Pahalgam Terror Attack: भारत का कड़ा रुख, सीजफायर पर पुनर्विचार
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली, 25 अप्रैल 2025: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नया तनाव पैदा कर दिया है। इस हमले में 26 लोग, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, मारे गए। अब खबरें आ रही हैं कि भारत 25 फरवरी 2021 को पाकिस्तान के साथ हुए सीजफायर समझौते को रद्द करने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान द्वारा आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद पर नियंत्रण न करने, स्नाइपर हमलों, सीजफायर उल्लंघन और नियंत्रण रेखा (LoC) पर घुसपैठ की बढ़ती घटनाओं ने भारत को यह कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर किया है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां किसी भी परिणाम से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

पहलगाम आतंकी हमला
22 अप्रैल 2025 को बाइसारन घाटी में हुआ पहलगाम आतंकी हमला, भारत में पिछले दो दशकों का सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन माना जाता है। हमले के बाद भारत ने कई कड़े कदम उठाए, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी-वाघा सीमा को बंद करना और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं रद्द करना शामिल है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने 1972 के शिमला समझौते को निलंबित कर दिया और भारत के खिलाफ “हर तरह की कार्रवाई” की धमकी दी है।

पाकिस्तान की ओर से बार-बार उल्लंघन
2021 का सीजफायर समझौता दोनों देशों के बीच तनाव कम करने का एक प्रयास था, लेकिन हाल के वर्षों में पाकिस्तान की ओर से बार-बार उल्लंघन की खबरें सामने आई हैं। 24 अप्रैल 2025 को पाकिस्तानी सेना ने LoC पर कई स्थानों पर गोलीबारी की, जिसे भारत ने सीजफायर का गंभीर उल्लंघन माना। भारतीय सेना ने इसका जवाब दिया, लेकिन इस घटना ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया। इसके अलावा, खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों ने घुसपैठ की कोशिशें तेज कर दी हैं, जिससे भारत की सुरक्षा चिंताएं और गहरी हो गई हैं।
सूत्रों का कहना है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां इस बात पर सहमत हैं कि पाकिस्तान अपनी प्रतिबद्धताओं को निभाने में विफल रहा है। पहलगाम हमले के बाद, भारत ने न केवल कूटनीतिक कदम उठाए, बल्कि सैन्य तैयारियां भी तेज कर दी हैं। नौसेना ने अरब सागर में INS विक्रांत को तैनात किया है, और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने श्रीनगर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की है। ये कदम संकेत देते हैं कि भारत अब और सहन करने के मूड में नहीं है।

क्या होगा सीजफायर रद्द होने का असर?
2021 के सीजफायर समझौते को रद्द करने का निर्णय भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक निर्णायक मोड़ ला सकता है। नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी और तनाव में वृद्धि के साथ-साथ सीधे सैन्य टकराव का खतरा बढ़ सकता है। भारत की सेना और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह तैयार हैं, और यह कदम पाकिस्तान को साफ संदेश देगा कि आतंकवाद और सीजफायर उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। कूटनीतिक स्तर पर, दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्ते और खराब हो सकते हैं, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता पर असर पड़ेगा।
पहलगाम हमले ने पाकिस्तान की आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियों को फिर से उजागर किया है। भारत का यह कदम न केवल अपनी संप्रभुता और सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में है, बल्कि वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति भी है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों की संयम की अपील के बावजूद, भारत का ध्यान आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर केंद्रित है। यह कदम पाकिस्तान को मजबूर करेगा कि वह अपनी आतंकवाद-प्रायोजित नीतियों पर पुनर्विचार करे।

भारत की निर्णायक कार्रवाई की तैयारी
पहलगाम हमले ने भारत को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या पाकिस्तान के साथ शांति समझौते बनाए रखने का कोई मतलब है। सूत्रों के मुताबिक, भारत की सुरक्षा एजेंसियां और सरकार इस दिशा में गंभीरता से विचार कर रही हैं। अगर सीजफायर रद्द होता है, तो यह दोनों देशों के बीच एक नए तनावपूर्ण युग की शुरुआत हो सकती है। फिलहाल, भारत अपनी सैन्य और कूटनीतिक तैयारियों को मजबूत कर रहा है, ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।