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Durgapur Gangrape Case: पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक मेडिकल छात्रा के साथ हुई गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है, जहां उन्होंने छात्राओं को रात में बाहर न निकलने की सलाह दी। घटना के बाद गिरफ्तारियां हो रही हैं, लेकिन विपक्षी पार्टियां राज्य सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगा रही हैं। आइए जानते हैं इस दिल दहला देने वाली घटना की पूरी कहानी।
घटना का खौफनाक विवरण
पश्चिम बर्धमान जिले के दुर्गापुर में स्थित एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की सेकंड ईयर एमबीबीएस छात्रा के साथ शुक्रवार रात को गैंगरेप की वारदात हुई। ओडिशा की रहने वाली 23 वर्षीय छात्रा अपने एक पुरुष दोस्त के साथ शाम करीब 8 बजे डिनर के लिए कॉलेज कैंपस से बाहर निकली थी। रास्ते में तीन अज्ञात लोगों ने उन्हें रोका। छात्रा का दोस्त उसे अकेला छोड़कर भाग गया, जिसके बाद आरोपियों ने उसे पास के जंगल में घसीटकर ले जाकर दुष्कर्म किया।
उन्होंने छात्रा का मोबाइल फोन छीन लिया और घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। साथ ही, फोन वापस करने के बदले पैसे भी मांगे। छात्रा किसी तरह वापस कॉलेज पहुंची और साथियों को बताया। कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी और एफआईआर दर्ज कराई गई। यह घटना आरजी कर अस्पताल वाले रेप-मर्डर केस की याद दिला रही है, जहां भी एक मेडिकल छात्रा पीड़ित थी।

ममता बनर्जी का विवादित बयान
रविवार को उत्तर बंगाल जाते समय हेलिपैड पर पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा, “यह बेहद चौंकाने वाली घटना है। छात्रा एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही थी, तो कॉलेज प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है। लड़कियों को रात में बाहर जाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए, खासकर सुनसान इलाकों में। रात 12:30 बजे वह कैंपस से बाहर कैसे निकली?”
ममता ने पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए और कहा कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि, उनके इस बयान पर पीड़िता को दोष देने का आरोप लग रहा है। उन्होंने ओडिशा में हुई रेप की घटनाओं का जिक्र कर पलटवार भी किया। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है, जहां कई लोग इसे महिलाओं की आजादी पर सवाल मान रहे हैं।
भाजपा और विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
भाजपा ने ममता सरकार को जमकर घेरा है। केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, “ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को बलात्कारियों और अपराधियों का सुरक्षित ठिकाना बना दिया है। महिलाओं की सुरक्षा में पूरी तरह विफलता है।” भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने घटना पर आक्रोश जताया और कहा कि राज्य में महिलाओं के लिए दुःस्वप्न जैसी स्थिति है। भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने तो ममता सरकार की तुलना तालिबान से की, बोलीं, “हम भाग्यशाली हैं कि अफगानिस्तान में तालिबान है और बंगाल में ममता।”
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी घटना की निंदा की और ममता से सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने ओडिशा सरकार की ओर से पीड़िता के परिवार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि ऐसे मामलों को राजनीतिक रंग न दिया जाए और भाजपा पर फायदा उठाने का आरोप लगाया। दुर्गापुर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जहां लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जांच की स्थिति
पुलिस ने तेजी दिखाते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जो पास के गांवों के रहने वाले हैं। दो आरोपी अभी फरार हैं। पीड़िता के फोन से मिली टावर लोकेशन से आरोपियों का पता चला। पुलिस ने बताया कि घटना कॉलेज के ठीक सामने घने जंगल वाले इलाके में हुई, जहां सीसीटीवी नहीं हैं। जांच में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। एनसीडब्ल्यू की टीम रविवार को दुर्गापुर पहुंची और पीड़िता से मुलाकात की। आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने कहा, “बंगाल में महिलाओं पर अपराध बढ़ रहे हैं, पुलिस को सक्रिय होना चाहिए।” आयोग ने पश्चिम बंगाल पुलिस से 5 दिनों में एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है। पीड़िता का दोस्त भी हिरासत में है, क्योंकि परिवार ने उसे संदिग्ध बताया है।
पीड़िता की हालत और परिवार की अपील
पीड़िता अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन वह सदमे में है। इलाज के दौरान चोटें भी पाई गई हैं। उसके पिता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील की है कि बेटी को ओडिशा ले जाने की अनुमति दी जाए, क्योंकि वहां उसकी सुरक्षा बेहतर होगी। पिता ने कहा, “वह चल नहीं पा रही, इलाज चल रहा है। यहां उसकी जान को खतरा है। मुख्यमंत्री, डीजीपी और अन्य अधिकारी मदद कर रहे हैं, लेकिन हम उसे घर ले जाना चाहते हैं।” परिवार ने बताया कि छात्रा के साथी ने उन्हें रात 9:30 बजे फोन कर घटना की जानकारी दी।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
