प्रमुख बिंदु-
मेरठ (Meerut): प्रेम का नशा कभी-कभी इंसान को शैतान बना देता है, लेकिन जब यह नशा एक मां को अपने ही बच्चे पर क्रूरता करने को मजबूर कर दे, तो समाज सिहर उठता है। उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक ऐसी ही सनसनीखेज घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने प्रेमी के इशारे पर अपने 10 साल के नाबालिग बेटे पर हैवानियत की हद पार कर दी। बच्चे ने मां के अवैध संबंधों का विरोध किया, तो गुस्से में आकर उसने उसके निजी अंगों में नेल पॉलिश की बोतल और झाड़ू का डंडा घुसेड़ दिया।
घटना का काला अध्याय
घटना मेरठ के एक सामान्य मोहल्ले में हुई, जहां 32 वर्षीय रीता (बदला हुआ नाम) अपने दो बच्चों के साथ रहती है। पति संजय एक प्राइवेट फर्म में सेल्समैन हैं और महीने में ज्यादातर समय दूसरे शहरों में घूमते रहते हैं। इसी मौके का फायदा उठाकर रीता ने पड़ोस के ही 35 वर्षीय राजेश से प्रेम संबंध शुरू कर लिए। दोनों अक्सर घर पर मिलते और बच्चे के स्कूल जाने के बाद घनिष्ठ पल बिताते।
बीते सोमवार को जब 10 साल का बेटा राहुल (बदला नाम) दोपहर में स्कूल से लौटा, तो उसे मां और राजेश को आपत्तिजनक स्थिति में देखकर सदमा लग गया। डरते-डरते उसने विरोध जताया, ‘मां, ये क्या कर रही हो? पापा को बता दूंगा।’ यह सुनकर रीता का गुस्सा फूट पड़ा।
राजेश ने उकसाया, ‘इसे सबक सिखा दो, वरना ये सबको बता देगा।’ बस, इसी उन्माद में रीता ने राहुल को पकड़ लिया। पहले तो उसने मारपीट की, फिर क्रोध में आकर नेल पॉलिश की बोतल उसके प्राइवेट पार्ट्स में धकेल दी। जब बच्चा चीखा, तो झाड़ू का लकड़ी का डंडा भी ठूंस दिया। पूरा वाकया करीब 20 मिनट चला, जिसमें राहुल की कराहें गूंजती रहीं। पड़ोसी महिलाओं ने शोर सुनकर दरवाजा तोड़ा और बच्चे को बचाया।
पुलिस की तत्परता: ‘मां और प्रेमी रातोंरात गिरफ्तार
पड़ोसियों की सूचना पर नौचंदी थाने की टीम मौके पर पहुंची। राहुल को खून से लथपथ देखकर पुलिसकर्मी भी सन्न रह गए। तुरंत एम्बुलेंस बुलाई गई और बच्चे को मेरठ के जिला अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने बताया, ‘मां और प्रेमी को रातोंरात गिरफ्तार कर लिया गया। प्रारंभिक पूछताछ में रीता ने कबूल किया कि राजेश ने ही यह सलाह दी थी।’
पुलिस ने POCSO एक्ट की धारा 5 और 6 के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें यौन शोषण और क्रूरता के आरोप शामिल हैं। इसके अलावा IPC की धारा 323 (मारपीट), 506 (धमकी) और घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत भी चार्जशीट तैयार की जा रही है। प्रेमी राजेश पर भी साजिश रचने का आरोप है, और उसकी मोबाइल कॉल डिटेल्स की जांच चल रही है।

बच्चे की बिगड़ती हालत: पिता के टूटे स्वर
अस्पताल में भर्ती राहुल की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। बच्चे के प्राइवेट अंगों को गंभीर चोटें आई हैं। नेल पॉलिश के केमिकल से जलन हुई है, जबकि झाड़ू के डंडे से आंतरिक क्षति पहुंची है। उसे तुरंत सर्जरी की जरूरत पड़ी, और अब आईसीयू में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम निगरानी कर रही है। पिता संजय को सूचना मिलते ही वे रातों की ट्रेन से लौट आए। वे टूटे हुए स्वर में कहते हैं, ‘मैं बाहर कमाने जाता हूं ताकि बच्चे खुश रहें, लेकिन ये क्या हो गया? न्याय मिलना चाहिए।’
यह हादसा हमें सोचने पर मजबूर करता है कि घर की चारदीवारी के अंदर भी बच्चे सुरक्षित नहीं। क्या हमारा समाज तैयार है ऐसे जख्मों का इलाज करने को?
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।