Pahalgam Terror Attack : पहलगाम आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की दर्दनाक मौत, TRF ने ली जिम्मेदारी
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई, जिसमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे। आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), जो पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक छद्म संगठन है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का वरिष्ठ कमांडर सैफुल्लाह खालिद उर्फ सैफुल्लाह कसूरी है, जो हाफिज सईद का करीबी सहयोगी माना जाता है। यह हमला अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले हुआ, जिसने कश्मीर की शांति को एक बार फिर चुनौती दी है।

कौन है सैफुल्लाह खालिद?
सैफुल्लाह खालिद, जिसे सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है, लश्कर-ए-तैयबा का उप-प्रमुख और एक खूंखार आतंकी कमांडर है। वह हाफिज सईद, 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड, का करीबी सहयोगी है। 2017 में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने खालिद को लश्कर-ए-तैयबा की ओर से काम करने के लिए वैश्विक आतंकी घोषित किया था।
वह पेशावर में लश्कर के मुख्यालय का प्रमुख है और जमात-उद-दावा (JuD) की समन्वय समिति का हिस्सा रहा है, जो लश्कर का एक छद्म नाम है। खालिद पर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने वाले भाषण देने और सीमा पार आतंकी घुसपैठ को निर्देशित करने का आरोप है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, उसने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से इस हमले की योजना बनाई और इसे अंजाम देने के लिए TRF के आतंकियों को निर्देश दिए।

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द रेसिस्टेंस फ्रंट: लश्कर का नया मुखौटा
द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद अस्तित्व में आया। भारत के गृह मंत्रालय ने जनवरी 2023 में इसे गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया था। TRF को लश्कर-ए-तैयबा का एक छद्म संगठन माना जाता है, जो कश्मीर में स्थानीय आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया। यह संगठन कश्मीरी पंडितों और प्रवासी मजदूरों पर हमलों के लिए कुख्यात है। TRF ने ऑनलाइन मंचों का उपयोग कर युवाओं को भर्ती किया और नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी में भी शामिल रहा। पहलगाम हमले के बाद TRF ने एक बयान जारी कर दावा किया कि यह हमला “जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों को बसाने और जनसांख्यिकीय परिवर्तन” के खिलाफ था।

पहलगाम हमला: मिनी स्विट्जरलैंड में खूनखराबा
पहलगाम का बैसारन घास का मैदान, जिसे मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से जाना जाता है, इस हमले का केंद्र था। 22 अप्रैल को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए और कई घायल हो गए। हमलावरों ने कथित तौर पर पर्यटकों से उनकी धार्मिक पहचान पूछी और हिंदुओं को निशाना बनाया। इस हमले को 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक माना जा रहा है। हमले में एक स्थानीय ऑपरेटर, सैयद आदिल हुसैन शाह, भी मारा गया, जो पर्यटकों को बचाने की कोशिश कर रहा था।

भारत की प्रतिक्रिया और वैश्विक समर्थन
हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंधों को और कम कर दिया। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और अटारी सीमा को बंद कर दिया। पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक को दिल्ली में तलब किया गया और सैन्य राजनयिकों को निष्कासित करने का नोटिस दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में उच्च स्तरीय बैठक की, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा छोटी कर लौट आए। वैश्विक नेताओं, जिसमें अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और डोनाल्ड ट्रम्प शामिल हैं, ने हमले की निंदा की और भारत के प्रति एकजुटता व्यक्त की।

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जांच और भविष्य की चुनौतियां
जांच एजेंसियों ने हमले में शामिल तीन पाकिस्तानी आतंकियों सहित पांच आतंकियों के स्केच जारी किए हैं और प्रत्येक पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। सूत्रों के अनुसार, लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले को अंजाम देने के लिए गठजोड़ किया। TRF के एक ऑपरेटिव, आसिफ फौजी, को हमले का जमीनी नेतृत्व करने वाला माना जा रहा है। कश्मीर में शांति और पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों के बीच यह हमला एक बड़ा झटका है।
पहलगाम हमला न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को और जटिल बनाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए कितने हद तक जा सकते हैं। भारत सरकार और सुरक्षा बलों के सामने अब चुनौती है कि वे इस तरह के हमलों को रोकें और कश्मीर में स्थायी शांति स्थापित करें।
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बृहस्पति राज पांडेय यूनिफाइड भारत के एक विचारशील पत्रकार और लेखक हैं, जो खेल, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर निष्पक्ष व प्रभावशाली लेखन के लिए जाने जाते हैं। सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर उनकी गहरी पकड़ है। वह नीति-निर्माण, युवा उत्थान और खेल जगत पर विशेष ध्यान देते हैं। युवाओं की आवाज़ को मंच देने और सामाजिक बदलाव के लिए बृहस्पति सतत समर्पित हैं।