वाराणसी: शास्त्रीय संगीत के दिग्गज और पद्मविभूषण से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र (Pandit Chhannulal Mishra) की तबीयत अचानक बिगड़ने से उनके प्रशंसकों और संगीत प्रेमियों में चिंता की लहर दौड़ गई है। 89 वर्षीय पंडित जी को माइनर हार्ट अटैक के बाद वाराणसी के BHU सर सुंदरलाल अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया है। पंडित छन्नूलाल मिश्र, जो 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक रहे, अपनी अनूठी गायकी के लिए देश-विदेश में विख्यात हैं।
सीने में उठा दर्द, मिर्ज़ापुर से BHU रेफर
पंडित छन्नूलाल मिश्र की तबीयत गुरुवार रात अचानक खराब हो गई, जब वह मिर्जापुर में अपनी छोटी बेटी प्रो. नम्रता मिश्र के आवास पर थे। प्रो. नम्रता ने बताया कि उनके पिता को सीने में दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद उन्हें तुरंत मिर्जापुर के रामकृष्ण मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टरों ने उनकी प्रारंभिक जांच की और पाया कि उन्हें माइनर हार्ट अटैक हुआ है।
साथ ही, उनके शुगर लेवल में वृद्धि और हीमोग्लोबिन की कमी भी देखी गई। स्थिति को गंभीर मानते हुए, डॉक्टरों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए वाराणसी के BHU सर सुंदरलाल अस्पताल रेफर कर दिया। शनिवार रात को उनकी बेटी नम्रता उन्हें एम्बुलेंस से BHU ले गईं, जहां उन्हें सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के ICU में भर्ती किया गया।
डॉक्टरों की निगरानी में BHU में इलाज
BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल में पंडित छन्नूलाल मिश्र का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में चल रहा है। IMS BHU के डायरेक्टर प्रो. एसएन संखवार के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम उनकी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। प्रो. नम्रता मिश्र ने बताया कि ICU में भर्ती होने के बाद उनके पिता की हालत अब स्थिर है। डॉक्टरों ने उनकी उम्र और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे ब्लड प्रेशर और चेस्ट इंफेक्शन, को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
प्रो. नम्रता ने कहा, “पिताजी की रिपोर्ट में अब सुधार हो रहा है। शुगर लेवल को नियंत्रित करने और हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए डॉक्टर लगातार इलाज कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि मिर्जापुर के रामकृष्ण मिशन अस्पताल में उनके पिता को दो यूनिट ब्लड चढ़ाया गया था, जिसके बाद उनकी हालत में मामूली सुधार हुआ।

शुगर और हीमोग्लोबिन की कमी बनी वजह
प्रो. नम्रता मिश्र, जो मिर्जापुर के केबीपीजी कॉलेज में संगीत विभाग की प्रोफेसर हैं, ने अपने पिता की सेहत के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दिनों से पिताजी का शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ गया था। इसके अलावा, उनके हीमोग्लोबिन का स्तर भी काफी कम हो गया था। इन दोनों समस्याओं के कारण उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें माइनर हार्ट अटैक हुआ।”
नम्रता ने यह भी बताया कि वह पिछले दो साल से अपने पिता के साथ मिर्जापुर के महंत शिवाला स्थित गंगा दर्शन कॉलोनी में रह रही हैं। उन्होंने प्रशंसकों से अपने पिता के लिए प्रार्थना करने की अपील की और कहा, “डॉक्टरों की मेहनत और आप सभी की दुआओं से पिताजी जल्द स्वस्थ होंगे।”
चंदौली सांसद पहुंचे BHU, जाना हाल
पंडित छन्नूलाल मिश्र की तबीयत खराब होने की खबर फैलते ही उनके प्रशंसकों और संगीत प्रेमियों में चिंता की लहर दौड़ गई। वाराणसी और मिर्जापुर के कई जनप्रतिनिधि उनके हालचाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे। MLC धर्मेंद्र राय और सुरेश सिंह ने मिर्जापुर के रामकृष्ण मिशन अस्पताल में देर रात पहुंचकर उनकी सेहत की जानकारी ली। इसके अलावा, चंदौली के सांसद वीरेंद्र सिंह और समाजवादी पार्टी के कुछ पदाधिकारियों ने BHU अस्पताल पहुंचकर पंडित जी की बेटी नम्रता से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। BHU के कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने भी अस्पताल पहुंचकर पंडित जी की स्थिति की जानकारी ली और डॉक्टरों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए।

पंडित छन्नूलाल मिश्र का संगीतमय सफर
पंडित छन्नूलाल मिश्र का जन्म 3 अगस्त 1936 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के हरिहरपुर गांव में हुआ था। उनके दादा गुदई महाराज शांता प्रसाद एक प्रसिद्ध तबला वादक थे। छन्नूलाल ने मात्र छह साल की उम्र में अपने पिता बद्री प्रसाद मिश्र से संगीत की शिक्षा शुरू की। नौ साल की उम्र में उन्होंने किराना घराने के उस्ताद गनी अली खान से खयाल गायकी सीखी। बाद में ठाकुर जयदेव सिंह ने उन्हें प्रशिक्षित किया।
उनकी सांगीतिक शिक्षा बिहार के मुजफ्फरपुर में हुई, लेकिन चार दशक पहले वह वाराणसी आ गए और यहीं अपनी संगीत साधना को नई ऊंचाइयों तक ले गए। पंडित जी किराना और बनारस घराने की गायकी के मिश्रित स्वरों के लिए जाने जाते हैं। उनकी ठुमरी, दादरा, कजरी, चैती और भजन देश-विदेश में लोकप्रिय हैं। उनका गीत “खेले मसाने में होली” आज भी संगीत प्रेमियों की जुबां पर है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रहे हैं प्रस्तावक
पंडित छन्नूलाल मिश्र को उनके संगीतमय योगदान के लिए कई सम्मान प्राप्त हुए हैं। वर्ष 2000 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2010 में पद्मभूषण और 2020 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। वह आल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के शीर्ष ग्रेड कलाकार रह चुके हैं। 2014 में उन्होंने वाराणसी से लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पंडित छन्नूलाल मिश्र का जीवन न केवल संगीत के क्षेत्र में बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। उनकी पत्नी मनोरमा मिश्र और बड़ी बेटी संगीता मिश्र का निधन अप्रैल 2021 में कोविड-19 के कारण हुआ था। इस दुखद घटना ने उन्हें गहरा आघात पहुंचाया। उनकी छोटी बेटी प्रो. नम्रता मिश्र ने बताया कि परिवार में संपत्ति को लेकर भी कुछ विवाद चल रहे हैं, जिसके कारण पंडित जी पिछले दो साल से मिर्जापुर में अपनी बेटी के साथ रह रहे हैं।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
