Mahavatar Narsimha Movie Review: एनीमेशन, एक्शन और भगवान विष्णु का विराट अवतार पहली बार इस अंदाज में, देखकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे!

Mahavatar Narsimha

मनोरंजन डेस्क/ मूवी रिव्यु: KGF, Kantara के बाद Hombale Films ने फिर कमाल कर दिया है, महावतार नरसिम्हा (Mahavatar Narsimha) आज 25 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में धूम मचाने आगई है, और यह मूवी सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक सिनेमाई धमाका है! होम्बले फिल्म्स और क्लीम प्रोडक्शंस की इस एनिमेटेड मास्टरपीस ने रिलीज के साथ ही तहलका मचा दिया। महावतार नरसिम्हा 3D में भी उपलब्ध है जो इसे और रीयलिस्टिक दर्शाता है।

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इस मूवी के डायरेक्टर अश्विन कुमार ने भगवान विष्णु के रौद्र नरसिम्हा अवतार को इतने कूल और हाई-टेक अंदाज में पेश किया है कि यह बच्चों, युवाओं और परिवारों के लिए एक परफेक्ट वीकेंड वॉच बन गई है। यह महावतार सिनेमैटिक यूनिवर्स की पहली फिल्म है, जो भारतीय पौराणिक कथाओं को टेक्नोलॉजी के जादू से नई पीढ़ी तक ले जा रही है।

X पर यूजर्स इसे “भारतीय एनीमेशन का गेम-चेंजर” कह रहे हैं, और ट्रेलर के वायरल होने के बाद यह मूवी यूथ के बीच हाइप का सेंटर बन चुकी है। आइए जानते हैं कि महावतार नरसिम्हा क्यों है यूथ के लिए एक मस्ट-वॉच और कैसे यह भारतीय संस्कृति को टेक्नोलॉजी के साथ मिक्स करके एनीमेशन पसंद करने वाले ऑडियंस को अपनी जड़ों से जोड़ रही है।

भक्ति और बगावत का धमाकेदार मिक्स कहानी

महावतार नरसिम्हा की कहानी भक्त प्रह्लाद और राक्षस राजा हिरण्यकशिपु के इर्द-गिर्द घूमती है। हिरण्यकशिपु, जो अपने भाई हिरण्याक्ष की मौत का बदला भगवान विष्णु से लेना चाहता है, वह खुद को दुनिया का सबसे बड़ा भगवान घोषित कर देता है। लेकिन उसका बेटा प्रह्लाद, जो विष्णु का सच्चा भक्त है, अपने पिता के अहंकार और अत्याचारों के खिलाफ खड़ा हो जाता है।

हिरण्यकशिपु प्रह्लाद को खत्म करने के लिए आग में जलाने से लेकर जहर देने तक हर मुमकिन कोशिश करता है लेकिन हर बार प्रह्लाद की भक्ति और भगवान विष्णु की शक्ति उसे बचा लेती है। क्लाइमेक्स में भगवान विष्णु अपने सबसे रौद्र अवतार नरसिम्हा के रूप में प्रकट होते हैं और हिरण्यकशिपु का अंत करते हैं। यह कहानी सिर्फ भक्ति की नहीं, बल्कि साहस, बगावत और सच की जीत की है, जो आज के यूथ को अपना स्टैंड लेने की प्रेरणा देती है।

स्क्रीनप्ले को अश्विन कुमार और को-राइटर रुद्र पी. घोष ने इतने स्मार्ट तरीके से लिखा है कि यह न तो पुराने जमाने की लगती है और न ही उपदेश देती हुई लगती है। डायलॉग्स में मॉडर्न टच है। प्रह्लाद की मासूमियत और साहस यह मैसेज देता है कि सच्चा विश्वास कितना पावरफुल हो सकता है।

