पूर्वोत्तर में कुदरत का कोप: बाढ़ ने छीना सबकुछ!
प्रमुख बिंदु-
Northeast Weather Update: पूर्वोत्तर भारत में मानसून की शुरुआत ने भारी तबाही मचाई है। सिक्किम, असम, मणिपुर, त्रिपुरा और नागालैंड में मूसलाधार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन को पूरी तरह ठप कर दिया है। तीस्ता, ब्रह्मपुत्र और अन्य नदियों में उफान ने सड़कों, पुलों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है। हजारों लोग फंसे हुए हैं, और राहत कार्यों में मौसम की मार चुनौतियां बढ़ा रही है।

सिक्किम: पर्यटक फंसे, तीस्ता नदी में उफान
सिक्किम में भारी बारिश ने हालात को गंभीर बना दिया है। मंगन जिले के लाचेन और लाचुंग में लगभग 1,500 पर्यटक फंसे हुए हैं। तीस्ता नदी के तेज बहाव ने फिदांग और संगकालांग बेली ब्रिज को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे सड़क संपर्क टूट गया है। सीमा सड़क संगठन (BRO) सड़कों को साफ करने में जुटा है, लेकिन थेंग में एक बड़ा पत्थर अभी भी रास्ते में बाधा बना हुआ है। नीमचेन प्रेमलखा के पास भूस्खलन ने स्थिति को और जटिल कर दिया है। अधिकारियों ने यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
मुंसीथांग में एक कार के नदी में गिरने से नौ पर्यटक लापता हैं, जिसमें ओडिशा, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा के लोग शामिल थे। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।

त्रिपुरा: जलमग्न अगरतला, राहत शिविरों में हजारों
त्रिपुरा में मूसलाधार बारिश ने अगरतला को जलमग्न कर दिया। पिछले 24 घंटों में 200 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे एक व्यक्ति की मैनहोल में गिरने से मौत हो गई। पश्चिम त्रिपुरा, उनाकोटी और उत्तरी त्रिपुरा में बाढ़ ने 65,400 लोगों को प्रभावित किया, जिनमें से 10,600 को 450 राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। हावड़ा नदी का जलस्तर बढ़ने से स्थिति और गंभीर हो गई है। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने राहत शिविरों का दौरा कर लोगों की स्थिति का जायजा लिया।

मणिपुर: इंफाल में बाढ़, 3,802 प्रभावित
मणिपुर में पिछले 48 घंटों में बाढ़ और भूस्खलन ने 3,802 लोगों को प्रभावित किया और 883 घरों को नुकसान पहुंचा। इंफाल पूर्वी और पश्चिमी जिलों में इरिल और इंफाल नदियों के तटबंध टूटने से कई इलाके जलमग्न हो गए। खुरई, हिंगांग और चेकोन में बाढ़ ने ऑल इंडिया रेडियो और जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान जैसे प्रतिष्ठानों को प्रभावित किया। सेना, असम राइफल्स और एनडीआरएफ ने 8,000 लोगों को बचाया। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्कूलों में छुट्टियां बढ़ाने का आदेश दिया।
कांग्रेस नेता केशाम मेघचंद्र सिंह ने जल संसाधन विभाग की नाकामी पर सवाल उठाए, जबकि सांसद अंगोमचा बिमोल अकोईजाम ने बाढ़ को ‘राज्य आपदा’ घोषित करने की मांग की।

नागालैंड: सड़क धंसने से यातायात ठप
नागालैंड में कोहिमा-माओ मार्ग पर राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर फेसामा के पास सड़क 4 फीट धंस गई, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। कोहिमा के डिप्टी कमिश्नर ने भारी वाहनों को खुजामा और सेचु जुब्जा में रोकने का आदेश दिया। लोगों को क्षतिग्रस्त बिजली खंभों के पास जाने से मना किया गया है।
असम: भूस्खलन और बाढ़ से 8 की मौत
असम में भारी बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई। गुवाहाटी के चापाईडांग में भूस्खलन से एक परिवार के कई सदस्य मारे गए। सिलचर में 42 सेमी, करीमगंज में 35 सेमी और हैलाकांडी में 30 सेमी बारिश दर्ज की गई। ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे 15 जिले प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने निचले इलाकों में सतर्कता बरतने की सलाह दी, और मृतकों के परिवारों के लिए 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की गई।

राहत और बचाव कार्य
केंद्र और राज्य सरकारें राहत कार्यों में जुटी हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम, सिक्किम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और स्थानीय स्वयंसेवक प्रभावित लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। प्रियंका गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सहायता की अपील की।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 30 मई से 2 जून तक असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा और नागालैंड में भारी बारिश की चेतावनी दी है। कुछ इलाकों में 30 सेमी से अधिक बारिश की संभावना है। पश्चिम त्रिपुरा और खोवाई के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
पूर्वोत्तर भारत में समय से पहले आए मानसून ने भारी तबाही मचाई है। 32 लोगों की मौत और लाखों प्रभावित होने के साथ, यह आपदा जलवायु परिवर्तन और बेहतर आपदा प्रबंधन की जरूरत को रेखांकित करती है। सरकार और राहत टीमें स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी हैं, लेकिन मौसम की अनिश्चितता चुनौतियां बढ़ा रही है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।