प्रमुख बिंदु-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से देश को GST से जुडी एक बड़ी सौगात देने का ऐलान किया। उन्होंने इस दिवाली से पहले “नेक्स्ट-जेनरेशन GST रिफॉर्म” लागू करने की घोषणा की, जिसमें टैक्स की दरों में भारी कटौती होगी। पीएम ने इसे एक “दोहरी दिवाली” का तोहफा बताया, जो न केवल आम लोगों और छोटे-मध्यम उद्यमों (MSMEs) को राहत देगा, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी नई गति प्रदान करेगा। मौजूदा GST दरें 0% से 28% तक हैं और सरकार अब 12% स्लैब को खत्म करने पर विचार कर रही है।
क्या है GST सुधार का नया प्लान?
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, “पिछले आठ वर्षों में हमने GST में बड़े सुधार किए और टैक्स सिस्टम को सरल बनाया। अब समय आ गया है कि हम इसे और बेहतर करें।” इस “नेक्स्ट-जेनरेशन GST” के तहत सरकार 12% टैक्स स्लैब को खत्म करने की योजना बना रही है। सूत्रों के अनुसार, 12% स्लैब के तहत आने वाली वस्तुओं को 5% और 18% स्लैब में बांटा जाएगा। इससे रोजमर्रा की जरूरतों की चीजें सस्ती होंगी, जिसका सीधा फायदा आम लोगों को होगा।
GST has simplified the tax system for the common citizen.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2025
We are working on next generation GST reforms which will further empower common citizens, MSMEs and industries. pic.twitter.com/jxNfAvVo5T
वर्तमान में GST की पांच मुख्य दरें हैं: 0%, 5%, 12%, 18% और 28%। इनमें से 44% सामान 18% स्लैब में, 21% सामान 5% स्लैब में और 19% सामान 12% स्लैब में आते हैं। नया सुधार लागू होने पर टैक्स ढांचा और सरल हो जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं और व्यवसायों को समझने और अनुपालन करने में आसानी होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देगा और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों, जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियों, के बीच भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा।

आम आदमी और MSMEs को कैसे होगा फायदा?
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि यह सुधार आम लोगों और छोटे-मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा। “यह दिवाली का तोहफा होगा, जिसमें आवश्यक सेवाओं पर टैक्स में भारी कटौती होगी। MSMEs को लाभ होगा, रोजमर्रा की जरूरतों की वस्तुएं सस्ती होंगी और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा,” उन्होंने कहा।
MSMEs भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और इनके लिए कम टैक्स दरें लागत को कम करेंगी, जिससे वे अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे। उदाहरण के लिए, 12% स्लैब में मौजूद कई उत्पाद, जैसे कुछ खाद्य पदार्थ, कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक सामान, अब 5% स्लैब में आ सकते हैं, जिससे उनकी कीमतें कम होंगी। इससे न केवल उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति बढ़ेगी, बल्कि MSMEs को भी अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने का मौका मिलेगा।

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
नए GST सुधार का लक्ष्य उपभोक्ता खर्च को बढ़ाना और अर्थव्यवस्था को गति देना है। विशेषज्ञों का कहना है कि कम टैक्स दरों से शुरुआत में सरकारी राजस्व में कमी आ सकती है, लेकिन बढ़ी हुई बिक्री और बेहतर टैक्स अनुपालन से यह नुकसान जल्द ही पूरा हो जाएगा। हाल के वर्षों में उच्च GST दरों, पूंजीगत लाभ कर और व्यक्तिगत आयकर की ऊंची दरों के कारण टैक्स राजस्व की वृद्धि धीमी हो गई थी। यह सुधार आर्थिक विकास को 6.5% से आगे ले जाने के लिए एक साहसिक कदम माना जा रहा है।
अमेरिका जैसे देशों में हाल की टैरिफ नीतियों ने वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल मचाई है। ऐसे में, भारत का यह कदम घरेलू खपत को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सस्ते उत्पाद और सरल टैक्स सिस्टम से न केवल उपभोक्ता बल्कि निवेशक भी आकर्षित होंगे, जिससे भारत की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी।

जनता की उम्मीदें
GST सुधार की घोषणा ने देशभर में उत्साह पैदा किया है। सोशल मीडिया पर लोग इसे “दोहरी दिवाली” का तोहफा बता रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि यह कदम मध्यम वर्ग और छोटे व्यवसायों के लिए राहत लेकर आएगा। हालांकि, कुछ लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि टैक्स स्लैब में बदलाव का असर किन-किन उत्पादों पर होगा और क्या यह सुधार वाकई में सभी वर्गों के लिए फायदेमंद होगा।
सरकार ने राज्यों के साथ विचार-विमर्श के बाद इस सुधार को अंतिम रूप देने का वादा किया है। सूत्रों के अनुसार, जल्द ही नई टैक्स दरों और स्लैब की विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। इस बीच, जनता को उम्मीद है कि यह सुधार न केवल उनकी जेब पर बोझ कम करेगा, बल्कि भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की ओर ले जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “नेक्स्ट-जेनरेशन GST रिफॉर्म” का वादा इस दिवाली को और भी खास बनाने जा रहा है। कम टैक्स दरें, सरल टैक्स सिस्टम और MSMEs को सहायता जैसे कदम न केवल आम लोगों के लिए राहत लाएंगे, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। यह सुधार वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भारत की ताकत को और बढ़ाने का एक सुनहरा अवसर है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।