प्रमुख बिंदु-
Meerut Encounter: उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक बार फिर पुलिस ने अपराध की दुनिया के एक खूंखार चेहरे को हमेशा के लिए मिटा दिया। 25 हजार के इनामी बदमाश शहजाद उर्फ निक्की, जो मासूम बच्चियों के साथ जघन्य अपराधों का आरोपी था, सोमवार सुबह मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना न सिर्फ पीड़ित परिवार को राहत देगी, बल्कि समाज में अपराधियों के लिए एक सख्त संदेश भी है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले की तह तक।
एनकाउंटर की रोमांचक दास्तान
सोमवार तड़के करीब 5:30 बजे मेरठ के सरुरपुर थाना क्षेत्र में सरधना-बिनौली रोड के पास जंगलों में पुलिस की टीम ने एक संदिग्ध बाइक सवार को रोकने की कोशिश की। यह शहजाद उर्फ निक्की था, जो भागने की कोशिश में पुलिस पर गोली चला बैठा। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली उसके सीने में लगी और वह घायल हो गया। पुलिस उसे तुरंत पीएल शर्मा जिला अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि शहजाद पर पहले से ही कई संगीन मुकदमे थे और वह फरार चल रहा था। घटना से ठीक 30 घंटे पहले, 12 अक्टूबर की रात 12:47 बजे, शहजाद ने बहसूमा थाना क्षेत्र में रेप पीड़ित 7 साल की बच्ची के घर पर दो फायर किए थे। पीड़ित परिवार की शिकायत पर पुलिस ने एसओजी टीम लगाई और आखिरकार उसे ट्रैक कर लिया। फोरेंसिक टीम मौके पर सबूत जुटा रही है, जबकि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। एसपी देहात अभिजीत कुमार और सीओ सरधना समेत भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा।

शहजाद की काली करतूतों का इतिहास
शहजाद उर्फ निक्की, 34 साल का निवासी मोहम्मदपुर शकिस्त (बहसूमा), अपराध की दुनिया का पुराना खिलाड़ी था। उस पर बहसूमा, भावनपुर और महमूदपुर सिखेड़ा थानों में चोरी, छेड़छाड़, रेप, हत्या का प्रयास, लूट और हथियारों की तस्करी जैसे 7-8 मुकदमे दर्ज थे। 2019 में स्कूटी चोरी के मामले में जेल गया था, जहां से 20 जनवरी 2025 को रिहा हुआ। रिहाई के महज 5 दिन बाद, 25 जनवरी को उसने अपने साथी के साथ 7 साल की बच्ची को 20 रुपए का लालच देकर गन्ने के खेत में ले जाकर गैंगरेप किया।
इससे पहले 5 साल की एक और बच्ची से रेप का आरोपी था। वह बच्चियों को चॉकलेट या टॉफी का लालच देकर फंसाता था। पीड़ित बच्ची की हालत इतनी गंभीर थी कि थोड़ी देरी होती तो जान चली जाती। परिवार ने पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया, लेकिन शहजाद फरार था। पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था। उसकी हरकतों से इलाके में दहशत फैली हुई थी, और लोग सोशल मीडिया पर उसे ‘दरिंदा’ कहकर पकड़ने की मांग कर रहे थे।

पुलिस की सख्ती
यूपी पुलिस की यह कार्रवाई अपराधियों के खिलाफ चल रही मुहिम का हिस्सा है। एसएसपी ताडा ने कहा कि शहजाद समाज के लिए खतरा था, और पुलिस की जवाबी फायरिंग आत्मरक्षा में थी। घटना के बाद इलाके में शांति है, लेकिन पीड़ित परिवार अब सुरक्षित महसूस कर रहा है। सोशल मीडिया पर लोगों ने पुलिस की तारीफ की, कुछ ने लिखा, “ऐसे वहशियों का यही हश्र होना चाहिए।”
यूपी में अपराध पर लगाम
मार्च 2017 से जुलाई 2025 तक यूपी पुलिस ने 238 अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर किया है। इस दौरान 14,000 से ज्यादा मुठभेड़ हुईं, जिसमें 30,000 से अधिक बदमाश गिरफ्तार हुए और 9,000 को गोली लगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अपराध मुक्त राज्य की दिशा में काम कर रही है। मेरठ जैसे जिलों में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा पर विशेष जोर है। यह घटना बताती है कि अपराधी कितने भी शातिर हों, कानून का शिकंजा उन पर कसता जा रहा है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
