प्रमुख बिंदु-
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत की अर्थव्यवस्था को “मरी हुई” बताने वाले बयान का अप्रत्यक्ष रूप से जवाब दिया। ट्रंप ने 31 जुलाई 2025 को भारत और रूस के आर्थिक संबंधों पर टिप्पणी करते हुए भारत की अर्थव्यवस्था को “मृत” करार दिया था और भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इसके जवाब में पीएम मोदी ने वैश्विक आर्थिक अस्थिरता का हवाला देते हुए स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की जोरदार अपील की। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है और इस समय अपने आर्थिक हितों को लेकर सजग रहना जरूरी है।
मोदी ने वाराणसी में अपने संसदीय क्षेत्र में ₹2,200 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए यह बात कही। उन्होंने न केवल भारत की आर्थिक मजबूती पर जोर दिया, बल्कि देशवासियों से “वोकल फॉर लोकल” और “मेक इन इंडिया” के मंत्र को अपनाने का आह्वान किया। यह बयान न सिर्फ ट्रंप की टिप्पणी का जवाब था, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी भावना को मजबूत करने का एक प्रयास भी था।

स्वदेशी का संकल्प: भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “हम उन चीजों को खरीदेंगे, जिन्हें बनाने में किसी भारतीय का पसीना बहा हो।” उन्होंने व्यापारियों और दुकानदारों से विशेष अपील की कि वे अपनी दुकानों में केवल स्वदेशी सामान बेचें, खासकर तब जब वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितता के दौर से गुजर रही हो। मोदी ने इसे राष्ट्र सेवा का एक रूप बताया और इसे महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि करार दिया।
दुनिया की अर्थव्यवस्था में चल रहे अस्थिरता के माहौल में, हम स्वदेशी खरीदने का संकल्प लें।#VocalForLocal pic.twitter.com/iJHbTWbP2Q
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) August 2, 2025
उन्होंने आगे कहा कि त्योहारों और शादियों के आगामी मौसम में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देना देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा। पीएम ने यह भी उल्लेख किया कि कई युवाओं ने उनकी सलाह मानकर विदेशों में शादी करने की योजना रद्द कर दी और भारत में ही विवाह करने का फैसला किया, जिससे देश का धन देश में ही रहेगा। यह स्वदेशी भावना भारत के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मोदी ने राजनीतिक दलों से मतभेद भुलाकर स्वदेशी के लिए एकजुट होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “जो देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं, उन्हें स्वदेशी का संकल्प लेना होगा।” यह बयान भारत की आर्थिक प्रगति और आत्मनिर्भरता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

ट्रंप की टिप्पणी और भारत की प्रतिक्रिया
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर भारत और रूस के आर्थिक संबंधों की आलोचना करते हुए कहा था, “मुझे परवाह नहीं कि भारत रूस के साथ क्या करता है। वे अपनी मरी हुई अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ डुबो सकते हैं।” यह टिप्पणी भारत पर 25% टैरिफ और रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने के लिए अतिरिक्त दंड की घोषणा के बाद आई थी।
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस बयान का जवाब देते हुए कहा कि भारत की ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हितों और वैश्विक बाजार की कीमतों पर आधारित है। मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, “हम तेल की खरीदारी वैश्विक बाजार की कीमतों और स्थिति के आधार पर करते हैं।” यह जवाब भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और आर्थिक रणनीति को दर्शाता है।
#WATCH | Delhi | MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "India and the United States share a comprehensive global strategic partnership anchored in shared interests, democratic values, and robust people-to-people ties. This partnership has weathered several transitions and… pic.twitter.com/M42PC9sJzf
— ANI (@ANI) August 1, 2025
विपक्षी नेता राहुल गांधी ने ट्रंप की टिप्पणी का समर्थन करते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था वास्तव में “मृत” है और इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी और गौतम अडानी को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, कांग्रेस पार्टी के अन्य नेताओं जैसे शशि थरूर और राजीव शुक्ला ने भारत की अर्थव्यवस्था को “मजबूत” बताया और ट्रंप की टिप्पणी को गलत करार दिया।
#WATCH | Delhi: On the US President Trump's dead economy remark, Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi says, "Yes, he is right, Everybody knows this except the Prime Minsiter and the Finance Minsiter. Everybody knows that the Indian economy is a dead economy. I am glad that… pic.twitter.com/n7UWXrgggW
— ANI (@ANI) July 31, 2025
भारत की आर्थिक प्रगति
आर्थिक आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पिछले दशक में उल्लेखनीय प्रगति की है। 2024-25 में भारत ने 42 अरब डॉलर से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 26% अधिक है। इसके अलावा, भारत का यूपीआई सिस्टम विश्व का नंबर एक रीयल-टाइम पेमेंट सिस्टम बन गया है, जो प्रतिदिन 64 करोड़ से अधिक लेनदेन को संभालता है। ये आंकड़े भारत की आर्थिक मजबूती और आधुनिकीकरण को दर्शाते हैं।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की सरकार किसानों, छोटे उद्योगों और युवाओं के रोजगार को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने वाराणसी में सड़कों, रेलवे ओवरब्रिज और परिवहन गलियारों के आधुनिकीकरण जैसे विकास कार्यों पर जोर दिया। ये कदम न केवल उनके संसदीय क्षेत्र को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि पूरे देश की आर्थिक प्रगति में योगदान दे रहे हैं।

पीएम मोदी का स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का आह्वान न केवल ट्रंप की टिप्पणी का जवाब है, बल्कि भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने देशवासियों से एकजुट होकर “वोकल फॉर लोकल” के मंत्र को अपनाने का आग्रह किया, जो भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगा। यह संदेश न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता की बात करता है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को भी मजबूत करता है।
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राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।