GST के बाद अब हो सकते हैं ये बड़े सुधार! आम आदमी को मिलेगा जबरदस्त फायदा!

GST Reforms New Rules to Benefit Common Man

GST (वस्तु एवं सेवा कर) में हालिया बदलावों के बाद भारत सरकार अब अगली पीढ़ी के सुधारों पर तेजी से काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2025 के अपने भाषण में इन सुधारों की जरूरत पर जोर दिया था, ताकि देश की आर्थिक प्रगति को नई गति मिले। इकनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन सुधारों का मकसद है जमीन, श्रम कानून, टैक्स सिस्टम और कारोबारी नियमों को सरल बनाना, जिससे आम आदमी, किसान, छोटे व्यापारी और उद्योगों को लाभ हो। नीति आयोग के नेतृत्व में गठित टीमें इन सुधारों को लागू करने की दिशा में काम कर रही हैं।

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GST 2.0: टैक्स में क्रांतिकारी बदलाव

GST 2.0 के तहत सरकार ने टैक्स स्लैब को सरल करते हुए चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर दो मुख्य स्लैब (5% और 18%) कर दिया है। इसके अलावा, लग्जरी और हानिकारक सामान जैसे तंबाकू और हाई-एंड कारों पर 40% का विशेष स्लैब लागू किया गया है। रोजमर्रा की जरूरतों जैसे दूध, पनीर, रोटी, और स्वास्थ्य बीमा पर GST पूरी तरह हटा दिया गया है, जबकि टीवी, फ्रिज, छोटी कारें और ऑटो पार्ट्स पर टैक्स 28% से घटाकर 18% किया गया है। इससे आम लोगों की जेब पर बोझ कम होगा और खपत बढ़ेगी।

साथ ही, प्री-फिल्ड GST रिटर्न और तेज रिफंड प्रक्रिया से छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी। ये बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू हो चुके हैं, जो नवरात्रि और दीवाली के त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं के लिए बड़ा तोहफा है।

GST 2.0

सस्ती जमीन, बड़े उद्योग

देश में जमीन की ऊंची कीमतें उद्योगों के लिए बड़ी बाधा हैं। सरकार अब शहरों के आसपास निजी औद्योगिक पार्क स्थापित करने की योजना बना रही है, जहां सस्ती जमीन और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर (ULPIN) और डिजिटल लैंड रिकॉर्ड के जरिए जमीन से जुड़े विवादों को कम करने की कोशिश हो रही है। इससे न केवल बड़े उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को भी सस्ती जमीन मिलेगी, जिससे नए कारोबार शुरू करना आसान होगा। ये कदम भारत को वैश्विक निवेश के लिए और आकर्षक बनाएंगे।

श्रम कानून में बदलाव

पुराने और जटिल श्रम कानूनों को बदलने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। सरकार अब नए श्रम कानूनों को लागू करने पर जोर दे रही है, जो कर्मचारियों और कंपनियों दोनों के लिए फायदेमंद हों। इनमें बेरोजगारी भत्ता जैसी योजनाएं शामिल हैं, ताकि नौकरी छूटने पर कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा बनी रहे। साथ ही, ई-श्रम पोर्टल जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए श्रमिकों को रोजगार और स्किल डेवलपमेंट के अवसर मिलेंगे। ये सुधार नौकरियों को बढ़ाने और श्रमिकों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं।

PM Modi 79th Independence Day 2025 (18)

नियम आसान, निवेश बढ़ेगा

भारत में कारोबारी नियमों की जटिलता और टैक्स से जुड़ी अनिश्चितता निवेशकों के लिए चुनौती रही है। सरकार अब टैक्स नियमों को पारदर्शी और सरल बनाने पर काम कर रही है। पुराने टैक्स मामलों को बार-बार खोलने की प्रथा को खत्म करने की योजना है, ताकि कंपनियां बिना डर के निवेश कर सकें। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कॉन्ट्रैक्ट लागू करने में औसतन चार साल से ज्यादा समय लगता है, जिसे कम करने के लिए न्यायिक प्रक्रियाओं को तेज किया जाएगा। ये कदम कारोबारी माहौल को बेहतर बनाएंगे और विदेशी निवेश को आकर्षित करेंगे।

आर्थिक विकास और रोजगार

इन सुधारों का लक्ष्य है भारत को 2047 तक एक मजबूत और विकसित अर्थव्यवस्था बनाना। नीति आयोग के नेतृत्व में गठित टीमें प्राथमिकता तय कर रही हैं, ताकि सुधारों का लाभ गांव से शहर तक सभी को मिले। विशेषज्ञों का मानना है कि सरल नियम, तेज न्यायिक प्रक्रिया और डिजिटल समाधान कारोबार को गति देंगे, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। GST संग्रह में 2024-25 में 22.08 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड वृद्धि और 1.51 करोड़ टैक्सपेयर्स का बढ़ना इस बात का सबूत है कि सुधारों से अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है।

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