Mauritius PM Ayodhya Visit: मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम 9 से 16 सितंबर 2025 तक भारत की आठ दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं। यह उनके वर्तमान कार्यकाल की पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा है। इस दौरान उन्होंने वाराणसी और अयोध्या में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लिया, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की। उनके साथ पत्नी वीणा रामगुलाम और 70 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है। इस यात्रा से भारत-मॉरीशस के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को और गहराई मिली है।
अयोध्या में CM योगी ने किया भव्य स्वागत
शुक्रवार, 12 सितंबर 2025 को मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम अपनी पत्नी वीणा रामगुलाम के साथ अयोध्या पहुंचे। अयोध्या एयरपोर्ट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका गुलदस्ता देकर भव्य स्वागत किया।

इसके बाद, रामगुलाम अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने 25 मिनट तक रामलला के दर्शन और पूजन किया।

करीब 45 मिनट तक मंदिर परिसर में रहने के बाद, उन्होंने मंदिर की व्यवस्थाओं की सराहना की। इस दौरान, मॉरीशस के पीएम ने स्थानीय लोगों का हाथ जोड़कर अभिवादन भी स्वीकार किया।

रामगुलाम ने कहा कि अयोध्या की आध्यात्मिक ऊर्जा ने उन्हें और उनकी पत्नी को गहरे तक प्रभावित किया। यह दौरा भारत और मॉरीशस के सांस्कृतिक जुड़ाव को और मजबूत करने का प्रतीक बना।

काशी में बाबा विश्वनाथ की पूजा
इससे पहले, शुक्रवार सुबह करीब 9:45 बजे, रामगुलाम ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए। उन्होंने बाबा विश्वनाथ का षोडशोपचार विधि से अभिषेक किया और करीब आधे घंटे तक मंदिर में समय बिताया। इस दौरान, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनका और उनकी पत्नी का स्वागत किया। पूजन के बाद, रामगुलाम ने अपनी पत्नी को सफेद फूलों की माला पहनाई, जिसे देखकर वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजाईं।

गुरुवार शाम को, रामगुलाम दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल हुए। उन्होंने गंगा को पुष्प अर्पित किए और अपनी पत्नी के साथ सेल्फी लेकर इस पल को यादगार बनाया। वाराणसी पहुंचने पर मिले भव्य स्वागत से अभिभूत रामगुलाम ने कहा, “मुझे और मेरी पत्नी को ऐसा स्वागत पहले कभी नहीं मिला। यह मेरे लिए अविस्मरणीय है।”

भारत-मॉरीशस संबंधों को नई ऊंचाई
गुरुवार को वाराणसी में रामगुलाम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और मॉरीशस के बीच ‘उन्नत रणनीतिक साझेदारी’ को और मजबूत करने पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा, “भारत और मॉरीशस सिर्फ साझेदार नहीं, बल्कि परिवार हैं। यह एक आध्यात्मिक मिलन है।”

वार्ता में विज्ञान और प्रौद्योगिकी, समुद्र विज्ञान और ऊर्जा के क्षेत्र में कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। भारत ने मॉरीशस में बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार के लिए आर्थिक सहयोग का आश्वासन दिया। इसके अलावा, एक अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र और फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट की स्थापना की योजना भी बनी। यह यात्रा मार्च 2025 में पीएम मोदी की मॉरीशस यात्रा का अनुसरण करती है, जिसने दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा दी थी।

सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव
भारत और मॉरीशस के बीच संबंध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से गहरे हैं। रामगुलाम ने अपनी यात्रा के दौरान बिहार के अपने पैतृक गांव का भी दौरा किया, जहां उनके दादा गिरमिटिया मजदूर के रूप में मॉरीशस गए थे। इस यात्रा ने प्रवासी भारतीयों के योगदान को रेखांकित किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “मॉरीशस हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच साझा इतिहास और संस्कृति को और मजबूत करेगी।” रामगुलाम ने भारत के स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी को शुभकामनाएं देते हुए कहा था, “हमारे रिश्ते इतिहास और संस्कृति में गहरे निहित हैं।”

आगे मुंबई और तिरुपति के दौरे
रामगुलाम की भारत यात्रा का अगला पड़ाव मुंबई है, जहां वे एक व्यावसायिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसके बाद, वे तिरुपति बालाजी मंदिर के दर्शन के लिए जाएंगे। उनकी पत्नी वीणा ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर से बनारसी साड़ी खरीदी, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक और उदाहरण बना। रामगुलाम की यह यात्रा न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की है, बल्कि भारत-मॉरीशस के आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को भी नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।