LPG की कीमतों में उछाल, पर तेल में उपभोक्ताओं के लिए नहीं कोई बढ़ोतरी!
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली: घरेलू रसोई गैस (LPG) की कीमतों में एक बार फिर से बढ़ोतरी का ऐलान हो गया है, जिससे आम लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को घोषणा की कि LPG सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि की गई है। यह बढ़ोतरी सब्सिडी वाले और बिना सब्सिडी वाले दोनों तरह के ग्राहकों पर लागू होगी। नए दाम मंगलवार, 8 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे। इस फैसले ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है, जो सस्ते ईंधन की आस लगाए बैठे थे।

उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों पर भी असर
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त LPG कनेक्शन दिए जाते हैं, लेकिन अब इन लाभार्थियों को भी बढ़ी हुई कीमत चुकानी पड़ेगी। दिल्ली में उज्ज्वला योजना के तहत 14.2 किलोग्राम का सिलेंडर अब 503 रुपये से बढ़कर 553 रुपये का हो गया है। वहीं, सामान्य श्रेणी के ग्राहकों के लिए यह सिलेंडर 803 रुपये से बढ़कर 853 रुपये का हो गया है। हालांकि, बाजार मूल्य 1,028.50 रुपये है, लेकिन सब्सिडी के कारण यह कीमत कम रहती है। अलग-अलग राज्यों में स्थानीय करों के आधार पर कीमतों में थोड़ा अंतर देखने को मिलेगा।
पिछले साल मार्च में हुई थी कटौती
LPG की कीमतों में आखिरी बार संशोधन मार्च 2024 में हुआ था, जब सरकार ने 100 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती की थी। लेकिन अब यह नई बढ़ोतरी उस राहत को खत्म करती नजर आ रही है। पिछले हफ्ते ही सरकार ने कमर्शियल LPG सिलेंडरों की कीमतों में 41 रुपये की कमी की थी, जिससे रेस्तरां, होटल और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को राहत मिली थी। लेकिन घरेलू उपभोक्ताओं के लिए यह नया झटका है।

पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में भी इजाफा
LPG की कीमतों के साथ-साथ सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (SAED) में भी 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक, पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क अब 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर हो गया है। यह नई दरें भी 8 अप्रैल 2025 से लागू होंगी।
हालांकि, राहत की बात यह है कि यह बढ़ोतरी उपभोक्ताओं पर नहीं डाली जाएगी। सरकार ने साफ किया कि अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में गिरावट के कारण खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा। यह अतिरिक्त बोझ तेल विपणन कंपनियां वहन करेंगी।
तेल कंपनियों के नुकसान का हवाला
हरदीप सिंह पुरी ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह कदम तेल विपणन कंपनियों के 41,338 करोड़ रुपये के नुकसान को पूरा करने के लिए जरूरी था। यह नुकसान 2024-25 में सब्सिडी वाले LPG की आपूर्ति के कारण हुआ। मंत्री ने आश्वासन दिया कि उज्ज्वला योजना के 10.3 करोड़ लाभार्थियों को सब्सिडी मिलती रहेगी। इस बढ़ोतरी से सरकारी तेल कंपनियों को मौजूदा वित्त वर्ष में 5,000-7,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है, जो उनके घाटे की भरपाई में मदद करेगी।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राहत की उम्मीद बरकरार
हरदीप सिंह पुरी ने यह भी संकेत दिया कि अगर कच्चे तेल की कीमतें मौजूदा निचले स्तर पर स्थिर रहती हैं, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती संभव है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 31 मार्च को 77 डॉलर प्रति बैरल से गिरकर सोमवार को 63-64 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जो चार साल का सबसे निचला स्तर है। इस गिरावट से तेल कंपनियों को फायदा हो सकता था, लेकिन सरकार ने उत्पाद शुल्क बढ़ाकर इस लाभ का एक हिस्सा अपने खजाने में डाल लिया। इससे सरकार को करीब 32,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी, जिसका इस्तेमाल LPG पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए किया जा सकता है।

लोगों पर क्या होगा असर?
LPG की कीमतों में यह बढ़ोतरी मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है। खासकर उज्ज्वला योजना के लाभार्थी, जो पहले से ही सीमित आय पर गुजारा करते हैं, इस फैसले से परेशान हो सकते हैं। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कदम दीर्घकालिक स्थिरता के लिए जरूरी है।
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राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।