प्रमुख बिंदु-
Umar Ansari Arrested: गाजीपुर पुलिस ने माफिया मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को लखनऊ के दारुलशफ़ा इलाके से हिरासत में लिया है। यह कार्रवाई तब हुई जब उमर अपने बड़े भाई और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी के आवास पर मौजूद था। सूत्रों के अनुसार, गाजीपुर पुलिस उमर को पूछताछ के लिए अपने साथ गाजीपुर ले गयी है।
यह गिरफ्तारी अंसारी परिवार के खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाइयों का हिस्सा मानी जा रही है, जो लंबे समय से उत्तर प्रदेश पुलिस के निशाने पर है। पुलिस ने इस कार्रवाई को गोपनीय रखा और उमर को हिरासत में लेने के बाद तुरंत गाजीपुर के लिए रवाना हो गई। इस घटना ने गाजीपुर और लखनऊ में हलचल मचा दी है, क्योंकि अंसारी परिवार का प्रभाव पूर्वी उत्तर प्रदेश में काफी समय से रहा है।

अंसारी परिवार पर कानूनी शिकंजा
मुख्तार अंसारी, जो मऊ से पांच बार विधायक रहा और अपराध की दुनिया में कुख्यात नाम था, उसके परिवार पर वर्तमान में नौ मुकदमे दर्ज हैं। उमर अंसारी और उनके भाई अब्बास अंसारी पर 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन के तीन मामले दर्ज हैं। इनमें मऊ के कोतवाली थाने में दर्ज एक मामले में भड़काऊ भाषण देने और प्रशासन को धमकी देने का आरोप है। इसके अलावा, उमर की मां अफ्शा अंसारी पर भी तीन मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें फर्जी हस्ताक्षर और गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
अफ्शा वर्तमान में फरार है और उसपर 50,000 रुपये का इनाम घोषित है। गाजीपुर पुलिस ने हाल ही में अफ्शा के लखनऊ स्थित एसबीआई खाते में जमा 8.91 लाख रुपये सीज किए, जो एंटी-माफिया अभियान का हिस्सा था। अब्बास अंसारी भी मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य मामलों में कासगंज जेल में बंद हैं, जबकि उनकी पत्नी निकहत बानो पर अब्बास को जेल से भगाने की कोशिश का आरोप है।

उमर अंसारी की गिरफ्तारी
उमर अंसारी की गिरफ्तारी 2022 के विधानसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में हुई मानी जा रही है, जिसमें उसपर और अब्बास पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में उमर को इस मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी, लेकिन हालिया घटनाक्रम से लगता है कि पुलिस ने नए साक्ष्यों या अन्य मामलों के आधार पर यह कार्रवाई की है।
गाजीपुर पुलिस ने हाल ही में 29 इनामी अपराधियों को पकड़ने के लिए 15 दिन का विशेष अभियान शुरू किया था, जिसमें अंसारी परिवार के सदस्य भी निशाने पर थे। उमर की गिरफ्तारी इसी अभियान का हिस्सा हो सकती है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, उमर से पूछताछ में उसके खिलाफ दर्ज मामलों, खासकर आचार संहिता उल्लंघन और अन्य आपराधिक गतिविधियों से जुड़े साक्ष्य जुटाए जा सकते हैं।

अंसारी परिवार का इतिहास
मुख्तार अंसारी का परिवार पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति में लंबे समय से प्रभावशाली रहा है। मुख्तार ने 1996 से 2017 तक मऊ सदर सीट से पांच बार विधानसभा चुनाव जीता। उसके बड़े बेटे अब्बास ने 2022 में सुभासपा के टिकट पर यह सीट जीती, लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उसकी विधायकी रद्द हो चुकी है। मुख्तार के भाई अफजल अंसारी गाजीपुर से सपा के लोकसभा सांसद हैं और पहले बसपा सांसद रह चुके हैं।
परिवार के खिलाफ कुल 80 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, अपहरण, धोखाधड़ी और गैंगस्टर एक्ट जैसे आरोप शामिल हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2017 से अंसारी परिवार की अवैध संपत्तियों पर शिकंजा कसना शुरू किया, जिसमें लखनऊ और गाजीपुर में कई संपत्तियां कुर्क की गईं और अवैध निर्माण ढहाए गए। उमर की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट है कि सरकार अंसारी परिवार के खिलाफ अपनी कार्रवाई और तेज करने के मूड में है।

उमर अंसारी की गिरफ्तारी ने एक बार फिर अंसारी परिवार को सुर्खियों में ला दिया है। यह कार्रवाई गाजीपुर और मऊ की राजनीति पर भी असर डाल सकती है, जहां अंसारी परिवार का दबदबा रहा है। पुलिस की सख्ती और लगातार कार्रवाइयों से यह संदेश दिया जा रहा है कि माफिया और उनके सहयोगियों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। उमर से पूछताछ के बाद नए खुलासे हो सकते हैं, जो परिवार के खिलाफ चल रहे अन्य मामलों को और मजबूत कर सकते हैं। वहीं, परिवार के वकील इस गिरफ्तारी को राजनीतिक साजिश बता सकते हैं, जैसा कि उमर ने पहले निकहत की गिरफ्तारी पर दावा किया था।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।