प्रमुख बिंदु-
लखनऊ (Lucknow) में समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यालय के बाहर एक सनसनीखेज घटना ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया। अलीगढ़ के रहने वाले एक युवक, योगेश, ने छह लाख रुपये के विवाद के चलते खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली। इस घटना के बाद उसे तुरंत सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और यह घटना अब सुर्खियों में छाई हुई है।
क्या हुआ सपा कार्यालय के बाहर?
लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित समाजवादी पार्टी के कार्यालय के ठीक सामने यह चौंकाने वाली घटना घटी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, योगेश नाम का युवक अचानक सपा कार्यालय के बाहर पहुंचा और अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ, संभवतः पेट्रोल या केरोसिन, डालकर आग लगा ली। आग की लपटें देखकर आसपास मौजूद लोग दहशत में आ गए। कुछ लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जबकि अन्य ने आग बुझाने की कोशिश की। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए योगेश को गंभीर हालत में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल पहुंचाया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, योगेश ने यह कदम छह लाख रुपये के वित्तीय विवाद के कारण उठाया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह विवाद किसी निजी लेनदेन से जुड़ा हो सकता है, हालांकि अभी तक इसकी पूरी जानकारी सामने नहीं आई है। पुलिस ने बताया कि योगेश अलीगढ़ का निवासी है और वह लखनऊ में इस विवाद को सुलझाने के लिए आया था।
अस्पताल में जिंदगी की जंग
सिविल अस्पताल में योगेश का इलाज चल रहा है, लेकिन डॉक्टरों ने उसकी हालत को अत्यंत गंभीर बताया है। सूत्रों के अनुसार, योगेश 70-80% तक झुलस चुका है, जिसके कारण उसकी जान को खतरा बना हुआ है। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम उसका इलाज कर रही है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। योगेश के परिवार को सूचित कर दिया गया है और वे अस्पताल पहुंच चुके हैं।
इस घटना ने स्थानीय लोगों और सपा कार्यकर्ताओं में भी खलबली मचा दी है। कई लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि योगेश को इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा। कुछ लोगों का कहना है कि यह मामला केवल वित्तीय विवाद तक सीमित नहीं हो सकता, बल्कि इसके पीछे कोई बड़ी वजह भी हो सकती है।
पुलिस जांच और सियासी हलचल
पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। गौतम पल्ली थाना पुलिस ने घटनास्थल का दौरा किया और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। पुलिस उपायुक्त (मध्य क्षेत्र) रवीना त्यागी ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला वित्तीय विवाद से जुड़ा लगता है, लेकिन सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। पुलिस ने योगेश के बयान दर्ज करने की कोशिश की, लेकिन उसकी गंभीर हालत के कारण यह संभव नहीं हो सका।
इस घटना ने सियासी गलियारों में भी हलचल मचा दी है। समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं ने इस घटना पर दुख जताया है, लेकिन अभी तक पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। दूसरी ओर, विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। कुछ नेताओं ने सोशल मीडिया पर सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, जबकि अन्य ने इसे व्यक्तिगत विवाद का मामला बताया है।
लखनऊ में हाल के दिनों में आत्मदाह की यह दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले, अगस्त 2024 में उन्नाव की एक महिला ने सपा कार्यालय के पास आत्मदाह का प्रयास किया था, जिसके बाद उसे भी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इन घटनाओं ने प्रशासन के सामने गंभीर सवाल खड़े किए हैं कि आखिर लोग इस तरह के कठोर कदम क्यों उठा रहे हैं।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।