ईरान के खिलाफ इजरायल का ‘Operation Rising Lion’, परमाणु वैज्ञानिकों और IRGC टॉप कमांडर की मौत से बढ़ा क्षेत्रीय तनाव
प्रमुख बिंदु-
Tehran/Jerusalem : इजरायल ने शुक्रवार को ईरान के खिलाफ एक बड़े सैन्य अभियान की शुरुआत की, जिसे ‘Operation Rising Lion’ नाम दिया गया है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वीडियो संदेश में कहा कि यह अभियान तब तक चलेगा, जब तक ईरान से इजरायल के अस्तित्व को खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता। इस ऑपरेशन में ईरान के परमाणु ठिकानों, मिसाइल फैक्ट्रियों और सैन्य कमांडरों को निशाना बनाया गया, जिसमें दो परमाणु वैज्ञानिकों—मोहम्मद मेहदी तेहरानची और फेरेयदून अब्बासी—सहित इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर हुसैन सलामी की मौत की पुष्टि हुई है। इस हमले ने मध्य पूर्व में युद्ध के खतरे को बढ़ा दिया है।
‘Operation Rising Lion’ की शुरुआत
गुरुवार देर रात इजरायली वायुसेना ने प्री-एम्पटिव एयरस्ट्राइक शुरू किए, जिनमें तेहरान, नतांज़, खोरमाबाद और परचिन के सैन्य और परमाणु ठिकाने निशाने पर थे। तस्नीम न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हमलों में मिसाइल उत्पादन इकाइयां, हवाई रक्षा प्रणालियां और सैन्य नियंत्रण केंद्र तबाह हुए। न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि कम से कम छह सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए गए, जिनमें सैन्य कमांडरों के आवास और परमाणु सुविधाएं शामिल थीं। इजरायल ने पूरे देश में आपातकाल लागू कर दिया और नागरिकों को सतर्क रहने को कहा।
इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद की भूमिका इस ऑपरेशन में अहम रही। मोसाद ने गुप्त मिशनों के जरिए ईरान के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रमों को कमजोर करने की रणनीति बनाई। इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की कि नतांज़ की परमाणु सुविधा को निशाना बनाया गया, हालांकि इस्फहान का ठिकाना प्रभावित नहीं हुआ।

निशाने पर परमाणु वैज्ञानिक और सैन्य कमांडर
ईरान की तस्नीम न्यूज़ ने बताया कि हमलों में परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद मेहदी तेहरानची (इस्लामिक आज़ाद यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष) और फेरेयदून अब्बासी (2010 में हत्या के प्रयास से बचे वैज्ञानिक) मारे गए। इसके अलावा, IRGC कमांडर हुसैन सलामी और सेना प्रमुख मोहम्मद बघेरी की भी मौत हुई। रॉयटर्स के अनुसार, ये हमले ईरान के सैन्य और परमाणु कार्यक्रम की रीढ़ तोड़ने के लिए किए गए।

नेतन्याहू का बयान और उद्देश्य
नेतन्याहू ने कहा कि हमने ईरान के परमाणु संवर्धन, हथियार निर्माण, और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों के केंद्र पर हमला किया। उन्होंने दावा किया कि ईरान के पास 9 परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम है, जो IAEA की रिपोर्ट का हवाला देते हुए एक गंभीर खतरा है। इजरायली सैन्य अधिकारी ने प्रेस ब्रीफिंग में तीन प्रमुख खतरे गिनाए:
- परमाणु खतरा: ईरान का गुप्त परमाणु कार्यक्रम, जो 15 परमाणु बम बना सकता है।
- बैलिस्टिक मिसाइलें: ईरान की मिसाइल संख्या को तिगुना करने की योजना।
- प्रॉक्सी समूह: हिजबुल्लाह और हूती जैसे संगठन, जो ईरान के इशारे पर इजरायल पर हमला कर सकते हैं।

ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई ने “कठोर सजा” की धमकी दी और 100 ड्रोन इजरायल की ओर दागे। अल जज़ीरा के अनुसार, ईरान ने सैन्य अभ्यास तेज कर दिए और तीसरी यूरेनियम संवर्धन सुविधा का निर्माण शुरू किया। ईरान ने अमेरिकी ठिकानों पर भी हमले की चेतावनी दी। वॉशिंगटन पोस्ट ने बताया कि ईरान का जवाब इजरायल की हवाई रक्षा को अभिभूत कर सकता है।

अमेरिका और वैश्विक प्रतिक्रिया
अमेरिका ने खुद को ऑपरेशन से अलग रखा। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यह इजरायल की एकतरफा कार्रवाई है। हमारी प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी सेना की सुरक्षा है। अमेरिका ने इराक और खाड़ी क्षेत्र से गैर-आवश्यक कर्मियों और सैन्य परिवारों को निकाला।
क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव
हमले से मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है। वॉशिंगटन पोस्ट ने बताया कि यह ऑपरेशन अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता को पटरी से उतार सकता है। भारतीय दूतावास ने नागरिकों को गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी। तेहरान में धमाकों से कई इमारतें तबाह हुईं।
‘Operation Rising Lion’ इजरायल की आक्रामक रणनीति का हिस्सा है, जो ईरान के परमाणु और सैन्य खतरे को खत्म करने पर केंद्रित है। हालांकि, ईरान की जवाबी कार्रवाई और प्रॉक्सी समूहों की सक्रियता क्षेत्र को युद्ध की ओर धकेल सकती है।

बृहस्पति राज पांडेय यूनिफाइड भारत के एक विचारशील पत्रकार और लेखक हैं, जो खेल, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर निष्पक्ष व प्रभावशाली लेखन के लिए जाने जाते हैं। सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर उनकी गहरी पकड़ है। वह नीति-निर्माण, युवा उत्थान और खेल जगत पर विशेष ध्यान देते हैं। युवाओं की आवाज़ को मंच देने और सामाजिक बदलाव के लिए बृहस्पति सतत समर्पित हैं।