Karnataka: बेंगलुरु में वायुसेना अधिकारी पर हमला: रोड रेज या भाषाई विवाद? CCTV ने खोली सच्चाई!

Karnataka: वायुसेना अधिकारी पर बर्बर हमला: क्या बेंगलुरु में सुरक्षित नहीं देश के रक्षक?

बेंगलुरु, 21 अप्रैल 2025: कर्नाटक (Karnataka) की राजधानी बेंगलुरु, जो अपनी तकनीकी प्रगति और सांस्कृतिक विविधता के लिए जानी जाती है, एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार कारण बेहद शर्मनाक है। भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर आदित्य बोस और उनकी पत्नी स्क्वाड्रन लीडर मधुमिता पर 18 अप्रैल, 2025 को रोड रेज के दौरान हुए जानलेवा हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। यह घटना रोड रेज का मामला है या इसके पीछे कोई और मंशा थी, इसे लेकर विवाद छिड़ गया है। CCTV फुटेज और पुलिस की जांच ने इस मामले को नया मोड़ दे दिया है।

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Karnataka Road Rage

क्या थी पूरी घटना?

18 अप्रैल की सुबह करीब 6:20 बजे, शिलादित्य बोस अपनी पत्नी मधुमिता के साथ सीवी रमन नगर के डीआरडीओ कॉलोनी से केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की ओर जा रहे थे। मधुमिता कार चला रही थीं, जब एक बाइक सवार, जिसकी पहचान बाद में विकास कुमार के रूप में हुई, ने विपरीत दिशा से आकर उनकी कार को रोका। पुलिस के अनुसार, यह रोड रेज की घटना थी, जो बेंगलुरु में आम है। डीसीपी (पूर्व) डी. देवराज ने कहा, “यह भाषा या किसी अन्य कारण से संबंधित मामला नहीं है। यह स्पष्ट रूप से रोड रेज का मामला है, जिसे दोनों पक्षों ने टाला जा सकता था।”

विकास कुमार, जो एक कॉल सेंटर में काम करता है, उसने कथित तौर पर मधुमिता के ड्राइविंग पर आपत्ति जताई, जिसके बाद बहस शुरू हुई। शिलादित्य बोस कार से उतरे और दोनों के बीच हाथापाई हो गई। बोस का दावा है कि विकास ने उनकी कार पर डीआरडीओ का स्टीकर देखकर अपशब्द कहे और उनकी पत्नी के साथ बदतमीजी की। उन्होंने यह भी कहा कि विकास ने चाबी से उनके माथे पर वार किया और एक पत्थर से उनके सिर पर चोट पहुंचाई, जिससे वह खून से लथपथ हो गए।

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वायरल वीडियो ने खोली सच्चाई

घटना के बाद, शिलादित्य बोस ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह खून से लथपथ नजर आए। उन्होंने कहा, “मैंने हमलावर को बताया कि हम वायुसेना से हैं, हम आपकी रक्षा करते हैं, लेकिन आप हमारे साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं।” उन्होंने कर्नाटक की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर कानून मेरा साथ नहीं देगा, तो मैं जवाबी कार्रवाई करूंगा।” इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया, जिससे जनता में गुस्सा और बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने इसे भाषाई कट्टरता से जोड़ा, जबकि अन्य ने इसे रोड रेज का सामान्य मामला बताया।

CCTV फुटेज ने दिया नया मोड़

हालांकि, 21 अप्रैल को सामने आए CCTV फुटेज ने इस मामले को नया आयाम दिया। फुटेज में दिखा कि शिलादित्य बोस ने ही पहले विकास कुमार पर हमला किया। वीडियो में बोस, विकास को सड़क पर धकेलते, लात मारते और बार-बार प्रहार करते नजर आए। मधुमिता भी मौके पर मौजूद थीं और कथित तौर पर विकास के साथ अभद्र भाषा का उपयोग करती दिखीं। फुटेज में 6-7 लोग दोनों पक्षों को अलग करने की कोशिश करते दिखे। इसने बोस के उस दावे को चुनौती दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोई उनकी मदद के लिए नहीं आया।

पुलिस ने क्या कहा?

मधुमिता ने अपने पति को एयरपोर्ट छोड़ने के बाद बाइपासानहल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर FIR दर्ज की गई और आरोपी विकास कुमार को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, शुरुआती जांच में पुलिस की ढिलाई और शिकायत दर्ज करने में देरी ने लोगों में नाराजगी पैदा की।

डीसीपी डी. देवराज ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा, “यह घटना किसी भाषा या अन्य कारण से संबंधित नहीं है। सुबह से एकत्र किए गए तथ्यों और साक्ष्यों से यह स्पष्ट है। यह बेंगलुरु में आम रोड रेज का स्पष्ट मामला है। दोनों पक्ष इस घटना से बच सकते थे। जब यह झगड़ा हो रहा था, 6-7 युवकों ने दोनों पक्षों को अलग करने और झगड़ा रोकने की पूरी कोशिश की। उन्होंने दोनों को शांत करने का प्रयास किया।”

उन्होंने आगे बताया कि, “जब महिला अधिकारी मधुमिता दास कार चला रही थीं, तभी दूसरी ओर से आ रहे व्यक्ति ने रास्ता रोका। यही विवाद की जड़ थी। इसके बाद अधिकारी कार से उतरे, और दोनों के बीच मारपीट हुई। एक आरोपी, विकास कुमार, को गिरफ्तार कर लिया गया है।”

यह घटना बेंगलुरु में बढ़ते रोड रेज और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाती है। सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे “भाषाई आतंकवाद” करार दे रहे हैं, जबकि पुलिस इसे महज रोड रेज का मामला बता रही है। लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों को अपनी सुरक्षा के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।

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यह मामला समाज में बढ़ती असहिष्णुता और हिंसा को दर्शाता है। CCTV फुटेज ने दोनों पक्षों पर सवाल उठाया है, लेकिन पूरी सच्चाई तब तक सामने नहीं आएगी, जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती। बेंगलुरु पुलिस को निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करनी होगी ताकि न्याय सुनिश्चित हो। साथ ही, यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारा समाज आपसी सम्मान और सहिष्णुता को भूल रहा है?

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