अज्ञात हमलावरों का निशाना: आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड ढेर
प्रमुख बिंदु-
इस्लामाबाद, 18 मई 2025: लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का कुख्यात आतंकी कमांडर सैफुल्लाह खालिद उर्फ अबू सैफुल्लाह, जो भारत में कई हाई-प्रोफाइल आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था, पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अज्ञात हमलावरों द्वारा मार गिराया गया। यह घटना रविवार को बदीन जिले के मतली फलकारा चौक के पास हुई, जहां हमलावरों ने सैफुल्लाह को गोलियों से भून दिया। भारतीय खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों के लिए यह एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, क्योंकि सैफुल्लाह भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी था।

भारत में रचे थे बड़े आतंकी हमले
सैफुल्लाह खालिद भारत में तीन बड़े आतंकी हमलों का मुख्य साजिशकर्ता था। इनमें 2001 में रामपुर के सीआरपीएफ कैंप पर हमला शामिल है, जिसमें सात जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा, 2005 में बैंगलोर में भारतीय विज्ञान कांग्रेस (ISC) के दौरान हुए हमले में एक प्रोफेसर की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे। 2006 में नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय पर हमले की साजिश भी सैफुल्लाह ने रची थी। इन हमलों ने भारत की आंतरिक सुरक्षा को गंभीर चुनौती दी और लश्कर की गतिविधियों को बढ़ावा दिया।

नेपाल से संचालित करता था आतंकी नेटवर्क
सैफुल्लाह ने लंबे समय तक नेपाल को अपने ठिकाने के रूप में इस्तेमाल किया। वह विनोद कुमार के फर्जी नाम से नेपाल में रहता था और स्थानीय महिला नगमा बानू से शादी कर झूठी पहचान बनाए रखी। नेपाल से वह लश्कर-ए-तैयबा के लिए भर्ती, फंडिंग और लॉजिस्टिक्स का काम करता था। वह भारत-नेपाल सीमा के रास्ते आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने में भी शामिल था। भारतीय खुफिया एजेंसियों की नजरों में आने के बाद वह नेपाल से भागकर पाकिस्तान में छिप गया था।

हाल ही में सैफुल्लाह ने अपना ठिकाना पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बदीन जिले के मतली में बनाया था। वहां वह लश्कर-ए-तैयबा और इसके मुखौटा संगठन जमात-उद-दावा के लिए आतंकियों की भर्ती और फंड जुटाने का काम कर रहा था। सूत्रों के मुताबिक, वह लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर आजम चीमा उर्फ बाबाजी का करीबी सहयोगी था। लेकिन अज्ञात हमलावरों ने उसे ढूंढ निकाला और मौत के घाट उतार दिया। हमलावरों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है, जिससे इस हत्या को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
कश्मीर में भी लश्कर को झटका
पिछले हफ्ते दक्षिण कश्मीर के शोपियां में सुरक्षाबलों ने लश्कर के तीन आतंकियों को मार गिराया था, जिनमें ऑपरेशनल कमांडर शाहिद कुट्टे, अदनान शफी और अहसान उल हक शेख शामिल थे। इनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ था। ये आतंकी कश्मीर में युवाओं को गुमराह कर लश्कर में भर्ती करने और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में शामिल थे।

सैफुल्लाह की हत्या ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनाव को और बढ़ा दिया है। भारतीय अधिकारी इस हत्या के पीछे के मकसद और हमलावरों की पहचान की जांच कर रहे हैं। यह घटना आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, लेकिन साथ ही क्षेत्रीय स्थिरता पर नए सवाल भी खड़े कर रही है।
सैफुल्लाह की हत्या ऐसे समय में हुई है, जब भारत ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और PoK में लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। सैफुल्लाह की हत्या को इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ बढ़ते दबाव का नतीजा माना जा रहा है। सैफुल्लाह खालिद की हत्या लश्कर-ए-तैयबा के लिए बड़ा झटका है। हालांकि, इस हत्या के पीछे की असल कहानी अभी सामने आना बाकी है।