प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार दिवाली का त्योहार भारतीय नौसेना के वीर जवानों के साथ INS Vikrant पर मनाया। गोवा और कारवार के तट से दूर समुद्र में स्थित इस स्वदेशी विमानवाहक पोत पर उन्होंने जवानों के साथ बातचीत की, मिठाई बांटी और देश की सुरक्षा में उनके योगदान की सराहना की। यह 12वीं बार है जब पीएम मोदी दिवाली पर सैनिकों के बीच पहुंचे, जो उनकी सेना के प्रति समर्पण को दर्शाता है। इस मौके पर उन्होंने आत्मनिर्भर भारत की ताकत पर जोर दिया और दुश्मनों को कड़ा संदेश दिया।
जवानों के साथ जश्न
पीएम मोदी रविवार शाम को ही INS Vikrant पर पहुंच गए थे। यहां उन्होंने नौसेना के अधिकारियों से जहाज के संचालन और क्षमताओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। शाम को उन्होंने MiG-29 लड़ाकू विमानों की उड़ान देखी, जो भारतीय नौसेना की ताकत का प्रतीक है।

रात में ‘बड़ा खाना’ की परंपरा में शामिल होकर उन्होंने जवानों के साथ भोजन किया। यह परंपरा अधिकारियों और सैनिकों के बीच एकता और सम्मान को मजबूत करती है।

सोमवार सुबह जवानों ने देशभक्ति गीत गाए, जिन पर पीएम मोदी ने तालियां बजाईं और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई और उनके साथ फोटो खिंचवाई।

पीएम ने कहा कि यह उनके लिए परिवार के साथ दिवाली मनाने जैसा है, क्योंकि सैनिक ही देश का असली परिवार हैं। इस दौरान योग सत्र भी आयोजित हुआ, जहां करीब 100 नौसैनिकों ने हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने इसे स्वास्थ्य और अनुशासन का प्रतीक बताया।

INS Vikrant: आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक
पीएम मोदी ने INS Vikrant को आत्मनिर्भर भारत और ‘मेक इन इंडिया’ का बड़ा उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि यह विमानवाहक पोत महासागर को चीरते हुए भारत की सैन्य शक्ति का आईना है। पीएम ने जोर देकर कहा कि विक्रांत का नाम ही दुश्मनों की नींद हराम कर देता है। उन्होंने हाल के दिनों में विक्रांत की भूमिका की सराहना की, जो पाकिस्तान को बेचैन करने वाली रही।

पीएम ने बताया कि 2014 के बाद से भारत के शिपयार्डों ने 40 से ज्यादा युद्धपोत और पनडुब्बियां बनाई हैं। ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलों जैसे स्वदेशी हथियारों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कई देश इन्हें खरीदने के इच्छुक हैं। यह सब भारत को दुनिया के प्रमुख रक्षा निर्यातकों में से एक बनाने की दिशा में कदम है। पीएम ने हिंद महासागर में नौसेना की भूमिका पर भी प्रकाश डाला, जहां से 66 प्रतिशत तेल की आपूर्ति होती है।

पाकिस्तान को घुटने टेकने पर किया मजबूर
अपने भाषण में पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का विशेष जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना के भय, वायुसेना के कौशल और थलसेना की बहादुरी ने इस ऑपरेशन में पाकिस्तान को जल्दी घुटने टेकने पर विवश कर दिया। तीनों सेनाओं के समन्वय को उन्होंने अद्भुत बताया। पीएम ने कहा कि INS Vikrant ने पाकिस्तान की रातों की नींद उड़ा दी थी। यह ऑपरेशन भारत की सैन्य रणनीति की सफलता का प्रमाण है। उन्होंने जवानों को ‘मां भारत के साहस’ का प्रतीक बताया और कहा कि उनके बलिदान से देश सुरक्षित है। इस मौके पर जवानों ने ‘कसम सिंदूर की’ गीत गाया, जो ऑपरेशन की शौर्यगाथा पर आधारित था। पीएम ने इसे सुनकर जवानों की रचनात्मकता की तारीफ की।

100 जिलों में पहली शांत दिवाली
पीएम मोदी ने आंतरिक सुरक्षा पर भी बात की। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले करीब 125 जिले माओवादी हिंसा से प्रभावित थे, लेकिन पिछले 10 सालों की मेहनत से यह संख्या घटकर 11 रह गई है। इनमें से भी सिर्फ 3 जिलों में प्रभाव बाकी है। 100 से ज्यादा जिले अब माओवादी आतंक से मुक्त हो चुके हैं और वहां लोग पहली बार शांतिपूर्ण दिवाली मना रहे हैं। पीएम ने पुलिस और सुरक्षा बलों की सराहना की, जिन्होंने नक्सलियों से लोहा लिया। उन्होंने कहा कि देश माओवाद के अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरी तरह मुक्त होगा। यह उपलब्धि सरकार की मजबूत नीतियों और सेनाओं के प्रयासों का नतीजा है।

नौसैनिकों से सीख
पीएम मोदी ने बताया कि INS Vikrant पर बिताई रात उनके लिए यादगार रही। उन्होंने कहा कि दिल्ली से निकलते वक्त सोचा था कि इस पल को जी लेंगे, लेकिन जवानों की तपस्या और समर्पण इतना ऊंचा है कि इसे जीना मुश्किल है। फिर भी उन्होंने बहुत कुछ सीखा। पीएम ने जवानों के उत्साह और स्वरचित गीतों की तारीफ की, जो ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरित थे। उन्होंने कहा कि सैनिकों की शक्ति के सामने महासागर भी फीका पड़ जाता है। इस अनुभव ने उन्हें नई ऊर्जा दी। पीएम ने सभी को दिवाली की शुभकामनाएं दीं और कहा कि सैनिकों की वजह से देश चैन से सोता है।
यह दिवाली न सिर्फ रोशनी का त्योहार रही, बल्कि भारत की सैन्य ताकत और एकता का जश्न भी बनी। पीएम मोदी का यह कदम सेना के मनोबल को और मजबूत करेगा।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
