल्ली, 29 अप्रैल 2025: PM नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह शामिल हुए। यह बैठक पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई पर विचार-विमर्श के लिए बुलाई गई थी।

पहलगाम हमले पर सख्त रुख, आतंकियों को कड़ा जवाब देने की तैयारी
पहलगाम के बैसारन मीडो में हुए इस आतंकी हमले को 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक माना जा रहा है। इस हमले में ज्यादातर पर्यटक मारे गए थे, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। सरकार ने साफ कर दिया है कि इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों और उनके समर्थकों को कठोर सजा दी जाएगी। पीएम मोदी ने इस बैठक में सशस्त्र बलों को “मोड, लक्ष्य और समय” चुनने की पूरी छूट देने की बात कही। सरकार के सूत्रों के अनुसार, पीएम ने कहा कि आतंकवाद को कुचलने का हमारा राष्ट्रीय संकल्प है और भारतीय सेना की पेशेवर क्षमताओं पर उन्हें पूर्ण विश्वास है।

पाकिस्तान को कड़ा संदेश, इंडस जल संधि पर रोक
बैठक में पहलगाम हमले के “सीमा पार संबंधों” पर भी चर्चा हुई। सरकार ने इस हमले को जम्मू-कश्मीर में हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न हुए चुनावों और क्षेत्र में आर्थिक विकास की प्रगति के खिलाफ एक साजिश के रूप में देखा है। भारत ने पाकिस्तान को उसके सीमा पार आतंकवाद के समर्थन के लिए कड़ा संदेश देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें इंडस जल संधि को निलंबित करना, अटारी सीमा को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और दोनों देशों में दूतावास कर्मियों की संख्या कम करना शामिल है। ये कदम भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाते हैं।

रक्षा मंत्री ने दी पीएम को जानकारी, सेना पूरी तरह तैयार
इससे पहले, सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी से उनके 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी। रविवार को सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने रक्षा मंत्री को सेना की परिचालन तैयारियों के बारे में बताया था। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है। जम्मू-कश्मीर में सेना, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस ने आतंकियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाशी और घेराबंदी अभियान शुरू किया है।

सभी दलों का समर्थन, विपक्ष ने भी दिया साथ
पहलगाम हमले के बाद सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें सभी विपक्षी दलों ने आतंकियों के खिलाफ सरकार के किसी भी कदम का पूर्ण समर्थन करने का वादा किया। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने 23 अप्रैल को आपातकालीन बैठक की थी, जिसमें हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा हुई। सीसीएस ने इस हमले को जम्मू-कश्मीर की प्रगति को बाधित करने की कोशिश करार दिया।

आतंकवाद के खिलाफ एकजुट देश, पीएम का संकल्प
पहलगाम हमले ने पूरे देश को एकजुट कर दिया है। पीएम मोदी ने अपनी मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा था कि इस हमले के अपराधियों और साजिशकर्ताओं को सबसे कठोर जवाब दिया जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि प्रभावित परिवारों को न्याय मिलेगा। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस हमले के सबूत साझा किए हैं, जिसमें अमेरिका, रूस, चीन, जापान और कई यूरोपीय देशों के राजनयिक शामिल हैं।
मंगलवार की बैठक के बाद बुधवार को सीसीएस की एक और महत्वपूर्ण बैठक होने की संभावना है। सरकार आतंकवाद के खिलाफ और सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने आतंकी ठिकानों को नष्ट करने और संदिग्धों को पकड़ने के लिए अभियान तेज कर दिया है। देश अब सरकार के अगले कदम का इंतजार कर रहा है, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प को और मजबूत करेगा।
(ANI के इनपुट के साथ)
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।