भारत अब चुप नहीं! ओवैसी ने ‘नाकाम’ पाक को लिया आड़े हाथ!
प्रमुख बिंदु-
वर्ल्ड डेस्क (Asaduddin Owaisi in Bahrain): ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बहरीन में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में पाकिस्तान को “असफल राष्ट्र” करार देते हुए उसकी आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियों की कड़ी निंदा की। बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को वैश्विक मंच पर उजागर करने के लिए सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया का दौरा कर रहा है।

पाकिस्तान की आतंकी साजिशों पर ओवैसी का प्रहार
बहरीन में प्रमुख हस्तियों के साथ बातचीत के दौरान ओवैसी ने कहा, “हमारी सरकार ने हमें यहां भेजा है…ताकि दुनिया को पता चले कि भारत पिछले कई सालों से किस खतरे का सामना कर रहा है। दुर्भाग्य से, हमने कई निर्दोष लोगों की जान गंवाई है। यह समस्या पाकिस्तान से ही उत्पन्न होती है। जब तक पाकिस्तान इन आतंकवादी समूहों को बढ़ावा देना, सहायता देना और प्रायोजित करना बंद नहीं करता, तब तक यह समस्या खत्म नहीं होगी।”
#WATCH | Manama, Bahrain: During an interaction with the prominent personalities, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says, "…Our govt has sent us over here…so that the world knows the threat India has been facing since last so many years. Unfortunately, we have lost so many innocent… pic.twitter.com/ckukFxpGAc
— ANI (@ANI) May 24, 2025
उन्होंने पहलगाम हमले की मानवीय त्रासदी पर जोर देते हुए कहा, “एक महिला की शादी को छह दिन ही हुए थे कि वह सातवें दिन विधवा हो गई। एक अन्य महिला, जिसकी शादी को सिर्फ दो महीने हुए थे, ने भी अपने पति को खो दिया।” ओवैसी ने भारत की रक्षा क्षमता पर भरोसा जताते हुए कहा कि भारत के पास हर खतरे से निपटने की पूरी ताकत है।
FATF ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान की वापसी की मांग
ओवैसी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए सहयोग की अपील की। उन्होंने बहरीन सरकार से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में वापस लाने में भारत का समर्थन करे। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान में बहने वाला पैसा आतंकवाद को बढ़ावा देने में इस्तेमाल हो रहा है। हमें इसे रोकना होगा।”
पाकिस्तान को 2018 में FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया था, लेकिन 2022 में उसे हटा दिया गया। भारत अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद नई खुफिया जानकारी के आधार पर पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को उजागर करने की योजना बना रहा है।

भारत की एकजुटता और कूटनीतिक रणनीति
ओवैसी ने जोर देकर कहा कि भारत में राजनीतिक मतभेदों के बावजूद राष्ट्रीय अखंडता और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी दल एकजुट हैं। उन्होंने कहा, “हमारे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब बात देश की अखंडता की आती है, तो हम एक हैं।”
#WATCH | Manama, Bahrain: During an interaction with the prominent personalities, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says, "…Our govt has sent us over here…so that the world knows the threat India has been facing since last so many years. Unfortunately, we have lost so many innocent… pic.twitter.com/ckukFxpGAc
— ANI (@ANI) May 24, 2025
इस प्रतिनिधिमंडल में बैजयंत पांडा के अलावा निशिकांत दुबे (बीजेपी), फांगनोन कोन्याक (बीजेपी), रेखा शर्मा (एनजेपी), सतनाम सिंह संधू, गुलाम नबी आजाद और पूर्व राजदूत हर्ष शृंगला शामिल हैं। यह दल भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को बेनकाब करने और पहलगाम हमले के जवाब में भारत की रणनीति को स्पष्ट करने के लिए प्रतिबद्ध है।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत का करारा जवाब
पहलगाम हमले के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। भारत अब इस सफलता को वैश्विक मंचों पर प्रस्तुत कर रहा है ताकि पाकिस्तान के आतंकवाद को प्रायोजित करने की नीति को उजागर किया जा सके।
वैश्विक मंच पर भारत की आवाज
भारत ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को 33 देशों की राजधानियों में भेजा है, जिसमें रूस, जापान, दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य देश शामिल हैं। इनका उद्देश्य पाकिस्तान के आतंकी समर्थन को बेनकाब करना और भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को रेखांकित करना है।

ओवैसी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की इस्लामिक देश की छवि “बकवास” है, क्योंकि भारत में 20 करोड़ मुस्लिम आबादी है और भारत सभी धर्मों का सम्मान करता है। उन्होंने तुर्की से भी अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करने की अपील की।
ओवैसी का यह बयान भारत की कूटनीतिक रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो वैश्विक समुदाय को यह संदेश देता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में दृढ़ है। बहरीन में उनकी यह सशक्त उपस्थिति न केवल पाकिस्तान को बेनकाब करती है, बल्कि भारत की एकता और ताकत को भी दर्शाती है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।