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सिटी डेस्क/ मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर (Mirzapur) में स्थित मां विंध्यवासिनी धाम, जो लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, बुधवार, 23 जुलाई 2025 को एक हिंसक घटना से दहल उठा। मंदिर परिसर में दो पंडा गुटों के बीच दक्षिणा के बंटवारे को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि बात मारपीट तक पहुंच गई। इस घटना ने न केवल मंदिर की पवित्रता को ठेस पहुंचाई, बल्कि वहां मौजूद भक्तों में भी दहशत फैल गई। मिर्जापुर पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, साथ ही पुलिस प्रशासन की लापरवाही पर सख्त एक्शन लिया गया।
धारदार कैची से किए वार
जानकारी के मुताबिक, मां विंध्यवासिनी धाम में एक पंडा, निवेदित, ने मंदिर में आए एक नए यजमान को दर्शन-पूजन करवाया। इस बात से दूसरा पंडा गुट नाराज हो गया, क्योंकि दक्षिणा के बंटवारे को लेकर पहले से ही दोनों गुटों में तनाव चल रहा था। विवाद उस समय हिंसक हो गया, जब दूसरे गुट के तीन पंडों ने निवेदित पर हमला कर दिया। मंदिर परिसर के पास एक दुकान के सामने हुई इस घटना में हमलावरों ने धारदार कैची से निवेदित के चेहरे और हाथ पर वार किए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
घायल पंडे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। निवेदित ने पुलिस को दी अपनी तहरीर में बताया कि दक्षिणा को लेकर पुरानी रंजिश इस हमले का कारण बनी। इस घटना ने मंदिर की शांति को भंग कर दिया और वहां मौजूद श्रद्धालुओं में डर का माहौल पैदा हो गया।
24 पुलिसकर्मियों लाइन हाजिर
विंध्याचल कोतवाली पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए तीनों हमलावर पंडों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके पास से हमले में इस्तेमाल की गई धारदार कैची भी बरामद की। अपर पुलिस अधीक्षक नितेश सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है, जिसके आधार पर मामले की धाराएं और सख्त की जाएंगी। पुलिस ने इसे केवल व्यक्तिगत विवाद नहीं, बल्कि धार्मिक स्थल की गरिमा और सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध माना है।
इसके साथ ही, मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक ने इस घटना में पुलिस की निष्क्रियता और सुरक्षा में लापरवाही को गंभीरता से लिया। उन्होंने विंध्याचल चौकी प्रभारी सहित 24 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया, जबकि एक अन्य पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया। कुल 25 पुलिसकर्मियों पर यह अनुशासनात्मक कार्रवाई मंदिर जैसे संवेदनशील स्थान पर सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

मां विंध्यवासिनी धाम, जो भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है, देश-विदेश से आने वाले लाखों भक्तों के लिए आस्था का प्रतीक है। इस तरह की घटनाएं न केवल मंदिर की पवित्रता को प्रभावित करती हैं, बल्कि श्रद्धालुओं के विश्वास को भी ठेस पहुंचाती हैं। विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंडित पंकज द्विवेदी ने इस घटना की कड़ी निंदा की और भक्तों से अपील की कि वे किसी भी तरह के गलत व्यवहार की शिकायत तुरंत करें। इसके लिए शिकायत नंबर भी जारी किए गए हैं।
मंदिर प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियम लागू करने की बात कही है। हाल ही में गर्भगृह में पंडों की संख्या सीमित करने और निर्धारित वेशभूषा के साथ परिचय पत्र अनिवार्य करने जैसे कदम उठाए गए हैं। यह उम्मीद की जा रही है कि इन उपायों से मंदिर में शांति व्यवस्था बनी रहेगी।


राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।