भारत का करारा जवाब, पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकाने तबाह!
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली, 7 मई 2025: भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात “ऑपरेशन सिंदूर” (Operation Sindoor) शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के 15 दिन बाद की गई। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के आधिकारिक बयान के अनुसार, कुल नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए, और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया।

रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “थोड़ी देर पहले, भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में उन आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बनाई और संचालित की जाती थी। कुल नौ (9) ठिकानों को निशाना बनाया गया। हमारी कार्रवाई केंद्रित, संयमित और गैर-उत्तेजक थी। भारत ने लक्ष्यों के चयन और हमले के तरीके में काफी संयम बरता है। यह कदम पहलगाम में हुए क्रूर आतंकी हमले के बाद उठाया गया है। हम अपने वादे को पूरा कर रहे हैं कि इस हमले के जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।”
वहीं, भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, “न्याय हो गया। जय हिंद!”
ऑपरेशन सिंदूर: एक निर्णायक जवाब
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। हमले में बाइसारन घाटी में निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया गया, जिसमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पुष्टि की थी कि हमलावरों को पाकिस्तान के विशेष सेवा समूह (SSG) से प्रशिक्षण प्राप्त था, और एक प्रमुख आतंकी, हाशिम मूसा, जो पहले पाकिस्तानी पैरा-कमांडो था, इस हमले में शामिल था।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के तहत नौ आतंकी शिविरों को सटीक हथियारों से नष्ट किया गया। ये शिविर पाकिस्तान के कोटली, बहावलपुर और मुजफ्फराबाद सहित नौ स्थानों पर किए गए। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सैटेलाइट इमेजरी के जरिए इन शिविरों की पहचान की थी, जहां लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के कमांडर और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के बीच नियमित बैठकें होती थीं।

भारत की रणनीति: संयम, शक्ति और जीरो-टॉलरेंस नीति
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति का प्रतीक है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा, “भारत माता की जय!” जिसे व्यापक समर्थन मिला। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी ऑपरेशन सिंदूर की सराहना करते हुए इसे आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के बाद कहा था, “आतंकियों और उनके समर्थकों को धरती के किसी भी कोने में छिपने नहीं दिया जाएगा।” उन्होंने सशस्त्र बलों को “पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता” दी थी, जिसके तहत सेना ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।

पाकिस्तान में बौखलाहट और अलग-थलग दावे
पाकिस्तान ने भारत के इस ऑपरेशन पर अलग-थलग प्रतिक्रिया दी है, और उसके मीडिया व सरकारी बयानों में बौखलाहट साफ झलक रही है।
- पहला, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने जियो टीवी से बातचीत में दावा किया, “भारत ने अपनी ही हवाई सीमा से पाकिस्तान पर मिसाइल हमले किए, जो सीधे नागरिक इलाकों पर गिरे।” उन्होंने इसे भारत की आक्रामकता का सबूत बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की।
- दूसरा, पाकिस्तान के सरकारी न्यूज चैनल PTV न्यूज ने सनसनीखेज दावा किया कि हमले के दौरान पाकिस्तानी सेना ने दो भारतीय फाइटर जेट्स को मार गिराया और मस्जिदों को भी निशाना बनाया गया। PTV ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने LoC के पास भारतीय चेकपोस्ट को तबाह कर दिया।
- तीसरा, पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों ने कहा कि पंजाब प्रांत और PoK में पांच जगहों पर हमले हुए, जिनमें रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बयान जारी कर कहा, “पाकिस्तान को जोरदार तरीके से जवाब देने का पूरा अधिकार है। पाकिस्तान और पाकिस्तानी सशस्त्र बल जानते हैं कि दुश्मन से कैसे निपटना है।” इन बयानों से साफ है कि भारत की कार्रवाई ने पाकिस्तान को रक्षात्मक और आक्रामक दोनों रुख अपनाने पर मजबूर कर दिया है।

22 अप्रैल को पहलगाम की बाइसारन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे। द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), जो लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की प्रारंभिक जांच में पता चला कि हमलावरों को पाकिस्तान की विशेष सेवा समूह (SSG) से प्रशिक्षण मिला था। हमले में शामिल एक प्रमुख आतंकी, हाशिम मूसा, पहले पाकिस्तानी पैरा-कमांडो रह चुका था।
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से पहले कूटनीतिक मोर्चे पर भी कड़े कदम उठाए हैं। सिंधु जल संधि को निलंबित करने, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने और द्विपक्षीय व्यापार पर प्रतिबंध लगाने जैसे कदमों ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया है। विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीतियों की निंदा की है।
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य और खुफिया क्षमताओं को प्रदर्शित किया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ऑपरेशन के बारे में और जानकारी आज जल्द साझा की जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ऑपरेशन भारत की “सर्जिकल स्ट्राइक 2.0” की तरह है, जो आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश देता है।
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