ग्लोबल डेस्क: पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत-पाकिस्तान सीजफायर (India-Pakistan Ceasefire) को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावों को सिरे से खारिज कर दिया है। कतर में अलजजीरा को दिए एक साक्षात्कार में डार ने साफ कहा कि भारत ने कभी भी दोनों देशों के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया। डार ने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान बातचीत के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन भारत इसे पूरी तरह द्विपक्षीय मुद्दा मानता है। इस बयान ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संबंधों और तीसरे पक्ष की भूमिका को लेकर चर्चा को हवा दी है।
इशाक डार का सनसनीखेज बयान: “भारत ने मध्यस्थता ठुकराई”
इशाक डार ने अलजजीरा से बातचीत में पहली बार खुलकर स्वीकार किया कि भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया। जब डार से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए तैयार था, तो डार ने जवाब दिया, “हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है।”
डार ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान शांतिप्रिय देश है और हमेशा बातचीत को आगे बढ़ाने का पक्षधर रहा है। डार के इस बयान ने ट्रम्प के बार-बार किए गए दावों पर सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान सीजफायर का श्रेय खुद को दिया था। डार ने साफ किया कि भारत ने इस तरह की किसी भी मध्यस्थता को नकार दिया।
अमेरिका की मध्यस्थता का प्रस्ताव और भारत का जवाब
डार ने साक्षात्कार में बताया कि मई 2025 में अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का प्रस्ताव रखा था। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने सुझाव दिया था कि दोनों देशों के बीच बातचीत किसी तटस्थ स्थान पर हो सकती है। हालांकि, 25 जुलाई को वॉशिंगटन में रूबियो के साथ हुई अगली बैठक में भारत ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
डार ने कहा, “अमेरिकी विदेश मंत्री ने हमें बताया कि भारत हमेशा से कहता आया है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दे द्विपक्षीय हैं।” डार ने यह भी जोड़ा कि भारत का रुख साफ है कि वह किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता। इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत ने अपनी विदेश नीति में स्वतंत्रता और द्विपक्षीय वार्ता पर जोर दिया है।

“बातचीत ही रास्ता, लेकिन भारत तैयार नहीं”
इशाक डार ने अपने साक्षात्कार में बार-बार इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है। डार ने कहा, “हम शांतिप्रिय देश हैं और मानते हैं कि बातचीत ही आगे बढ़ने का रास्ता है। लेकिन इसके लिए दोनों पक्षों की सहमति जरूरी है।” डार ने यह भी कहा कि अगर भारत जवाब देता है, तो पाकिस्तान अभी भी बातचीत के लिए खुला है।
डार ने यह स्पष्ट करने की कोशिश की कि पाकिस्तान किसी भी तरह की मध्यस्थता या बातचीत से पीछे नहीं हट रहा, लेकिन भारत का रवैया इस प्रक्रिया में बाधा बन रहा है। डार का यह बयान पाकिस्तान की उस छवि को पेश करने की कोशिश है, जिसमें वह खुद को शांति का पक्षधर दिखाना चाहता है।

बीजेपी नेता ने राहुल गांधी को लिया आड़े हाथ
डार के इस बयान को भारत में बीजेपी नेता अमित मालवीय ने तुरंत कांग्रेस नेता राहुल गांधी के को आड़े हाथ लिया। मालवीय ने सोशल मीडिया पर डार का बयान शेयर करते हुए लिखा, “राहुल गांधी, ध्यान से सुनिए। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने अलजजीरा को बताया कि भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज कर दिया। झूठ फैलाना बंद करो और पाकिस्तान का दुष्प्रचार दोहराना बंद करो।”
मालवीय का यह बयान उस विवाद की ओर इशारा करता है, जिसमें राहुल गांधी पर ट्रम्प के दावों को समर्थन देने का आरोप लगाया गया था। डार के बयान ने इस राजनीतिक बहस को और हवा दी है, जिसमें भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को लेकर गर्व व्यक्त किया जा रहा है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।