Hanuman Beniwal: जयपुर में SI भर्ती रद्द करने की मांग! हनुमान बेनीवाल के आंदोलन से मचा हंगामा!

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SI भर्ती परीक्षा रद्द कराने की मांग पर जयपुर में हंगामा, हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में अभ्यर्थियों का मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च

Jaipur : राजस्थान की राजधानी जयपुर(Hanuman Beniwal) में शुक्रवार को 2021 की सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा हुआ। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सांसद हनुमान बेनीवाल की अगुवाई में सैकड़ों अभ्यर्थी और पार्टी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने निकले। दोपहर करीब 3:30 बजे शहीद स्मारक से शुरू हुआ यह मार्च पुलिस कमिश्नरेट के पास पहुंचते ही रोक दिया गया।

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पुलिस ने डबल लेयर बैरिकेडिंग, टियर गैस और पानी की बौछार वाली गाड़ियों के साथ भारी सुरक्षा व्यवस्था की थी। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके बाद बेनीवाल समेत 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।

प्रदर्शन और हंगामे का माहौल

प्रदर्शनकारी ढोल-नगाड़ों के साथ अनूठे अंदाज में विरोध जता रहे थे। अभ्यर्थियों का कहना था कि SI भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं और विशेष कार्य बल (SOG), अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) और कैबिनेट सब-कमेटी ने भी इसे रद्द करने की सिफारिश की है। इसके बावजूद, भर्ती को रद्द नहीं किया गया, जिससे युवाओं में आक्रोश है।

हंगामे के दौरान कमिश्नरेट के बाहर अफरा-तफरी का माहौल रहा। पुलिस ने सड़कों को बंद कर दिया, जिसके जवाब में बेनीवाल और प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। करीब एक घंटे तक चले इस हंगामे के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वैन में भरकर सांगानेर सदर थाने ले गई।

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बेनीवाल पर लगे गंभीर आरोप

नागौर से सांसद और RLP संयोजक हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान सरकार के मंत्री केके विश्नोई पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि विश्नोई पेपर लीक माफिया सुरेश ढाका को बचा रहे हैं। बेनीवाल ने SOG की पूछताछ का एक दस्तावेज पेश किया, जिसमें आरोपी संतोष ने कबूल किया कि उसने डमी कैंडिडेट को परीक्षा में बैठाने के लिए विश्नोई से 6 लाख रुपये लिए थे।

बेनीवाल ने जोधपुर में विश्नोई के कथित “व्हाइट हाउस”(the White House) का जिक्र करते हुए कहा कि यह एक ऐसा स्थान है, जहां “हर तरह की सुविधाएं” उपलब्ध हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्नोई SOG पर जांच को दबाने का दबाव बना रहे हैं और सरकार को धमकी दे रहे हैं कि वह “व्हाइट हाउस की सारी बातें” उजागर कर देंगे।

SOG का खंडन

बेनीवाल के दावों के जवाब में SOG ने पूछताछ नोट को फर्जी बताया। मामले के तत्कालीन अनुसंधान अधिकारी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महावीर सिंह ने कहा कि नोट पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं, न ही उन्होंने ऐसी कोई पूछताछ की। उन्होंने इसे बदनाम करने की साजिश करार दिया।

बेनीवाल का सरकार पर हमला

पिछले छह दिनों से शहीद स्मारक पर धरना दे रहे बेनीवाल ने कहा कि सरकार युवाओं के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए पूछा कि सचिन पायलट कहां गायब हैं, जो पहले युवाओं के लिए पदयात्रा निकालते थे। उन्होंने पूर्व सीएम अशोक गहलोत और बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा पर भी निशाना साधा। बेनीवाल ने कहा कि बीजेपी ने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि वह SI भर्ती रद्द करेगी और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) का पुनर्गठन करेगी, लेकिन डेढ़ साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

युवाओं के लिए “गोली खाने” को तैयार

बेनीवाल ने भावुक अंदाज में कहा कि मैं अपने छोटे भाई-बहनों के लिए लाठी, बंदूक और गोली खाने को तैयार हूं। यह लड़ाई आर-पार की है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने मांगें नहीं मानीं, तो जल्द ही जयपुर में एक लाख युवाओं की रैली होगी और पूरे प्रदेश के हाईवे जाम किए जाएंगे। उन्होंने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की, यह तर्क देते हुए कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार और बंगाल के मामलों में 40% फर्जी भर्तियों को रद्द करने का आदेश दिया था।

सरकार की चुप्पी और नई भर्ती

बेनीवाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने आंदोलन को दबाने के लिए उसी दिन नई SI भर्ती की घोषणा की। उन्होंने इसे “लीपापोती” करार दिया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि कांग्रेस कार्यकाल की सभी भर्तियों की सीबीआई जांच हो, क्योंकि उनमें बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था, फर्जी डिग्रियों और विश्वविद्यालयों को जमीन आवंटन जैसे मुद्दों पर भी सरकार को घेरा।

जयपुर में SI भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर हुआ यह प्रदर्शन राजस्थान में युवाओं के गुस्से और सरकार के प्रति अविश्वास को दर्शाता है। हनुमान बेनीवाल की गिरफ्तारी और उनके गंभीर आरोपों ने इस मुद्दे को और गरमा दिया है। SOG के खंडन के बावजूद, बेनीवाल का आंदोलन तेज करने का ऐलान इस मामले को और गंभीर बना सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि क्या सरकार इन मांगों पर कोई ठोस कदम उठाती है या यह आंदोलन और उग्र होता है।

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