प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने भारतीय कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 16 जुलाई 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल (Cabinet) ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ (PM Dhan-Dhanya Krishi Yojana) को मंजूरी दी, जिसके तहत अगले छह वर्षों तक 100 जिलों में 24,000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के परिव्यय के साथ कृषि विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। इस योजना से देश के 1.7 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय बजट 2025-26 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित इस योजना को सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लागू करने की जानकारी साझा की। यह योजना न केवल कृषि उत्पादकता को बढ़ाएगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देगी।
100 जिलों में कृषि को आधुनिक बनाने का उद्देश्य
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का मुख्य उद्देश्य कम उत्पादकता वाले 100 जिलों में कृषि को आधुनिक और टिकाऊ बनाना है। इन जिलों का चयन उनके कम फसल उत्पादन, मध्यम फसल घनत्व और सीमित ऋण उपलब्धता के आधार पर किया गया है। योजना में 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं को एकीकृत किया गया है, जो फसल विविधीकरण, जलवायु-लचीली खेती, और टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा देगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह योजना फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता को बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करने और किसानों की आय बढ़ाने पर केंद्रित है।
यह योजना निति आयोग के ‘आकांक्षी जिला कार्यक्रम’ से प्रेरित है और प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिले को शामिल करेगी। छोटे और सीमांत किसानों, जिनके पास एक हेक्टेयर से कम जमीन है, को विशेष रूप से लक्षित किया जाएगा। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने और प्रवास को कम करने के लिए यह योजना ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देगी।
नीति आयोग के आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम से प्रेरित प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों पर केंद्रित पहली विशिष्ट योजना है।
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) July 16, 2025
विवरणः https://t.co/rQdlzNiwLG @AgriGoI#CabinetDecisions
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किसानों को मिलने वाले लाभ
पीएम धन-धान्य कृषि योजना किसानों के लिए कई तरह की सुविधाएं लेकर आई है। इस योजना के तहत:
- उच्च गुणवत्ता वाले बीज और उर्वरक: किसानों को कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाले बीज और मुफ्त उर्वरक प्रदान किए जाएंगे, ताकि उत्पादन में वृद्धि हो।
- सिंचाई और उपकरणों पर सब्सिडी: पंप, ट्रैक्टर जैसे कृषि उपकरण खरीदने पर सब्सिडी दी जाएगी।
- आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण: किसानों को नई कृषि तकनीकों और उपकरणों के उपयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- ऋण सुविधा: किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है, जिससे किसानों को सस्ते दरों पर ऋण मिलेगा।
- भंडारण और विपणन: फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता को बढ़ाने और किसानों को उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए पंचायत स्तर पर भंडारण सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
इसके अलावा, योजना में दालों, तिलहन और कपास जैसे फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए विशेष मिशन शामिल हैं। उदाहरण के लिए, छह वर्षीय ‘दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन’ तूर, उड़द और मसूर की खरीद को बढ़ावा देगा।

ग्रामीण विकास के लिए 1,88,754 करोड़ रुपये का आवंटन
यह योजना केवल कृषि उत्पादकता तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का भी लक्ष्य रखती है। केंद्रीय बजट 2025 में ग्रामीण विकास के लिए 1,88,754 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो अब तक का सबसे अधिक है। कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह योजना ‘गरीबी मुक्त गांव’ के संकल्प को साकार करेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली और सिंचाई जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास पर जोर दिया जाएगा। साथ ही, महिला सशक्तिकरण के लिए 19,000 करोड़ रुपये खर्च कर 3 करोड़ ‘लखपति दीदियों’ को बढ़ावा दिया जाएगा।
योजना के तहत बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना और राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान की शुरुआत भी की जाएगी, जो मखाना किसानों को उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन में सहायता प्रदान करेगा।

भारतीय कृषि में लाएगी एक नई क्रांति
पीएम धन-धान्य कृषि योजना भारतीय कृषि में एक नई क्रांति लाने की क्षमता रखती है। यह योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि खाद्य सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को भी मजबूत करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है, जो देश के कुल किसानों का एक बड़ा हिस्सा हैं। इसके अलावा, यह योजना जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए टिकाऊ खेती को बढ़ावा देगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग पर जोर दिया है। इससे न केवल स्थानीय समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि भी आएगी।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना भारतीय किसानों के लिए एक नई उम्मीद की कि25 है। 24,000 करोड़ रुपये के वार्षिक परिव्यय के साथ, यह योजना 1.7 करोड़ किसानों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करेगी। फसल विविधीकरण, टिकाऊ खेती और आधुनिक तकनीकों के उपयोग से यह योजना न केवल कृषि क्षेत्र को मजबूत करेगी, बल्कि ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह योजना उन जिलों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी, जहां कृषि उत्पादकता कम है। केंद्र सरकार का यह कदम निश्चित रूप से भारत को ‘विकसित भारत’ के सपने की ओर एक कदम और आगे ले जाएगा।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।