Operation Sindoor: “ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है…” सर्वदलीय बैठक में राजनाथ सिंह ने दी जानकारी, राहुल-ओवेसी बोले “हम सरकार के साथ हैं”

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“पाकिस्तान ने बढ़ाया तनाव तो देंगे करारा जवाब” – सर्वदलीय बैठक में चेतावनी

नई दिल्ली, 8 मई 2025: भारत ने 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 25 पर्यटकों और एक कश्मीरी घोड़ा सवार की निर्मम हत्या हुई थी। इन हमलों ने देश में आक्रोश पैदा किया था, जिसके बाद भारत ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए यह ऑपरेशन शुरू किया।

8 मई 2025 को नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के परिणामों और भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई। इस बैठक में विपक्षी दलों सहित सभी राजनीतिक दलों ने एकजुटता दिखाई और सशस्त्र बलों की कार्रवाई की सराहना की। बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, और अन्य प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया, जिन्होंने सरकार को पूर्ण समर्थन देने का वादा किया।

All Party Meet on Operation Sindoor

ऑल-पार्टी मीटिंग में राजनाथ सिंह का बयान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक में कहा, “ऑपरेशन सिंदूर एक चल रही प्रक्रिया है। भारत इस समय स्थिति को बढ़ाना नहीं चाहता, लेकिन यदि पाकिस्तान कोई आक्रामक कदम उठाता है, तो हम उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।” उन्होंने बताया कि कल के हवाई हमलों में लगभग 100 आतंकवादी मारे गए। रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार संवेदनशीलता के कारण सभी विवरण साझा नहीं कर सकती। उन्होंने कहा, “हमारी सेनाओं ने सटीकता, सावधानी और मानवता के साथ आतंकी शिविरों और उनके बुनियादी ढांचे को नष्ट किया। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने अपनी धरती पर हुए हमले का जवाब देने का अधिकार इस्तेमाल किया।”

राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि आज की बैठक यह दिखाती है कि हम सरकार केवल सत्ता में रहने के लिए नहीं बनाते, बल्कि देश को चलाने के लिए काम करते हैं। उन्होंने सभी नेताओं की एकजुटता की सराहना की और कहा, “देश के सभी राजनीतिक नेता एक ही भाषा बोल रहे हैं, जो एक सकारात्मक संदेश है।”

Rajnath Singh

राहुल गांधी और खरगे का समर्थन

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “हम सरकार के किसी भी कदम का पूरा समर्थन करते हैं। ऑपरेशन से पहले और बाद में ऑल-पार्टी मीटिंग बुलाकर विपक्ष को विश्वास में लेने की सरकार की पहल सराहनीय है।” गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कुछ जानकारी गोपनीय है, इसलिए इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। उन्होंने संसद सत्र बुलाने की मांग भी की, ताकि इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा हो सके।

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “हमने बैठक में सरकार की बात सुनी। उन्होंने कहा कि कुछ गोपनीय जानकारी बाहर साझा नहीं की जा सकती। हमने स्पष्ट किया कि हम सरकार के साथ हैं।” खरगे ने सीमा पर रहने वाले लोगों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया और पूंछ सेक्टर में मारे गए लोगों के परिवारों की देखभाल की मांग की। उन्होंने कहा, “हमने सरकार से कहा कि जिन्होंने पूंछ में अपनी जान गंवाई, उनके परिवारों को सहायता दी जाए। सरकार ने आश्वासन दिया कि सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।” खरगे ने प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया, लेकिन कहा, “यह संकट का समय है, हम किसी की आलोचना नहीं करना चाहते।”

किरेन रिजिजू: सभी दलों की एकजुटता

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सभी दलों के नेताओं ने बैठक में परिपक्वता दिखाई। उन्होंने कहा, “जब देश इस तरह के संकट का सामना कर रहा है, तब राजनीति की कोई जगह नहीं है। सभी नेताओं ने सशस्त्र बलों की सराहना की और कहा कि हम सरकार और सेना के सभी कदमों का समर्थन करेंगे।” रिजिजू ने जोड़ा कि बैठक में कई सुझाव भी मिले, जिन पर विचार किया जाएगा। उन्होंने फर्जी खबरों के खिलाफ चेतावनी दी और कहा, “कई फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं। मैं सभी से अपील करता हूं कि केवल प्रामाणिक जानकारी पर भरोसा करें।”

Rahul and Kharge with Rajnath Singh in All Party Meet

असदुद्दीन ओवैसी के सुझाव

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सशस्त्र बलों और सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा, “मैंने ऑपरेशन सिंदूर के लिए हमारी सेनाओं और सरकार को बधाई दी। मैंने सुझाव दिया कि हमें रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के खिलाफ वैश्विक अभियान चलाना चाहिए। सरकार को अमेरिका से TRF को आतंकी संगठन घोषित करने का अनुरोध करना चाहिए।” ओवैसी ने यह भी सुझाव दिया कि पाकिस्तान को FATF में ग्रे-लिस्ट करने के लिए प्रयास किए जाएं।

उन्होंने कश्मीर में स्थानीय लोगों को गले लगाने और पूंछ में मारे गए लोगों को आतंकी हमले का शिकार घोषित करने की मांग की। ओवैसी ने कहा, “इस ऑपरेशन का सबसे बड़ा परिणाम यह है कि भवालपुर और मुरिदके जैसे आतंकी ठिकाने नष्ट किए गए।” उन्होंने यह भी कहा कि कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने बठिंडा में राफेल विमान के गिरने की खबर दी है, जिसे भारतीय वायुसेना को खारिज करना चाहिए ताकि सेना का मनोबल प्रभावित न हो।

बीजद का पूर्ण समर्थन

बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने कहा, “बीजद और हमारे अध्यक्ष नवीन पटनायक की ओर से हम सरकार को इस महत्वपूर्ण सर्वदलीय बैठक के लिए धन्यवाद देते हैं। बीजद सशस्त्र बलों के असाधारण साहस, सटीकता और पेशेवर रवैये की सराहना करता है। हम अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बलों के किसी भी कदम का दृढ़ समर्थन करते हैं।” पात्रा ने कहा कि यह बयान सदन में भी प्रस्तुत किया गया।

प्रधानमंत्री की उच्च-स्तरीय बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सचिवों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर राष्ट्रीय तैयारियों और अंतर-मंत्रालय समन्वय की समीक्षा की गई। पीएम मोदी ने मंत्रालयों और एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि परिचालन निरंतरता और संस्थागत लचीलापन सुनिश्चित किया जा सके। इस बैठक ने यह स्पष्ट किया कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है और सभी स्तरों पर समन्वित कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है।

PM Narendra Modi Meeting after Operation Sindoor

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ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद पर प्रहार

ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने 25 पर्यटकों और एक कश्मीरी घोड़ा चालक की हत्या कर दी थी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कल कहा था, “पाकिस्तान का सीमा पार आतंक को बढ़ावा देने का लंबा इतिहास है। हमले के बाद से पाकिस्तान ने अपने क्षेत्र में आतंकी बुनियादी ढांचे के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया। हमारी खुफिया जानकारी से पता चला कि भारत के खिलाफ और हमले की योजना बनाई जा रही थी। इसलिए हमें रोकथाम और जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।”

Operation Sindoor

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सर्वदलीय बैठक ने दिखाया कि भारत इस संकट के समय में एकजुट है। सभी दलों ने सशस्त्र बलों की प्रशंसा की और सरकार के साथ खड़े होने का वादा किया। राजनाथ सिंह की चेतावनी और विपक्ष के समर्थन ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में दृढ़ है।

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