जींद में दरिंदगी: 4 आरोपियों में एक नाबालिग
प्रमुख बिंदु-
जींद, 28 अप्रैल 2025: हरियाणा (Haryana) के जींद जिले में 21 अप्रैल 2025 की रात एक ऐसी घटना घटी, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया। एक 35 वर्षीय महिला और उसकी 5 साल की मासूम बेटी के साथ गैंगरेप की वारदात सामने आई है, जिसमें बच्ची की गला दबाकर हत्या कर दी गई।
इस मामले में पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक 13 वर्षीय नाबालिग को सुधार गृह भेजा गया है। यह घटना न केवल जींद, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है, क्योंकि शुरुआत में बच्ची के शव को बिना पोस्टमॉर्टम के दफना दिया गया था। पुलिस ने अब इस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है और पीड़ित महिला का इलाज चल रहा है।

घटना का विवरण: कैसे शुरू हुआ यह जघन्य अपराध
जींद शहर के तापरीवास कॉलोनी में रहने वाली एक 35 वर्षीय महिला, जो कूड़ा बीनने का काम करती है, उस रात अपने झोपड़े में थी। उसके पति उस समय घर पर नहीं थे। पुलिस के अनुसार, पास ही में चार व्यक्ति—हामिद खान (46), बिरु (18), शिवा (19) और एक 13 वर्षीय नाबालिग—शराब पी रहे थे। इसी दौरान महिला और हामिद खान के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। पुलिस का कहना है कि महिला ने हामिद को अपमानजनक शब्द कहे, जिससे गुस्साए हामिद ने उसे बालों से पकड़कर पास के रेलवे ट्रैक के किनारे कूड़े के ढेर तक घसीटा।
महिला की चीखें सुनकर उसकी 5 साल की बेटी भी वहां पहुंच गई। आरोपियों ने बच्ची को कंबल में लपेट लिया और फिर दोनों मां-बेटी के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। जब बच्ची चिल्लाने और विरोध करने लगी, तो शिवा और अन्य दो आरोपियों ने उसका मुंह और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद आरोपियों ने महिला के साथ भी सामूहिक दुष्कर्म किया और उसे बेहोश हालत में छोड़कर फरार हो गए।

शव का दफन और पुलिस की कार्रवाई
अगली सुबह, स्थानीय लोगों ने बच्ची का शव मां से करीब 100 मीटर दूर पड़ा हुआ पाया। बच्ची के मुंह और पैरों पर खून के निशान थे और गले पर चोट के निशान साफ दिख रहे थे। इसके बावजूद परिवार ने इसे दुर्घटना मानकर बच्ची के शव को बिना पुलिस को सूचित किए बांकखंडी महादेव मंदिर के पास श्मशान में दफना दिया। महिला को 23 अप्रैल को होश आया और उसने अपने परिवार को इस भयावह घटना के बारे में बताया। 24 अप्रैल को उसने जींद सिटी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की।
जींद के पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। बच्ची के शव को ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में निकाला गया और पोस्टमॉर्टम के लिए सोनीपत के बीपीएस गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज फॉर वीमेन, खानपुर कलां भेजा गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने पुष्टि की कि बच्ची के साथ मृत्यु से पहले गैंगरेप हुआ था। महिला की मेडिकल जांच में भी गैंगरेप की पुष्टि हुई। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत गैंगरेप और हत्या के साथ-साथ प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (पॉक्सो) एक्ट के तहत मामले दर्ज किया।
आरोपियों की गिरफ्तारी
पुलिस को 26 अप्रैल को सूचना मिली जिसके आधार पर चारों आरोपियों को इक्कास बाइपास पर एक नहर पुल के पास गिरफ्तार किया गया। हमिद खान, बिरु और शिवा को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया। 13 वर्षीय नाबालिग को जुवेनाइल करेक्शनल फैसिलिटी में भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि बिरु और शिवा की उम्र 18 वर्ष से अधिक है, हालांकि उनकी पहचान का सत्यापन अभी बाकी है।

पीड़िता की स्थिति
पुलिस के अनुसार, पीड़ित महिला का इलाज चल रहा है और उसकी हालत स्थिर है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में गुस्से और आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस घटना को लेकर कई पोस्ट वायरल हुए, जिनमें लोगों ने आरोपियों के लिए कड़ी सजा की मांग की। कुछ पोस्ट में इस अपराध को “आतंकवाद” की संज्ञा दी गई, और इसे समाज में बढ़ती असुरक्षा का प्रतीक बताया गया।
यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है। जींद पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की है, लेकिन शुरुआती चूक—जैसे कि शव को बिना पोस्टमॉर्टम दफनाने की अनुमति—ने जांच को जटिल बनाया। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समाज और प्रशासन को मिलकर कड़े कदम उठाने होंगे।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।