प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली, 3 जुलाई 2025: पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें देश के प्रधानमंत्री के काफिले में मौजूद कार पर तीन ट्रैफिक चालान (Challan) बकाया होने का दावा किया जा रहा है। यह ट्वीट @iamAryan_17 नाम के यूजर ने 1 जुलाई 2025 को पोस्ट किया, जिसमें एक स्क्रीनशॉट और गाड़ी की तस्वीर शेयर की गई। तस्वीर में गाड़ी पर फूलों का हार और SPG (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) के सुरक्षाकर्मी नजर आ रहे हैं, जो इसे प्रधानमंत्री के काफिले का हिस्सा होने का संकेत देती है। लेकिन क्या यह दावा सच है? आइए, जानते हैं इसकी सच्चाई।
क्या है सोशल मीडिया पर वायरल दावा
हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट ने तहलका मचा दिया, जिसमें दावा किया गया कि देश के प्रधानमंत्री की कार पर तीन ट्रैफिक चालान बकाया हैं। इस पोस्ट को यूजर आर्यन सिंह (@iamAryan_17) ने शेयर किया, जिसमें उन्होंने लिखा,
“प्रिय @narendramodi जी, आपकी गाड़ी नंबर DL2CAX2964 पर तीन चालान बकाया हैं। कृपया समय पर चालान जमा कर दें और आगे ऐसा उल्लंघन करने से बचें।”
पोस्ट के साथ शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में एक ट्रैफिक उल्लंघन ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म की जानकारी दिखाई गई, जिसमें वाहन नंबर DL2CAX2964 पर तीन लंबित चालान दर्ज थे। इस स्क्रीनशॉट के साथ एक तस्वीर भी थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक टोयोटा लैंडक्रूजर कार में बैठे देखा गया। इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा छेड़ दी, जिसमें कुछ लोग कानून की समानता की वकालत कर रहे हैं, तो कुछ इस दावे की सत्यता पर सवाल उठा रहे हैं। आर्यन सिंह ने इस पोस्ट में प्रधानमंत्री कार्यालय (@PMOIndia), गृह मंत्रालय (@HMOIndia) और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस (@dtptraffic) को टैग किया, जिससे यह और भी सुर्खियों में आ गया।
Dear @narendramodi ji
— Aryan Singh (@iamAryan_17) July 1, 2025
Your Vehicle no DL2CAX2964 has 3 challans pending , kindly pay the challan on time and avoid any such violation next time
Cc: @PMOIndia @HMOIndia @dtptraffic pic.twitter.com/XMld2phm2E
चालान का विवरण और जनता की प्रतिक्रिया
वायरल पोस्ट में शामिल स्क्रीनशॉट के अनुसार, वाहन नंबर DL2CAX2964 पर तीन चालान दर्ज हैं। इनमें से दो चालान कथित तौर पर 2023 में ओवरस्पीडिंग के लिए और एक चालान 2021 में अवैध पार्किंग के लिए जारी किया गया था। इस दावे ने सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कीं। यूजर्स ने सवाल उठाया कि क्या यह गाड़ी वास्तव में प्रधानमंत्री की निजी सवारी है या सरकारी बेड़े का हिस्सा है। वहीं, कुछ ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा और समयबद्धता देश के लिए सदैव प्राथमिक होती हैं। हालांकि, अभी तक न तो दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और न ही प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है।


क्या कहता है कानून
इस वायरल पोस्ट के बाद कई लोग इस दावे की सच्चाई जानने के लिए उत्सुक हैं। वायरल पोस्ट में दिखने वाला वाहन संभवतः सरकारी बेड़े का हिस्सा हो सकता है, जिसका संचालन SPG द्वारा प्रधानमंत्री के काफिले में किया जाता है।
भारत के प्रधानमंत्री और उनकी सुरक्षा देश की प्राथमिकता होती है। इसके लिए स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) काम करता है और उनकी गाड़ियों और काफिले की देखभाल करता है। SPG की गाड़ियाँ बुलेटप्रूफ और खतरों से बचाने वाली होती हैं। अगर काफिला रुकता है या धीमा होता है, तो दुश्मनों या खतरे का मौका बढ़ सकता है। इसलिए, ट्रैफिक नियमों को हल्का किया जाता है ताकि वे जल्दी और सुरक्षित पहुंच सकें।

मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में कुछ खास वाहनों को आपातकालीन स्थिति में नियमों से छूट मिलती है, जैसे पुलिस, दमकल, या एम्बुलेंस। SPG की गाड़ियाँ भी इस लिस्ट में आती हैं क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी होती हैं। हालांकि, इसमें लिखा नहीं है कि इन्हें पूरी तरह छूट है, लेकिन SPG अधिनियम, 1988 के तहत सुरक्षा प्राथमिकता दी जाती है, सरकार और SPG के खास प्रोटोकॉल के तहत इन्हें ट्रैफिक नियमों से राहत मिलती है। इसका मतलब है कि अगर काफिला तेज चलता है, तो इसे गलती नहीं माना जाता।
क्यों कटा चालान?
आजकल सड़कों पर लगे स्वचालित ट्रैफिक कैमरे ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को पकड़ने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये कैमरे AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से लैस होते हैं और 24 घंटे काम करते हैं। जब कोई गाड़ी तेज चलती है, रेड लाइट तोड़ती है, या गलत जगह पार्किंग करती है, तो ये कैमरे उसकी नंबर प्लेट पढ़ते हैं और तुरंत ई-चालान बना देते हैं। दिल्ली और अन्य शहरों में ये सिस्टम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं।
वायरल ट्वीट में जिस गाड़ी का जिक्र है, उस पर चालान इसलिए कटा क्योंकि ट्रैफिक कैमरों ने उसे आम गाड़ी समझ लिया। ये कैमरे स्वचालित हैं, इसलिए ये यह नहीं जानते कि यह गाड़ी SPG की है या प्रधानमंत्री के काफिले की। नंबर प्लेट स्कैन होने के बाद सिस्टम ने चालान बना दिया, भले ही वह गलत हो। तकनीकी सीमाओं और डेटा की कमी के कारण ऐसा होता है, और इसे बाद में ठीक कर दिया जाता है।

सोशल मीडिया आज की दुनिया में एक बड़ी ताकत बन गया है, और इस वायरल ट्वीट ने इसका सटीक उदाहरण पेश किया है। 1 जुलाई 2025 को पोस्ट किए गए इस ट्वीट ने कुछ ही घंटों में लाखों लोगों का ध्यान खींचा और बहस छेड़ दी। लोग हंसे, सवाल उठाए और अपनी राय दी, जो दिखाता है कि सोशल मीडिया न सिर्फ जानकारी फैलाता है, बल्कि जनता की आवाज को भी मजबूत करता है।
हालांकि, इसकी सच्चाई जांचना जरूरी है, क्योंकि कई बार यह अफवाहों को भी हवा दे देता है, बिना आधिकारिक पुष्टि के इस दावे को पूरी तरह सच मानना जल्दबाजी होगी। इस मामले में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस या संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण की प्रतीक्षा की जा रही है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि क्या वाकई में प्रधानमंत्री के काफिले की गाड़ी पर चालान बकाया हैं या यह कोई तकनीकी गड़बड़ी है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।