3D में तहलका मचाने वाला एनीमेशन और VFX

महावतार नरसिम्हा का असली जादू है इसका हाई-टेक एनीमेशन और VFX। भारतीय सिनेमा में पहली बार किसी एनिमेटेड मूवी ने इतने बड़े स्केल पर विजुअल्स क्रिएट किए हैं। नरसिम्हा का ट्रांसफॉर्मेशन सीन, जहां वे आधे इंसान और आधे सिंह के रूप में प्रकट होते हैं, इतना धमाकेदार है कि थिएटर में तालियां बजने लगती हैं। इस सीन को बनाने में 100 से ज्यादा VFX आर्टिस्ट्स ने 8 महीने तक काम किया और लेटेस्ट CGI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ।

फिल्म के बैकग्राउंड्स, चाहे वह हिरण्यकशिपु का भव्य महल हो या प्रह्लाद की प्रार्थना का शांत मंदिर, हर फ्रेम में डिटेलिंग कमाल की है। महायुद्ध के दृश्यों में आग, धुआं और नरसिम्हा की दहाड़ को इतने रियलिस्टिक तरीके से दिखाया गया है कि गहराई के साथ जीवंत हो उठते हैं। महावतार नरसिम्हा का असली जादू है इसका हाई-टेक एनीमेशन और VFX, जो 3D में और भी धमाकेदार हो जाता है। स्टिरियोस्कोपिक 3D में बनाई गई यह फिल्म रियल लगता है। कुछ क्राउड सीन्स में एनीमेशन थोड़ा कमजोर लग सकता है, लेकिन 3D का इमर्सिव अनुभव इसे पूरी तरह कवर कर देता है।

म्यूजिक जो वाइब्स और गूसबम्प्स दे

सैम सी.एस. का म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर इस मूवी को अगले लेवल पर ले जाता है। गाना “फेथ विल रॉर” इतना पावरफुल है कि इसे सुनकर लोग तारीफ ही कर रहे हैं। प्रेयर सीन्स में सॉफ्ट, इमोशनल म्यूजिक और क्लाइमेक्स में नरसिम्हा के अवतरण का थंडरस बैकग्राउंड स्कोर हर सीन को स्पेशल बना देता है।

सैम ने मॉडर्न और ट्रेडिशनल म्यूजिक का ऐसा मिक्स तैयार किया है जो यूथ को वाइब्स देता है। यह म्यूजिक न सिर्फ मूवी को सपोर्ट करता है, बल्कि इसे दर्शकों के बिच लोकप्रियता भी दिलाता है।

इमोशन्स का रियल डोज

हालांकि यह एक एनिमेटेड मूवी है, लेकिन किरदारों की भावनाएं इतनी रियल लगती हैं कि आप स्क्रीन से नजरें नहीं हटा पाते। प्रह्लाद की मासूमियत और उसका साहस हर किसीको इंस्पायर करता है। हिरण्यकशिपु का गुस्सा और अहंकार डरावना होने के साथ-साथ रीयलिस्टिक भी है। वॉइस-ओवर आर्टिस्ट्स ने अपने काम से किरदारों में जान डाल दी है। खास तौर पर, नरसिम्हा की दहाड़ और प्रह्लाद की प्रार्थना के सीन्स में वॉइस-ओवर इतना पावरफुल है कि थिएटर में सन्नाटा छा जाता है।

क्यों देखें महावतार नरसिम्हा?

महावतार नरसिम्हा मूवी सिर्फ पौराणिक कहानी नहीं, बल्कि एक सुपरहीरो ओरिजिन स्टोरी है! एक्शन-पैक सीन्स जैसे नरसिम्हा का युद्ध और ट्रांसफॉर्मेशन सीन एड्रेनालाइन रश देते हैं। हिरण्यकशिपु के डायलॉग्स और नरसिम्हा की दहाड़ रीयलिस्टिक फील देते हैं। स्क्रीनप्ले और म्यूजिक में मॉडर्न टच कूल वाइब्स देते हैं। यह मूवी भारतीय संस्कृति और भक्ति को समझने का मजेदार तरीका है।

दर्शक इसे परिवार और दोस्तों के साथ देखने की सलाह दे रहे हैं। एक दर्शक ने कहा, “यह मूवी बच्चों को हमारी संस्कृति सिखाती है और यूथ को एंटरटेन करती है। इसे जरूर देखना चाहिए!”

