प्रमुख बिंदु-
मुंबई (Market Toay): 12 दिसंबर 2025,भारतीय शेयर बाज़ार ने शुक्रवार के सत्र में मजबूत तेजी का प्रदर्शन किया। तीन दिनों की लगातार गिरावट के बाद निवेशकों के मनोबल में स्पष्ट सुधार देखा गया और प्रमुख सूचकांक पूरे दिन हरे निशान में बने रहे। वैश्विक बाज़ारों से मिले सकारात्मक संकेतों, अमेरिकी फेड के नरम रुख तथा घरेलू संस्थागत निवेशकों की सक्रिय खरीदारी ने बाजार की दिशा को मजबूती प्रदान की। निचले स्तरों पर आकर्षक मूल्यांकन के कारण कई निवेशकों ने अवसरवादी खरीदारी की, जिससे व्यापक बाजार में भी तेजी का रुझान दिखाई दिया।

प्रमुख सूचकांक का हाल (Market Today)
सत्र के अंत में BSE सेंसेक्स लगभग 450 अंकों की मजबूत बढ़त के साथ 85,267 के स्तर पर बंद हुआ, जो बाजार में वापस उभरती हुई विश्वास की भावना को दर्शाता है। वहीं Nifty 50 भी 26,000 के महत्वपूर्ण स्तर के ऊपर टिकते हुए लगभग 26,046–26,047 के स्तर पर बंद हुआ, जिससे संकेत मिलता है कि खरीदारों ने पूरे दिन बाज़ार पर पकड़ बनाए रखी।
मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी उल्लेखनीय तेजी देखी गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि केवल बड़े शेयर ही नहीं, बल्कि व्यापक बाजार में भी सकारात्मकता लौटी है। इन श्रेणियों में बढ़त निवेशकों की बढ़ती जोखिम लेने की इच्छा की ओर संकेत करती है।

कारोबार में तेजी के प्रमुख कारण
शुक्रवार की बढ़त मुख्य रूप से वैश्विक बाजारों के समर्थन, फेडरल रिज़र्व के नरम रुख और घरेलू संस्थागत निवेशकों की सक्रियता के कारण रही। कई सेक्टरों में मजबूत खरीदारी देखी गई, जिससे बाजार का स्वरूप व्यापक और संतुलित दिखाई दिया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जोखिम-भावना में सुधार ने भी निवेशकों को अधिक आक्रामक रुख अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
धातु, रियल्टी और बैंकिंग क्षेत्रों में उल्लेखनीय तेजी देखने को मिली, जबकि ऑटो शेयरों ने भी Market को सहारा दिया। इन सेक्टरों में आई मजबूती ने सूचकांकों को स्थिरता प्रदान की और निचले स्तरों से Market की तेजी को और मजबूती मिली। निवेशकों की भागीदारी पूरे सत्र में उत्साहपूर्ण बनी रही।

सेक्टरों का प्रदर्शन
मेटल सेक्टर में Tata Steel और Hindalco जैसे शेयरों में सुदृढ़ खरीदारी देखी गई, जिससे इस क्षेत्र में मजबूती स्पष्ट रूप से दिखाई दी। वैश्विक कमोडिटी रुझानों में सुधार का भी इन शेयरों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में Axis Bank, HDFC Bank और IndusInd Bank जैसे प्रमुख शेयरों ने सूचकांकों में उल्लेखनीय योगदान दिया। इन बैंकों में आई तेजी से बाजार की व्यापक धारणा और मजबूत हुई।
रियल्टी और ऑटो सेक्टर में भी लगातार सुधार देखने को मिला, जिससे बाजार का सकारात्मक रुख और अधिक स्थिर हुआ।
कुछ चुनिंदा FMCG और टेक शेयरों में हल्का दबाव अवश्य दिखाई दिया, परंतु इसकी तीव्रता इतनी नहीं थी कि Market प्रदर्शन पर कोई उल्लेखनीय प्रभाव डाल सके। कुल मिलाकर, बहु-सेक्टोरल मजबूती ने आज के सत्र को व्यापक रूप से सकारात्मक बनाए रखा।

रुपये की स्थिति
आज के कारोबारी सत्र के दौरान भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.55 के आसपास कारोबार करता रहा, जो इसके अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर के बेहद निकट है। रुपये की इस कमजोरी ने आयात लागत बढ़ने की आशंका को भी गहरा किया है, जिससे मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ सकता है।
विदेशी निवेश प्रवाह में कमी, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ और अंतरराष्ट्रीय व्यापार परिस्थितियों में तनाव ने रुपये की गति को और कमजोर किया है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि विदेशी पूँजी का बहिर्वाह इसी तरह जारी रहा, तो रुपये पर दबाव लंबे समय तक कायम रह सकता है।

निवेशकों के लिए संकेत
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, निफ्टी का 26,000 के ऊपर बंद होना Market के लिए एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। यह दर्शाता है कि निचले स्तरों पर निवेशकों द्वारा मजबूत समर्थन विकसित किया गया है और Market में स्थिरता लौटने की संभावनाएँ बढ़ी हैं।
हालांकि, विशेषज्ञ यह भी चेतावनी देते हैं कि रुपये की लगातार कमजोरी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली की प्रवृत्ति पर निकट नजर रखना आवश्यक है। ये दोनों कारक आने वाले दिनों में बाजार की चाल निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। यदि इनमें सुधार नहीं आया, तो बाजार पर पुनः दबाव बन सकता है, भले ही सूचकांक तकनीकी रूप से मजबूत दिखें।

आगे क्या?
आगामी सत्रों में बाजार की चाल घरेलू मुद्रास्फीति के आंकड़ों, विदेशी निवेश प्रवाह, वैश्विक रुझानों और कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करेगी। यदि महंगाई के आंकड़े अनुकूल आते हैं और विदेशी निवेशकों का रुख स्थिर रहता है, तो बाजार में तेजी की धारा और मजबूत हो सकती है।
विशेषज्ञ निवेशकों को पोर्टफोलियो में संतुलन रखने, विविधीकरण पर ध्यान देने और अस्थिरता को देखते हुए सावधानीपूर्ण निवेश रणनीति अपनाने की सलाह दे रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम, विशेषकर अमेरिकी बाज़ार की चाल और डॉलर की मजबूती, भी निकट भविष्य में बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकती है।

डिस्क्लेमर
यह बाज़ार रिपोर्ट केवल सामान्य जानकारी के लिए है। इसे निवेश सलाह न समझें। शेयर Market जोखिमों के अधीन है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।


दिव्यांशु सिंह यूनिफाइड भारत के एक शोधपरक और तथ्य-संवेदनशील कंटेंट राइटर हैं, जो सरकारी नौकरियों, रक्षा समाचार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर विशेषज्ञता रखते हैं। उनके लेख सरकारी परीक्षाओं, नियुक्तियों और नीतिगत बदलावों को सरलता से समझाते हैं, जो लाखों युवाओं के लिए भरोसेमंद सूचना का स्रोत हैं। रोजगार और सामाजिक स्थिरता के लिए सटीक जानकारी देने के साथ-साथ वह रक्षा और अंतरराष्ट्रीय राजनीति जैसे जटिल विषयों को सहज भाषा में प्रस्तुत करने के लिए समर्पित हैं।
