प्रमुख बिंदु-
Varanasi : काशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। जिला प्रशासन ने चौक क्षेत्र में 31 वर्षों से बंद पड़े चित्रा सिनेमाहाल को तोड़कर Multilevel Parking बनाने की योजना तैयार की है। इसके लिए 225 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इस परियोजना से मंदिर क्षेत्र में वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान होगा, और श्रद्धालुओं को सुगम और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा। यह कदम काशी विश्वनाथ धाम की पहुंच को और आसान बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
चित्रा सिनेमाहाल में मल्टीलेवल पार्किंग
जिला प्रशासन ने चित्रा सिनेमाहाल की जमीन के अधिग्रहण और तीन मंजिला Multilevel Parking के निर्माण के लिए 225 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है। इस पार्किंग में 130 कारों और 520 टू-व्हीलर्स के लिए जगह होगी। इसके साथ ही, पार्किंग परिसर में वेटिंग एरिया, फूड कोर्ट और अन्य आधुनिक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। यह परियोजना श्रद्धालुओं की उस समस्या को दूर करेगी, जो मंदिर क्षेत्र में वाहन पार्किंग की कमी के कारण होती है।

वर्तमान पार्किंग सुविधाओं की स्थिति
काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में पार्किंग की समस्या लंबे समय से एक चुनौती रही है। गोदौलिया चौराहे पर बनी Multilevel Parking, जो 2021 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत तैयार की गई थी, 370 टू-व्हीलर्स के लिए है, लेकिन यह हमेशा हाउसफुल रहती है। बेनिया में 90 करोड़ रुपये की लागत से बनी पार्किंग में 470 बड़े वाहन और 130 टू-व्हीलर खड़े हो सकते हैं, लेकिन यह मंदिर से दो किलोमीटर से अधिक दूरी पर है, जिसके कारण श्रद्धालुओं को असुविधा होती है। गोदौलिया का मौजूदा Multilevel Parking स्टैंड केवल 10-12 चार-पहिया वाहनों को समायोजित कर पाता है, जो मांग की तुलना में है।

चित्रा सिनेमाहाल का इतिहास
चित्रा सिनेमाहाल 1932 में काशी के प्रसिद्ध रईस राजा मोतीचंद द्वारा बनवाया गया था, जिनकी मोती झील कोठी भी काफी प्रसिद्ध है। यह सिंगल-स्क्रीन सिनेमाहाल 1994 तक लोगों के मनोरंजन का केंद्र रहा। बदलते समय के साथ यह बंद हो गया और पिछले 31 वर्षों से यह परिसर उपयोग में नहीं था। अब इस ऐतिहासिक इमारत को तोड़कर मल्टीलेवल पार्किंग बनाने की योजना न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ाएगी, बल्कि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत करेगी।

दालमंडी सड़क चौड़ीकरण के साथ समन्वय
जिला प्रशासन ने दालमंडी सड़क चौड़ीकरण प्रोजेक्ट के साथ इस Multilevel Parking योजना को जोड़ा है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद सड़क चौड़ीकरण और पार्किंग निर्माण कार्य एक साथ शुरू होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दालमंडी सड़क चौड़ीकरण की समीक्षा के दौरान पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए त्वरित कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इस परियोजना से न केवल मंदिर क्षेत्र में आवागमन आसान होगा, बल्कि स्थानीय व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

श्रद्धालुओं के लिए राहत
काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं और पितृपक्ष, सावन और जन्माष्टमी जैसे अवसरों पर यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है। वाहन पार्किंग की कमी के कारण श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में कठिनाई होती है। नई Multilevel Parking इस समस्या का स्थायी समाधान प्रदान करेगी। वेटिंग एरिया और फूड कोर्ट जैसी सुविधाएं श्रद्धालुओं को आरामदायक अनुभव प्रदान करेंगी। यह परियोजना काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की भव्यता को और बढ़ाएगी।
प्रशासन की तैयारी
जिला प्रशासन ने इस परियोजना के लिए सभी आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रस्ताव में जमीन अधिग्रहण, निर्माण लागत और सुविधाओं के विकास का पूरा ब्योरा शामिल है। शासन से मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है। यह परियोजना स्मार्ट सिटी मिशन और काशी विश्वनाथ धाम के विकास के व्यापक लक्ष्यों के अनुरूप है।

चित्रा सिनेमाहाल में प्रस्तावित Multilevel Parking काशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक वरदान साबित होगी। 225 करोड़ रुपये की इस परियोजना से न केवल पार्किंग की समस्या हल होगी, बल्कि मंदिर क्षेत्र में आवागमन और सुविधाएं भी बेहतर होंगी। दालमंडी सड़क चौड़ीकरण के साथ यह परियोजना काशी को और अधिक आधुनिक और श्रद्धालु-अनुकूल बनाएगी। यह कदम धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और वाराणसी को विश्वस्तरीय तीर्थस्थल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

बृहस्पति राज पांडेय यूनिफाइड भारत के एक विचारशील पत्रकार और लेखक हैं, जो खेल, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर निष्पक्ष व प्रभावशाली लेखन के लिए जाने जाते हैं। सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर उनकी गहरी पकड़ है। वह नीति-निर्माण, युवा उत्थान और खेल जगत पर विशेष ध्यान देते हैं। युवाओं की आवाज़ को मंच देने और सामाजिक बदलाव के लिए बृहस्पति सतत समर्पित हैं।