ELI स्किम को मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी, 3.5 करोड़ से ज्‍यादा को मिलेगी नौकरी! रिसर्च को मिलेगा नया आयाम!

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रोजगार और नवाचार को बढ़ावा देने की बड़ी पहल

नई दिल्ली, 1 जुलाई 2025: केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसले में एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इन्सेंटिव (ELI) योजना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में संगठित और स्थायी रोजगार को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत सरकार अगले दो वर्षों (2025-2027) में 1.07 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन प्रदान करेगी, जिससे लाखों नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।

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इसके साथ ही, सरकार ने रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) स्कीम के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश को भी हरी झंडी दी है, जो एनर्जी, डीप टेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और फार्मास्यूटिकल्स जैसे 17 क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी देते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।

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ELI योजना: रोजगार सृजन का नया मॉडल

ELI योजना दो हिस्सों में लागू होगी, पार्ट A और पार्ट B। पार्ट A उन कर्मचारियों के लिए है जो पहली बार नौकरी शुरू कर रहे हैं। इसके तहत, नई भर्ती होने पर कर्मचारी को एक महीने का वेतन (अधिकतम 15,000 रुपये) दो किश्तों में दिया जाएगा—पहली किश्त नियुक्ति के 6 महीने बाद और दूसरी 12 महीने बाद। यह उन कर्मचारियों के लिए लागू होगा जिनकी मासिक आय 1 लाख रुपये से कम है। पार्ट B के तहत, नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो साल तक हर महीने 3,000 रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए यह अवधि 4 साल होगी।

यह राशि हर छह महीने में दी जाएगी। यह योजना 1 अगस्त 2025 से शुरू होगी और 31 जुलाई 2027 तक चलेगी। इसका लक्ष्य अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियां सृजित करना है, जिससे संगठित क्षेत्र में रोजगार और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।

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RDI स्कीम: नवाचार और आत्मनिर्भरता की ओर कदम

रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) स्कीम के तहत सरकार 17 प्रमुख क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इन क्षेत्रों में एनर्जी सिक्युरिटी, डीप टेक, AI, फार्मा, डिजिटल कृषि और अन्य उभरते सेक्टर शामिल हैं। इस स्कीम का उद्देश्य भारत को वैश्विक स्तर पर तकनीकी नवाचार का केंद्र बनाना है। यह योजना न केवल तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देगी, बल्कि मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी। यह आत्मनिर्भर भारत के विजन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक मजबूत खिलाड़ी बनाएगा।

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भविष्य की संभावनाएं और प्रभाव

ELI और RDI योजनाएं भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखती हैं। ELI योजना मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार सृजन को बढ़ावा देगी, जिससे युवाओं को स्थायी और संगठित रोजगार मिलेगा। वहीं, RDI स्कीम तकनीकी और वैज्ञानिक नवाचार को प्रोत्साहित करेगी, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकेगा। इन योजनाओं से न केवल घरेलू उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि विदेशी निवेश भी आकर्षित होगा, जैसा कि PLI स्कीम के तहत पहले देखा जा चुका है, जिसने 3 लाख से अधिक नौकरियां सृजित कीं और 45,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया। ये योजनाएं ग्रामीण और छोटे शहरों में भी रोजगार के अवसर बढ़ाएंगी, जिससे पलायन की समस्या कम होगी।

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