अरंबाई टेंगोल नेता की गिरफ्तारी से भड़का तनाव
प्रमुख बिंदु-
मणिपुर, 8 जून 2025: मणिपुर में एक बार फिर हिंसा (Manipur Violence) की लपटें भड़क उठी हैं। मैतेई समुदाय के उग्रवादी संगठन अरंबाई टेंगोल के एक प्रमुख नेता की गिरफ्तारी के बाद इंफाल और आसपास के क्षेत्रों में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई है। शनिवार रात 11:45 बजे से राज्य सरकार ने पांच जिलों—इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, थौबल, बिष्णुपुर और ककचिंग—में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को अगले पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। यह कदम हिंसा, पथराव और आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है, जो अरंबाई टेंगोल के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच टकराव के बाद शुरू हुईं।

हिंसा की शुरुआत
हाल की घटनाएं तब शुरू हुईं, जब मणिपुर पुलिस ने अरंबाई टेंगोल के एक प्रमुख नेता को गिरफ्तार किया। इस संगठन को मैतेई समुदाय के हितों की रक्षा के लिए जाना जाता है, लेकिन इसे उग्रवादी गतिविधियों में शामिल होने का भी आरोप है। गिरफ्तारी के बाद संगठन के समर्थकों ने इंफाल में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए, जो जल्द ही हिंसक हो गए। प्रदर्शनकारियों ने पथराव और आगजनी की, जिसके जवाब में सुरक्षा बलों को बल प्रयोग करना पड़ा।
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से तनाव चला आ रहा है। अप्रैल 2025 में चेरोआबा उत्सव को लेकर दोनों समुदायों के बीच टकराव की खबरें सामने आई थीं, जब कुकी समुदाय ने मैतेई समुदाय को अपने क्षेत्रों में उत्सव मनाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। यह ताजा हिंसा उस तनाव का एक और अध्याय है, जो राष्ट्रपति शासन के बावजूद शांत नहीं हो पा रहा है।

इंटरनेट निलंबन और सुरक्षा उपाय
हिंसा को फैलने से रोकने के लिए मणिपुर सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को निलंबित कर दिया। गृह विभाग के सचिव एन. अशोक के अनुसार, यह कदम अफवाहों और भड़काऊ सामग्री को सोशल मीडिया के माध्यम से फैलने से रोकने के लिए उठाया गया है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की अतिरिक्त टुकड़ियों को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
हालांकि, कुछ स्थानीय लोगों और संगठनों ने इंटरनेट निलंबन के इस फैसले की आलोचना की है। उनका कहना है कि इससे आम नागरिकों को सूचना प्राप्त करने और संवाद करने में कठिनाई हो रही है। दूसरी ओर, प्रशासन का तर्क है कि यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

मैतेई-कुकी तनाव का इतिहास
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच तनाव नया नहीं है। 2023 से शुरू हुए जातीय संघर्षों ने राज्य में कई बार हिंसक रूप ले लिया है। मैतेई समुदाय, जो मणिपुर की घाटी क्षेत्रों में बहुसंख्यक है, और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाला कुकी समुदाय, कई मुद्दों पर एक-दूसरे के खिलाफ रहा है। इनमें जमीन, संसाधनों और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर विवाद शामिल हैं। अरंबाई टेंगोल जैसे संगठन मैतेई समुदाय के हितों को मुखरता से उठाते रहे हैं, जिससे तनाव और बढ़ा है।
सरकार और समाज की प्रतिक्रिया
केंद्र और राज्य सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बावजूद, हालात सामान्य होने में समय लग रहा है। स्थानीय नेताओं और सामाजिक संगठनों ने केंद्र सरकार से दोनों समुदायों के बीच शांति वार्ता शुरू करने की मांग की है। कुकी समुदाय के नेताओं ने भी केंद्र से हस्तक्षेप की अपील की है ताकि दोनों समुदायों के हितों की रक्षा हो सके।

सोशल मीडिया पर मणिपुर की स्थिति को लेकर कई प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग हिंसा की निंदा कर रहे हैं, तो कुछ स्थानीय समुदायों के बीच सुलह की वकालत कर रहे हैं।
मणिपुर में अरंबाई टेंगोल नेता की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा ने एक बार फिर राज्य की नाजुक स्थिति को उजागर किया है। इंटरनेट निलंबन और सुरक्षा बलों की तैनाती जैसे कदम तात्कालिक राहत दे सकते हैं, लेकिन स्थायी शांति के लिए गहरे सामाजिक और राजनीतिक सुधारों की जरूरत है। केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर इस संकट का समाधान निकालना होगा ताकि मणिपुर में शांति और समृद्धि लौट सके।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।