संस्कृति का मॉडर्न टच

महावतार नरसिम्हा सिर्फ पौराणिक कहानी नहीं है, बल्कि यह आज के यूथ को अपनी जड़ों से जोड़ने का कूल तरीका है। प्रह्लाद का साहस और भक्ति आज के टेंशन भरे लाइफ में भी रिलेटेबल है, यह दिखाता है कि सच्चा विश्वास और हिम्मत किसी भी चैलेंज को हरा सकती है। डायरेक्टर अश्विन कुमार कहते हैं, “हम चाहते थे कि नई पीढ़ी अपनी संस्कृति को गर्व के साथ अपनाए, और इसके लिए हमने टेक्नोलॉजी का सहारा लिया।” यह मूवी भारतीयता को मॉडर्न वाइब्स के साथ पेश करती है, जो यूथ को अपनी विरासत से कनेक्ट होने का मौका देती है।

कमियां कहां रह गई?

कुछ सीन्स में, खासकर क्राउड सीन या सपोर्टिंग किरदारों के हाव-भाव में, एनीमेशन की मामूली कमियां नजर आती हैं। कुछ दर्शकों को यह भी लगा कि सपोर्टिंग किरदारों जैसे गुरु शुक्राचार्य या दिति को और गहराई दी जा सकती थी। फिर भी, ये कमियां कहानी की भव्यता और भावनात्मक गहराई के सामने छोटी लगती हैं। बीच-बीच में कहानी की रफ्तार थोड़ी धीमी हो जाती है, लेकिन क्लाइमेक्स इसे पूरी तरह कवर कर लेता है।

टेक्निकल डिटेल्स और ट्रेलर

क्राइटेरियाविवरण
डायरेक्टरअश्विन कुमार
प्रोड्यूसरहोम्बले फिल्म्स, क्लीम प्रोडक्शंस
म्यूजिक डायरेक्टरसैम सी.एस.
ड्यूरेशन2 घंटे 21 मिनट
जनरएनिमेटेड, पौराणिक, फैंटेसी
भाषाहिंदी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम
रिलीज डेट25 जुलाई 2025

हमारा रेटिंग और रिव्यु

रेटिंग: 4/5 ⭐⭐⭐⭐

महावतार नरसिम्हा भारतीय सिनेमा में एक नया बेंचमार्क है। यह मूवी हाई-टेक एनीमेशन, पावरफुल म्यूजिक, और मॉडर्न स्टोरीटेलिंग का ऐसा मिक्स है जो यूथ को थिएटर तक खींच लाएगा। नरसिम्हा की दहाड़ और प्रह्लाद की भक्ति न सिर्फ गूसबम्प्स देती है, बल्कि हमें अपनी संस्कृति पर गर्व करना सिखाती है। यह बच्चों के लिए सीख, परिवारों के लिए प्रेरणा और युवाओं के लिए एंटरटेनमेंट का शानदार मिश्रण है। सैम सी.एस. का म्यूजिक, अश्विन कुमार का निर्देशन और होम्बले फिल्म्स की भव्यता इसे एक अनमिसेबल सिनेमाई अनुभव बनाती है।

डिस्क्लेमर: यह मूवी रिव्यू लेखक अथवा की स्वतंत्र राय है, जो फिल्म देखने और दर्शक अनुभव पर आधारित है। इसमें व्यक्त विचार किसी भी निर्माताओं, डिस्ट्रीब्यूटर्स या फिल्म से जुड़े अधिकारिक संस्थानों की राय अथवा दावा नहीं हैं। पाठकों से अनुरोध है कि अपनी राय फिल्म देखने के बाद स्वयं बनाएं।

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