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सेहत डेस्क: गर्मी और उमस का मौसम आते ही सिरदर्द और माइग्रेन (Migraine) की समस्या कई लोगों के लिए मुसीबत बन जाती है। तेज धूप, चिपचिपी उमस और बढ़ता तापमान न सिर्फ शरीर को थकाते हैं, बल्कि माइग्रेन के दर्द को भी ट्रिगर करते हैं। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि गर्म मौसम में माइग्रेन के मामले बढ़ जाते हैं, जिससे मरीजों को गंभीर सिरदर्द, उल्टी और थकान जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन चिंता न करें, कुछ आसान उपायों से आप इस दर्द से राहत पा सकते हैं। आइए जानते हैं कि गर्मी और उमस में माइग्रेन क्यों बढ़ता है, इसके पीछे क्या वैज्ञानिक कारण हैं और इससे बचने के लिए क्या करें।
गर्मी और उमस माइग्रेन को कैसे ट्रिगर करते हैं?
वैज्ञानिकों ने गर्मी और Migraine के बीच गहरा संबंध पाया है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी के हेडेक एंड फेशियल पेन सेंटर के डायरेक्टर विन्सेंट मार्टिन के नेतृत्व में हुई एक स्टडी के अनुसार, तापमान में हर 0.12 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी सिरदर्द की संभावना को 6% तक बढ़ा देती है। गर्मी और उमस के कारण शरीर में कई बदलाव होते हैं, जो माइग्रेन को भड़काते हैं। इसके प्रमुख कारण हैं:
- डिहाइड्रेशन: गर्मी में पसीने के कारण शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। इससे मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति प्रभावित होती है, जिसके परिणामस्वरूप सिरदर्द शुरू हो सकता है।
- तापमान में उतार-चढ़ाव: एयर कंडीशनर से बाहर तेज धूप में निकलने पर शरीर को तापमान के अचानक बदलाव का सामना करना पड़ता है। यह थर्मोरेग्यूलेशन को बिगाड़ता है, जिससे माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है।
- उमस का प्रभाव: उच्च उमस के कारण पसीना सूख नहीं पाता, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित नहीं हो पाता। यह माइग्रेन के दर्द को बढ़ाने का एक बड़ा कारण है।
- तेज धूप और पर्यावरणीय कारक: तेज धूप और प्रदूषण आंखों और मस्तिष्क पर दबाव डालते हैं। खराब वायु गुणवत्ता, परागकण और एलर्जी भी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं।

हाल के वैज्ञानिक शोध क्या कहते हैं?
हाल के शोधों ने गर्मी और माइग्रेन के बीच संबंध को और स्पष्ट किया है। जून 2024 में प्रकाशित एक स्टडी में शोधकर्ताओं ने 660 माइग्रेन मरीजों के 71,030 दैनिक डायरी रिकॉर्ड का विश्लेषण किया। इसमें पाया गया कि तापमान में मामूली वृद्धि भी सिरदर्द की संभावना को बढ़ा देती है। इसके अलावा, एक अन्य अध्ययन में यह भी पाया गया कि गर्मी के साथ-साथ नींद की कमी, तनाव और हार्मोनल असंतुलन भी माइग्रेन को बढ़ावा देते हैं। ये शोध भविष्य में माइग्रेन के इलाज के लिए नई दवाओं और उपायों की संभावनाएं खोल रहे हैं।
माइग्रेन से बचाव के आसान और प्रभावी उपाय
गर्मी और उमस में Migraine से बचने के लिए कुछ आसान उपाय अपनाकर आप इस दर्द को काफी हद तक कम कर सकते हैं। ये उपाय न सिर्फ प्रभावी हैं, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में आसानी से शामिल किए जा सकते हैं:
- हाइड्रेटेड रहें: दिन में 2-3 लीटर पानी पिएं। नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ या सेंधा नमक मिला पानी इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित रखता है। कैफीन और शराब से बचें, क्योंकि ये डिहाइड्रेशन को बढ़ाते हैं।
- धूप से बचाव: बाहर निकलते समय सनग्लास, टोपी या छाता इस्तेमाल करें। दोपहर 12 से 3 बजे के बीच तेज धूप में बाहर जाने से बचें। हल्के और सूती कपड़े पहनें।
- ठंडा और शांत वातावरण: घर में एयर कंडीशनर या पंखे का उपयोग करें। माइग्रेन होने पर शांत और अंधेरे कमरे में आराम करें। ठंडे पानी से नहाना या माथे पर ठंडा कपड़ा रखना भी राहत देता है।
- हेल्दी डाइट और नींद: ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ (जैसे बादाम, पालक) खाएं। 7-8 घंटे की नियमित नींद लें।
- तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीकों से तनाव कम करें। तनाव माइग्रेन का एक बड़ा ट्रिगर है।

माइग्रेन होने पर क्या करें?
अगर Migraine का दर्द शुरू हो जाए, तो तुरंत शांत और अंधेरे कमरे में लेट जाएं। एक गिलास पानी पिएं और अगर डॉक्टर ने कोई दवा दी है, तो उसे लें। ठंडे कपड़े से माथे की सिकाई करें। अगर दर्द बार-बार हो रहा है या बहुत गंभीर है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। माइग्रेन के बार-बार होने पर न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेकर निवारक उपचार शुरू किए जा सकते हैं।
गर्मी और उमस में Migraine की समस्या बढ़ना आम है, लेकिन सही जानकारी और सावधानियों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि डिहाइड्रेशन, तापमान में बदलाव और उमस माइग्रेन के प्रमुख कारण हैं। पर्याप्त पानी पीना, धूप से बचाव, हेल्दी डाइट और तनाव प्रबंधन जैसे उपाय इस दर्द को कम करने में मददगार हैं। अगर माइग्रेन बार-बार परेशान कर रहा है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना न भूलें। इन आसान उपायों को अपनाकर आप गर्मी और उमस के मौसम में भी स्वस्थ और तनावमुक्त रह सकते हैं।
यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। यूनिफाइड भारत आपको सलाह देता है कोई भी उपाय अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।