प्रमुख बिंदु-
बिहार: राजधानी पटना (Patna) के गर्दनीबाग इलाके में स्थित आमला टोला कन्या विद्यालय में बुधवार, 27 अगस्त 2025 को एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई। पांचवीं कक्षा की एक छात्रा, जोया परवीन, पर स्कूल के बाथरूम में किसी ने कथित तौर पर केरोसिन तेल डालकर आग लगाने की कोशिश की। गंभीर रूप से झुलसी बच्ची को पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
घटना का विवरण
घटना बुधवार सुबह करीब 11 बजे की है, जब जोया परवीन, दमडीया की रहने वाली एक मासूम छात्रा, स्कूल के बाथरूम में गई थी। मीडिया से बातचीत में बच्ची ने बताया, “मैं टॉयलेट करने गई थी, तभी किसी ने पीछे से मुझ पर तेल डाला और आग लगा दी।” प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बाथरूम से धुआं निकलता देख अन्य छात्रों ने शोर मचाया, जिसके बाद स्कूल स्टाफ ने बच्ची को बाहर निकाला। जोया के शरीर का ऊपरी हिस्सा बुरी तरह झुलस गया है और उसके कपड़े पूरी तरह जल चुके थे, केवल पैर में जूते बचे थे।
मौके पर पहुंची पुलिस को एक केरोसिन तेल की बोतल मिली, जिसमें करीब आधा लीटर तेल बचा था। इसके अलावा, बाथरूम के बाहर एक नीला कपड़ा भी पाया गया, जिसकी फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम जांच कर रही है। बाथरूम को सील कर दिया गया है और पुलिस स्कूल में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच में जुटी है, हालांकि बताया जा रहा है कि कैमरे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।
परिजनों और स्थानीय लोगों का गुस्सा
घटना की खबर फैलते ही स्कूल के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तोड़फोड़ शुरू कर दी। कई कक्षाओं में कुर्सियां और टेबल तोड़ दिए गए और पेपर्स फाड़े गए। भीड़ ने पुलिस पर भी हमला किया, जिसमें एक पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारा गया और डंडों से पीटने की कोशिश की गई।

बच्ची की एक पड़ोसी ने कहा, “जोया बहुत मासूम और प्यारी बच्ची है। हमने स्कूल प्रशासन से पूछा कि क्या हुआ, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। स्कूल के आसपास नशा करने वाले लड़के घूमते हैं, जिनके खिलाफ कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।” एक अन्य पड़ोसी ने जोर देकर कहा, “यह सुसाइड का मामला नहीं है। किसी ने बच्ची को जलाने की कोशिश की है। स्कूल में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। कोई भी बिना रोक-टोक अंदर-बाहर जा सकता है।”

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की गंभीरता को देखते हुए सेंट्रल SP दीक्षा मौके पर पहुंचीं और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। उन्होंने बताया, “बच्ची चार-पांच दिन बाद स्कूल आई थी। रसोइए ने उसे पहले देखा और शिक्षकों को सूचना दी। हमने बच्ची को तुरंत PMCH में भर्ती कराया। घटनास्थल से ज्वलनशील पदार्थ और अन्य सबूत मिले हैं, जिनकी FSL जांच चल रही है।”
SP ने यह भी स्वीकार किया कि स्कूल के सीसीटीवी कैमरे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, जिससे जांच में बाधा आ रही है। भीड़ को शांत करने के लिए मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। स्कूल का मुख्य गेट बंद कर दिया गया और कई शिक्षक व छात्र डर के मारे स्कूल छोड़कर भाग गए। पुलिस ने परिजनों से बातचीत शुरू की है और मामले की गहन जांच की जा रही है।

स्कूलों में सुरक्षा पर सवाल
यह घटना स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है। परिजनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि आमला टोला कन्या विद्यालय में न तो पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम हैं और न ही सीसीटीवी कैमरे ठीक से काम करते हैं। एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “स्कूल में कोई सुरक्षा नहीं है। सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग की गई, लेकिन प्रशासन ने कोई जवाब नहीं दिया। यह साफ करना चाहिए कि बच्ची के साथ ऐसा क्यों और कैसे हुआ।” परिजनों का आरोप है कि बच्ची पर किसी तरह का दबाव था, जिसके चलते यह कदम उठाया गया, या फिर यह एक सुनियोजित साजिश थी।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
