प्रमुख बिंदु-
लखनऊ, 9 जुलाई 2025: लखनऊ के प्रतिष्ठित लूलू मॉल (Lulu Mall) में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया है। मॉल में काम करने वाली एक 25 वर्षीय हिंदू युवती ने अपने सीनियर मैनेजर मोहम्मद फरहाज उर्फ फराज पर रेप, ब्लैकमेलिंग और जबरन धर्म परिवर्तन के दबाव जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामला अब गहन जांच के दायरे में है। यह घटना न केवल लूलू मॉल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रही है, बल्कि कर्मचारियों की सुरक्षा और कार्यस्थल पर नैतिकता जैसे मुद्दों को भी उजागर कर रही है।

कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर किया रेप
पीड़िता, जो लूलू मॉल में कर्मचारी के तौर पर कार्यरत है, उसने अपनी शिकायत में बताया कि फरहाज ने उसे अपने घर बुलाकर कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। इसके बाद वह बेहोश हो गई, और फरहाज ने उसका शारीरिक शोषण किया। पीड़िता का दावा है कि फरहाज ने इस घटना का वीडियो भी बनाया, जिसे वायरल करने की धमकी देकर वह उसे लगातार ब्लैकमेल करता रहा। विरोध करने पर मारपीट और सिगरेट से जलाथा। पीड़िता ने बताया कि फरहाज ने उसे कई बार होटल और घर ले जाकर शोषण किया। डर और सामाजिक बदनामी के कारण वह लंबे समय तक चुप रही, लेकिन हाल ही में उसकी प्रताड़ना असहनीय हो जाने पर उसने शिकायत दर्ज कराई।

नौकरी के लिए इस्लाम अपनाने की धमकी
मामले ने और गंभीर मोड़ तब लिया, जब पीड़िता ने फरहाज पर जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव डालने का आरोप लगाया। उसका कहना है कि फरहाज ने बार-बार उसकी धार्मिक आस्था का अपमान किया और कहा कि अगर उसे मॉल में नौकरी जारी रखनी है, तो उसे इस्लाम कबूल करना होगा। विरोध करने पर उसने नौकरी से निकालने और वीडियो वायरल करने की धमकी दी। पीड़िता ने यह भी बताया कि फरहाज ने उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकियां दीं, जिसके कारण वह डर के साए में जी रही थी।
पुलिस ने फराज को किया गिरफ्तार
पीड़िता की शिकायत के बाद सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फराज को 8 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर लिया। फराज, जो अयोध्या के घोसियाना पहाड़गंज रामनगर का रहने वाला है, को थाने में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जहां वह अपनी मां परवीन बानो और भाई तरबेज के साथ पहुंचा। पूछताछ के बाद उसे हिरासत में लिया गया और भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं, जिसमें बलात्कार, आपराधिक धमकी और जबरन धर्मांतरण की कोशिश शामिल हैं, के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

FIR में धर्मांतरण का दबाव एक गंभीर आरोप
प्रारंभिक पूछताछ में फराज ने सभी आरोपों से इंकार किया है और दावा किया है कि पीड़िता ने स्वेच्छा से उसके साथ संबंध बनाए थे। हालांकि, पीड़िता के आरोपों और पुलिस द्वारा दर्ज FIR में धर्मांतरण का दबाव एक गंभीर आरोप बनकर उभरा है, हालांकि केस डायरी में इस बिंदु का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। पुलिस इस मामले की साइबर फॉरेंसिक जांच भी कर रही है ताकि फराज के सोशल मीडिया अकाउंट्स और संभावित नेटवर्क कनेक्शनों का पता लगाया जा सके।
यह घटना लूलू मॉल के लिए एक और विवाद का कारण बन गई है। पहले भी मॉल में नमाज पढ़ने की घटना और लव जिहाद के आरोपों को लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किए थे। इस बार यह मामला मॉल प्रबंधन की कर्मचारी सुरक्षा नीतियों पर सवाल उठा रहा है। हालांकि मॉल प्रबंधन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। पुलिस ने मॉल के अन्य कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर दी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों। इस घटना ने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता जैसे मुद्दों पर व्यापक बहस छेड़ दी है।
यह मामला न केवल एक आपराधिक घटना के रूप में सामने आया है, बल्कि सामाजिक और धार्मिक संवेदनशीलता को भी उजागर करता है। पुलिस की जांच और कोर्ट के फैसले पर सभी की नजरें टिकी हैं, जबकि लूलू मॉल एक बार फिर विवादों के घेरे में है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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