प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने यात्रियों की सुविधा और टिकट दलाली पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। आज 1 अक्टूबर 2025 से जनरल रिजर्वेशन टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग में आधार (Aadhaar) वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम आईआरसीटीसी की वेबसाइट और ऐप पर लागू होगा, जहां बुकिंग खुलने के पहले 15 मिनट में केवल आधार से जुड़े अकाउंट्स ही टिकट बुक कर सकेंगे। रेल मंत्रालय का कहना है कि इससे असली यात्रियों को प्राथमिकता मिलेगी और फर्जी बुकिंग रुकेगी।
नए नियमों की पूरी डिटेल
रेल मंत्रालय ने 15 सितंबर 2025 को जारी नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया है कि जनरल रिजर्वेशन टिकटों की बुकिंग अब तत्काल टिकटों की तरह सख्त होगी। आईआरसीटीसी पर सुबह 10 बजे (एसी क्लास) और 11 बजे (नॉन-एसी क्लास) बुकिंग खुलने के बाद पहले 15 मिनट में केवल आधार-वेरिफाइड यूजर्स ही टिकट ले सकेंगे। इसके लिए यूजर को अपना आधार नंबर आईआरसीटीसी अकाउंट से लिंक करना होगा। बुकिंग के समय रजिस्टर्ड मोबाइल पर ओटीपी आएगा, जिसे डालने के बाद ही प्रोसेस पूरा होगा।
यह नियम तत्काल बुकिंग के लिए जुलाई 2025 से लागू नियमों का विस्तार है, जहां पहले ही आधार को अनिवार्य किया गया था। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यह बदलाव सभी रेल जोनों में एकसमान रूप से लागू होगा। हालांकि, रेलवे स्टेशन काउंटरों पर बुकिंग के लिए आधार अनिवार्य नहीं है, लेकिन अगर यात्री ऑनलाइन तरीके अपनाते हैं तो यह जरूरी होगा। एजेंट्स के लिए पहले 10-15 मिनट में बुकिंग पर पाबंदी रहेगी, ताकि आम आदमी को मौका मिले।

बदलाव के पीछे की वजह और प्रभाव
रेलवे के आंकड़ों से पता चलता है कि अक्सर बुकिंग शुरू होते ही टिकट सेकंडों में खत्म हो जाते थे, क्योंकि दलाल और बॉट्स सॉफ्टवेयर की मदद से हजारों टिकट हथिया लेते थे। इससे आम यात्रियों को वेटिंग लिस्ट में धक्का लगता था। नए नियमों से फर्जी आईडी और कालाबाजारी पर रोक लगेगी, जैसा कि तत्काल बुकिंग में देखा गया।
एक रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई से तत्काल में आधार लागू होने के बाद कन्फर्म टिकटों की उपलब्धता 20% बढ़ी है। इसी तरह, जनरल रिजर्वेशन में भी वेटिंग कम होने की उम्मीद है। लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण इलाकों में आधार से जुड़ी दिक्कतें बढ़ सकती हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क कमजोर है या आधार अपडेट नहीं है। प्राइवेसी एक्सपर्ट्स ने चिंता जताई है कि यह डेटा लीक का खतरा बढ़ा सकता है, क्योंकि आईआरसीटीसी पहले भी साइबर अटैक का शिकार हो चुकी है। फिर भी, रेल मंत्रालय का दावा है कि यह सिस्टम सुरक्षित है और यात्रियों की सुविधा के लिए है।

आधार लिंक करने का आसान तरीका
अगर आपका आईआरसीटीसी अकाउंट आधार से जुड़ा नहीं है, तो फटाफट यह काम निपटा लें। आईआरसीटीसी ऐप या वेबसाइट पर लॉगिन करें, ‘माई प्रोफाइल’ सेक्शन में जाएं और ‘आधार केवाईसी’ ऑप्शन चुनें। अपना 12 अंकों का आधार नंबर डालें, फिर ओटीपी वेरिफाई करें। ध्यान दें, आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना चाहिए।
एक बार लिंक हो जाने पर, आप महीने में 12 टिकट बुक कर सकेंगे, जबकि बिना आधार के सिर्फ 6। ग्रुप बुकिंग में कम से कम एक यात्री का आधार वेरिफाइड होना चाहिए। अगर आधार नहीं है, तो अन्य आईडी जैसे वोटर आईडी या पासपोर्ट से काम चल सकता है, लेकिन पहले 15 मिनट में ऑनलाइन बुकिंग नहीं हो पाएगी। रेलवे ने सीआरआईएस और आईआरसीटीसी को तकनीकी अपडेट के निर्देश दिए हैं, ताकि सिस्टम सुचारू चले।

यात्रियों के लिए फायदे और सावधानियां
यह नियम यात्रियों को कई फायदे देगा। सबसे बड़ा लाभ यह कि टिकट जल्दी कन्फर्म होंगे और दलाली रुकेगी। त्योहारों के सीजन में, जैसे दिवाली या छठ, जब डिमांड ज्यादा होती है, यह बदलाव राहत दे सकता है। लेकिन अगर ओटीपी न आए या नेटवर्क इश्यू हो, तो क्या? रेलवे ने सलाह दी है कि हेल्पलाइन 139 या 1947 (यूआईडीएआई) पर संपर्क करें। नजदीकी स्टेशन पर भी मदद मिल सकती है।
कुछ यात्रियों की शिकायत है कि आधार अनिवार्यता से बुजुर्ग या तकनीक से अनजान लोग परेशान होंगे। इसलिए, रेलवे को वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार करना चाहिए। कुल मिलाकर, यह कदम डिजिटल इंडिया की दिशा में है, लेकिन इसका असर देखना बाकी है। अगर आप ट्रेन से सफर करते हैं, तो आज ही अपना अकाउंट अपडेट कर लें, वरना टिकट के लिए इंतजार बढ़ सकता है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।