प्रमुख बिंदु-
चेन्नई, 11 जुलाई 2025: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने हाल ही में इस हमले के जवाब में शुरू किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” पर पहली बार खुलकर बयान दिया, जिसमें उन्होंने भारत की सटीकता और स्वदेशी तकनीक पर गर्व जताया। 6-7 मई 2025 की रात को शुरू हुए “ऑपरेशन सिंदूर” ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की ताकत को प्रदर्शित किया और वैश्विक मंच पर चर्चा का विषय बन गया।
“हमारा हर निशाना सटीक था।” – NSA
NSA अजीत डोभाल ने IIT मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह में कहा, “हमें गर्व है कि इस ऑपरेशन में ब्रह्मोस से लेकर रडार तक, सब कुछ स्वदेशी था। हमने सीमापार 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जो बॉर्डर क्षेत्र में नहीं थे। हमारा हर निशाना सटीक था।” भारत ने इस ऑपरेशन को सिर्फ 25 मिनट में पूरा किया, जिसमें ISRO की सैटेलाइट तस्वीरों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इन तस्वीरों ने यह सुनिश्चित किया कि हमले केवल आतंकी ठिकानों तक सीमित रहें और नागरिकों को कोई नुकसान न हो।
डोभाल ने विदेशी मीडिया की उन खबरों की भी आलोचना की, जिनमें भारत को नुकसान होने का दावा किया गया था। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, “विदेशी प्रेस ने लिखा पाकिस्तान ने यह किया…. वो किया, आप मुझे एक भी फोटो या सबूत दिखाइए जिसमें भारत में किसी इमारत को नुकसान हुआ हो, एक कांच तक टूटा हो।”

9 आतंकी ठिकानों पर सटीक एयरस्ट्राइक
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक एयरस्ट्राइक की। इन ठिकानों में मुजफ्फराबाद, कोटली, मुरीदके, सियालकोट और बहावलपुर जैसे क्षेत्र शामिल थे। भारतीय सेना ने 24 मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जिसमें स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल और S-400 वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग हुआ। इन हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद के नेता मौलाना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और उनके चार करीबी सहयोगी शामिल थे।

पाकिस्तान का हुआ नुकसान
ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया। 14 मई को सामने आई सैटेलाइट तस्वीरों ने सरगोधा, नूर खान (चकलाला), भोलारी, जैकोबाबाद, सुक्कुर और रहीम यार खान जैसे पाकिस्तानी एयरबेस पर हुए नुकसान को उजागर किया। इन हमलों में 6 पाकिस्तानी लड़ाकू विमान, 2 AWACS, 1 C-130 परिवहन विमान और कई ड्रोन नष्ट हुए। भारतीय वायुसेना के राफेल और Su-30 विमानों ने इन हमलों में अहम भूमिका निभाई।
पाकिस्तान ने इन हमलों को “नागरिक क्षेत्रों पर हमला” बताकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शिकायत की। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे “कायराना” और “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया, जबकि रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दामन दो मस्जिदों और एक बच्चे के प्रभावित होने का दावा किया। हालांकि, भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि मस्जिदों की आड़ में आतंकी गतिविधियां चल रही थीं।

डोभाल की रणनीति और भारत की कूटनीति
NSA अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति को गुप्त और सटीक रखने में अहम भूमिका निभाई। शीर्ष सरकारी सूत्रों के अनुसार, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर इस ऑपरेशन की योजना बनाई और इसे गोपनीय रखा। हमले से पहले और बाद में डोभाल ने कई देशों के सुरक्षा सलाहकारों से बातचीत की, ताकि भारत की कार्रवाई को सही संदर्भ में समझा जाए। उनकी कूटनीति ने पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने में मदद की।

10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति बनी, लेकिन इस ऑपरेशन ने दक्षिण एशिया में तनाव को बढ़ा दिया। भारत ने साफ किया कि वह शांति चाहता है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ उसका रुख अडिग रहेगा। डोभाल के शब्दों में, “हम जंग नहीं चाहते, लेकिन अगर पाकिस्तान ने हरकत की, तो हम तैयार हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल भारत की सैन्य ताकत को दिखाया, बल्कि स्वदेशी तकनीक और रणनीतिक चतुराई का भी परिचय दिया। यह ऑपरेशन भारत के इतिहास में एक मील का पत्थर बन गया है, जिसने आतंकवाद के खिलाफ देश के दृढ़ संकल्प को दुनिया के सामने रखा।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।