Caste Census: जातिगत जनगणना कराएगी मोदी सरकार, बिहार चुनाव से पहले विपक्ष से छिना बड़ा मुद्दा

Modi Government Approves Caste Census

94 साल बाद जाति जनगणना: बिहार चुनाव से पहले केंद्र सरकार बड़ा फ़ैसला

नई दिल्ली, 30 अप्रैल 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देशभर में जाति आधारित जनगणना (Caste Census) कराने का फैसला किया है। यह निर्णय बुधवार को आयोजित ‘सुपर कैबिनेट’ बैठक में लिया गया, जिसमें राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCPA) ने अगली जनगणना में जाति गणना को शामिल करने की मंजूरी दी। इस फैसले से न केवल सामाजिक न्याय और समावेशी विकास को बल मिलेगा, बल्कि यह बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा राजनीतिक दांव भी साबित हो सकता है।

WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now
Union Minister Ashwini Vaishnaw

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि आगामी जनगणना के फॉर्म में जाति का एक अलग कॉलम होगा, जिसके आधार पर यह पता चलेगा कि देश में किस जाति के कितने लोग हैं। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया और इसे अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया। लेकिन मोदी सरकार समाज के हर वर्ग के हित में काम करती है, और यह फैसला बिना किसी विवाद के लिया गया है।” वैष्णव ने कर्नाटक में हुई जाति जनगणना का जिक्र करते हुए कहा कि कई राज्यों में यह काम गैर-प्रमाणिक तरीके से हुआ, लेकिन केंद्र सरकार इसे केंद्रीय सूची के तहत व्यवस्थित ढंग से कराएगी।

बिहार में मिल सकता है NDA को फायदा

यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। बिहार वह पहला राज्य है, जिसने 2023 में जाति जनगणना कराई थी, और इसका श्रेय विपक्षी नेता जैसे राहुल गांधी और तेजस्वी यादव लेते रहे हैं। लेकिन अब इस फैसले के बाद नीतीश कुमार और बीजेपी को चुनावी प्रचार में बढ़त मिलने की उम्मीद है। वैष्णव ने कहा, “मोदी सरकार का यह कदम सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगा। इससे संसाधनों के बंटवारे, आरक्षण और नीति निर्माण में मदद मिलेगी।”

CM Nitish with PM Modi

विपक्ष के हाथ से छिना बड़ा मुद्दा

विपक्षी नेता, खासकर राहुल गांधी और अखिलेश यादव, लंबे समय से जाति जनगणना की मांग कर रहे थे। राहुल गांधी ने कई बार कहा था कि उनकी सरकार सत्ता में आने पर जाति जनगणना कराएगी और आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को हटाएगी। लेकिन मोदी सरकार के इस फैसले ने विपक्ष के हाथ से यह बड़ा मुद्दा छीन लिया है।

वैष्णव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि “पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 2010 में संसद में इस पर विचार की बात कही थी, लेकिन उनकी सरकार ने केवल एक सर्वे करा कर छोड़ दिया, न कि पूर्ण जनगणना।” भारत में आखिरी बार 1931 में जाति जनगणना हुई थी। आजादी के बाद यह पहला मौका होगा, जब केंद्र सरकार पूर्ण रूप से जाति आधारित जनगणना कराएगी।

Rahul Gandhi

तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया

केंद्र सरकार के जाति जनगणना को राष्ट्रीय जनगणना का हिस्सा बनाने की घोषणा पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने इसे अपनी पार्टी और समाजवादियों की जीत करार दिया। उन्होंने कहा, “यह हमारी 30 साल पुरानी मांग रही है और हमारे पूर्वजों, समाजवादियों व लालू जी की जीत है। पहले हम बिहार के दल के साथ पीएम से मिलने गए थे, लेकिन तब उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया था। आज समाजवादियों की ताकत देखिए कि सरकार को हमारे एजेंडे पर काम करना पड़ रहा है। अब हमारी अगली लड़ाई विधानसभा चुनावों में होगी, जहां हम मांग करेंगे कि जैसे दलित और आदिवासी भाइयों के लिए आरक्षित सीटें हैं, वैसे ही पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए भी आरक्षित सीटें हों।”

अन्य अहम फैसले

कैबिनेट की बैठक में जाति जनगणना के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो देश के विकास और रणनीतिक हितों को मजबूत करेंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि शिलॉन्ग से सिलचर तक 166.8 किलोमीटर लंबे हाईस्पीड कॉरिडोर हाईवे के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 22,864 करोड़ रुपये है, और यह असम और मेघालय को सीधे जोड़कर पूर्वोत्तर राज्यों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी। यह कॉरिडोर न केवल आवागमन को सुगम बनाएगा, बल्कि सीमांत क्षेत्रों में रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होगा।

इसके साथ ही, गन्ना किसानों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए 2025-26 सत्र के लिए गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 355 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। यह MSP उत्पादन लागत (173 रुपये प्रति क्विंटल) से दोगुना है, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। ये फैसले सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, जो क्षेत्रीय विकास, कृषि कल्याण और रणनीतिक बुनियादी ढांचे के विस्तार पर केंद्रित है।

पीएम मोदी की ताबड़तोड़ बैठकें

30 अप्रैल को पीएम मोदी ने एक ही दिन में चार अहम बैठकें कीं। इनमें सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति, राजनीतिक मामलों की कमेटी, आर्थिक मामलों की समिति और सामान्य कैबिनेट की बैठक शामिल थीं। ये सभी बैठकें उनके लोककल्याण मार्ग स्थित आवास पर हुईं। यह तीव्र गतिविधि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच देखने को मिली।

यह भी पढ़ें : पीएम मोदी ने की लगातार 4 बड़ी बैठकें: पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर रणनीति पर चर्चा

ईरान बनाम इसराइल: किसके पास कितनी ताक़त कुशा कपिला का UnderNeat: क्या ये SKIMS जैसा ‘शेप’ ले पाएगा? RCB की ऐतिहासिक जीत पर सोशल मीडिया पर मचा तूफान – देखें किसने क्या कहा ग्लेन मैक्सवेल का ODI रिटायरमेंट! 25 मई 2025: आज का राशिफल!