प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) आज बिहार के युवाओं को एक तोहफा दिया। विज्ञान भवन में सुबह 11 बजे होने वाले इस मेगा इवेंट में 62 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाओं का ऐलान होगा। खासतौर पर बिहार पर फोकस रहेगा, जहां पांच लाख ग्रेजुएट्स को हर महीने 1 हजार रुपये की मदद मिलेगी। ये कदम बिहार चुनाव से ठीक पहले आया है, जो राज्य की युवा आबादी को सशक्त बनाने का बड़ा प्लान लगता है।
राष्ट्रीय स्तर पर स्किलिंग का नया दौर
प्रधानमंत्री मोदी आज पीएम-एसईटीयू (प्रधानमंत्री स्किलिंग एंड एम्प्लॉयबिलिटी ट्रांसफॉर्मेशन थ्रू अपग्रेडेड आईटीआई) योजना लॉन्च करेंगे, जिस पर 60 हजार करोड़ रुपये का खर्च होगा। ये योजना देशभर के 1,000 सरकारी आईटीआई को हब-एंड-स्पोक मॉडल में अपग्रेड करेगी। इसमें 200 हब आईटीआई और 800 स्पोक आईटीआई शामिल होंगे। हर हब औसतन चार स्पोक से जुड़ेगा, जहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल लर्निंग सिस्टम, इनक्यूबेशन सेंटर और प्लेसमेंट सर्विसेज होंगी।
खास बात ये है कि ये आईटीआई अब सरकारी रहेंगे, लेकिन इंडस्ट्री पार्टनर्स द्वारा मैनेज होंगे। वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक से ग्लोबल फंडिंग भी मिलेगी। पहले चरण में पटना और दरभंगा के आईटीआई पर खास जोर होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि ये बदलाव आईटीआई सिस्टम को बाजार की मांग से जोड़ेगा, जिससे लाखों युवाओं को जॉब-रेडी स्किल्स मिलेंगी। इसके अलावा, कौशल दीक्षांत समारोह में 46 आईटीआई टॉपर्स को सम्मानित भी किया जाएगा।

बिहार के युवाओं के लिए खास पैकेज
बिहार पर सबसे ज्यादा फोकस रहेगा, जहां राज्य की युवा आबादी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की कोशिश हो रही है। मोदी जी मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का रिवैंप्ड वर्जन लॉन्च करेंगे। इसके तहत हर साल करीब पांच लाख ग्रेजुएट युवाओं को दो साल तक हर महीने 1,000 रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी, साथ ही फ्री स्किल ट्रेनिंग भी। ये योजना बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं के लिए राहत की सांस बनेगी।
इसके साथ ही बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम को नया लुक मिलेगा, जिसमें 4 लाख रुपये तक के ब्याज-मुक्त एजुकेशन लोन मिलेंगे। अब तक 3.92 लाख छात्रों को 7,880 करोड़ रुपये के लोन मिल चुके हैं। युवा सशक्तिकरण को मजबूत करने के लिए बिहार युवा आयोग का भी उद्घाटन होगा, जो 18 से 45 साल के युवाओं की ऊर्जा को दिशा देगा। सबसे बड़ा सरप्राइज है जन नायक करपूरी ठाकुर स्किल यूनिवर्सिटी का उद्घाटन, जो इंडस्ट्री-ओरिएंटेड कोर्सेस से ग्लोबल स्तर पर प्रतिस्पर्धी वर्कफोर्स तैयार करेगी। ये कदम बिहार को स्किल्ड मैनपावर का हब बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।

शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर में बिहार को मिलेगा बूस्टर
शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। मोदी जी 400 नवोदय विद्यालयों और 200 एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूलों में 1,200 वोकेशनल स्किल लैब्स का उद्घाटन करेंगे। ये 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले होंगे, जहां आईटी, ऑटोमोटिव, एग्रीकल्चर, इलेक्ट्रॉनिक्स, लॉजिस्टिक्स और टूरिज्म जैसे 12 हाई-डिमांड सेक्टर्स में हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग मिलेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप 1,200 वोकेशनल टीचर्स को भी ट्रेनिंग दी गई है, खासकर दूरदराज और आदिवासी इलाकों के छात्रों के लिए।
बिहार में पीएम-यूषा (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) के तहत पटना यूनिवर्सिटी, भूपेंद्र नारायण मंडल यूनिवर्सिटी (मधेपुरा), जय प्रकाश विश्वविद्यालय (छपरा) और नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी में नए एकेडमिक और रिसर्च फैसिलिटीज की नींव रखी जाएगी। 160 करोड़ रुपये के इन प्रोजेक्ट्स से 27,000 से ज्यादा छात्रों को फायदा होगा, जिसमें मॉडर्न लैब्स, हॉस्टल और मल्टीडिसिप्लिनरी लर्निंग शामिल है। NIT पटना का बिहटा कैंपस भी राष्ट्र को समर्पित होगा, जो 6,500 छात्रों को जगह देगा। यहां 5G यूज केस लैब, ISRO के साथ स्पेस सेंटर और इनोवेशन हब है, जिसने पहले ही 9 स्टार्टअप्स को सपोर्ट किया है।

कार्यक्रम के आखिर में 4,000 नए भर्ती सरकारी कर्मचारियों को अपॉइंटमेंट लेटर्स बांटे जाएंगे। साथ ही, मुख्यमंत्री बालक/बालिका प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत 25 लाख कक्षा 9 और 10 के छात्रों को 450 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से मिलेगी। ये कदम न सिर्फ तत्काल राहत देंगे, बल्कि लॉन्ग-टर्म में बिहार को स्किल्ड वर्कफोर्स का हब बना देंगे।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
