प्रमुख बिंदु-
Kashi Bharat Milap 2025: गंगा की गोद में बसी प्राचीन नगरी काशी एक बार फिर भक्ति और उत्साह की लहर में डूबने को तैयार है। दशहरा की धूम के ठीक बाद, 3 अक्टूबर को नाटी इमली के ऐतिहासिक मैदान में होने वाले विश्व प्रसिद्ध भरत मिलाप का आयोजन लाखों श्रद्धालुओं को खींच लेगा। मात्र दो मिनट की इस भावुक लीला को देखने के लिए जहां एक ओर भक्त आंखें नम किए इंतजार कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ ट्रैफिक जाम से बचने के लिए पुलिस ने सख्त बैरिकेडिंग की योजना बनाई है। एडीसीपी ट्रैफिक ने चेतावनी दी है कि सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक 7 प्रमुख रास्तों पर वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
482 साल पुरानी भरत मिलाप का राजशाही ठाठ
काशी का भरत मिलाप कोई साधारण आयोजन नहीं, बल्कि रामायण की उस अमर घटना का जीवंत चित्रण है, जब वनवास लौटे भगवान राम अपने छोटे भाई भरत से गले मिले। यह परंपरा 482 वर्ष पुरानी बताई जाती है, जिसकी शुरुआत तुलसीदास के शिष्य मेघा भगत ने सपने में राम दर्शन के बाद की थी। नाटी इमली के मैदान पर यदुकुल के कंधों पर सवार होकर रघुकुल के चार भाइयों का मिलन होता है।

इस बार 482वें संस्करण में काशी नरेश परिवार के सदस्य कुंवर अनंत नारायण सिंह हाथी पर सवार होकर शामिल होंगे। लीला के ठीक पहले रामनगर से निकलने वाली भव्य शोभायात्रा में पुष्पक विमान का 5 टन वजनी मॉडल और पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन लाखों को मंत्रमुग्ध कर देगी। आयोजकों के अनुसार, आकाशवाणी पर लाइव प्रसारण भी होगा, ताकि दूर-दराज के भक्त घर बैठे इसका साक्षी बन सकें। यह लीला न सिर्फ भक्ति का प्रतीक है, बल्कि काशी की सांस्कृतिक धरोहर का जीता-जागता प्रमाण भी।

ट्रैफिक डायवर्जन का खाका: 11 बजे से 7 रास्तों पर सख्त बैरिकेडिंग
श्रद्धालुओं की अपार भीड़ को देखते हुए वाराणसी ट्रैफिक पुलिस ने व्यापक डायवर्जन प्लान तैयार किया है। एडीसीपी ट्रैफिक के मुताबिक, सुबह 11 बजे से कार्यक्रम समाप्ति तक सभी प्रकार के वाहनों पर प्रतिबंध लगेगा। नाटी इमली की ओर बढ़ने वाले मुख्य मार्गों पर बैरिकेड लगाए जाएंगे, ताकि जाम की स्थिति न बने। प्रमुख डायवर्जन पॉइंट इस प्रकार हैं:
- पिपलानी कटरा तिराहा से नाटी इमली की ओर कोई वाहन नहीं जाएगा। वाहनों को मैदागिन चौराहा या लहुराबीर चौराहा की ओर डायवर्ट किया जाएगा।
- वीसी आवास से नाटी इमली की ओर कोई वाहन नहीं जाएगा। वाहनों को लकड़मंडी तिराहा की ओर डायवर्ट किया जाएगा।
- रामकटोरा चौराहा से अन्नपूर्णा रेस्टोरेंट या बोउलिया बाग गली के रास्ते नाटी इमली की ओर कोई वाहन नहीं जाएगा। वाहनों को प्रदीप होटल कट की ओर डायवर्ट किया जाएगा।
- चौकाघाट पुलिस चौकी के पास काली माता मंदिर तिराहा से नाटी इमली की ओर कोई वाहन नहीं जाएगा। वाहनों को गोलगड्डा तिराहा या चौकाघाट चौराहा की ओर डायवर्ट किया जाएगा।
- लेबर चौराहा से नाटी इमली की ओर कोई वाहन नहीं जाएगा। वाहनों को पानी टंकी चौकाघाट पुलिस चौकी की ओर वापस भेजा जाएगा।
- लोहटिया तिराहा से डीएवी कॉलेज के रास्ते नाटी इमली की ओर कोई वाहन नहीं जाएगा। वाहनों को मैदागिन या कबीरचौरा की ओर डायवर्ट किया जाएगा।
- दारानगर तिराहा से डीएवी कॉलेज के रास्ते नाटी इमली की ओर कोई वाहन नहीं जाएगा।

पार्किंग व्यवस्था: भीड़ में वाहन कहां छोड़ें
हजारों वाहनों की समस्या से निपटने के लिए विशेष पार्किंग जोन बनाए गए हैं। लकड़मंडी से आने वाले वाहनों को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्वी गेट से प्रवेश देकर वीसी आवास परिसर में पार्क किया जाएगा। जीटी रोड चौकाघाट से काली माता मंदिर की ओर बढ़ने वालों को मंदिर के पास बैरियर पर रोका जाएगा और सड़क किनारे ही पार्किंग की सुविधा मिलेगी। वहीं, काशिका तिराहे से आने वाले वाहनों को सुभाष पार्क में निर्देशित किया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस ने सलाह दी है कि सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें या पैदल ही पहुंचें। इसके अलावा, एनसीसी और स्काउट्स की टीमें भीड़ प्रबंधन में सहायता करेंगी।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम: ड्रोन से निगरानी, रूफटॉप फोर्स तैनात
इस बार सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व होगी। अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था शिवहरी मीणा ने बताया कि ड्रोन कैमरों से नाटी इमली और आसपास के इलाकों पर नजर रखी जाएगी। रूफटॉप पर सशस्त्र पुलिस तैनात रहेगी, जो बाइनाक्यूलर और वायरलेस सेट से सतर्कता बरतेंगी। प्रवेश-निकास मार्ग अलग-अलग रखे गए हैं, ताकि भगदड़ जैसी स्थिति न हो। चेतगंज एसीपी ईशान सोनी ने कहा कि लीला स्थल पर मजबूत बैरिकेडिंग की जा रही है। भंडारा और दीपदान जैसे आयोजनों में भी स्वयंसेवक दल सक्रिय रहेगा। काशी नरेश के आगमन पर विशेष सुरक्षा कवच होगा।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।