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नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर भारत के साथ एक बड़े व्यापारिक समझौते (India-US Deal) के संकेत दिए हैं। हाल ही में चीन के साथ एक बड़े ट्रेड डील पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रम्प ने सार्वजनिक मंच से घोषणा की कि अब उनकी नजर भारत के साथ ‘Very Big’ India-US Deal पर है। इस खबर ने दोनों देशों के व्यापारिक जगत में हलचल मचा दी है और संभावित India-US Deal को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।
ट्रम्प का बयान और India-US Deal की चर्चा

डोनाल्ड ट्रम्प ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने चीन के साथ एक बहुत बड़ा समझौता किया है। अब अगला नंबर भारत का है। India-US Deal बहुत ही बड़ा और शानदार होने वाला है।” ट्रम्प के इस बयान के बाद भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में नई उम्मीदें जगी हैं। ट्रम्प ने यह भी कहा कि बीते कुछ वर्षों में भारत के साथ व्यापार घाटे को लेकर उन्होंने चिंता जताई थी, लेकिन अब दोनों देश एक संतुलित और पारस्परिक लाभकारी Deal की ओर बढ़ रहे हैं।
चीन डील के बाद अब India-US Deal पर फोकस

ट्रम्प ने हाल ही में चीन के साथ एक बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तुरंत बाद उन्होंने कहा कि अब भारत के साथ ‘Very Big Deal’ की तैयारी हो रही है। ट्रम्प ने साफ कहा कि “India-US Deal जल्द ही सामने आ सकती है। हम भारत के साथ सकारात्मक और बड़े बदलाव की ओर बढ़ रहे हैं।”
भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक समीकरण

बात करें तो दोनों देशों के बीच सालाना व्यापार करीब 150 बिलियन डॉलर का है। हालांकि अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा करीब 25 बिलियन डॉलर का रहा है, जिसे ट्रम्प प्रशासन कई बार मुद्दा बनाता रहा है। ट्रम्प ने पहले भी कई बार कहा है कि India-US Deal तभी संभव होगी जब भारत अपनी व्यापारिक नीतियों में अमेरिका के लिए कुछ रियायतें देगा।
संभावित Deal के प्रमुख बिंदु

विशेषज्ञों के अनुसार, संभावित Deal में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा हो सकती है:
- टैरिफ में कटौती: भारत में अमेरिकी उत्पादों पर लगने वाले उच्च शुल्क में कटौती हो सकती है।
- कृषि और डेयरी सेक्टर: अमेरिका भारत से अपने कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए बड़ी बाजार पहुंच चाहता है।
- टेक्नोलॉजी और डेटा लोकलाइजेशन: दोनों देश IT सेक्टर और डेटा लोकलाइजेशन जैसे मुद्दों पर भी बातचीत कर सकते हैं।
- फार्मा सेक्टर में समझौता: भारत की जेनेरिक दवाओं को अमेरिकी बाजार में और अधिक छूट मिल सकती है।
ट्रम्प की भारत नीति और पिछले India-US Deal प्रयास
ट्रम्प प्रशासन के दौरान भी कई बार Deal को लेकर बातचीत हुई थी। साल 2020 में ट्रम्प के भारत दौरे के दौरान भी इस पर चर्चा हुई थी लेकिन अंतिम समझौता नहीं हो सका था। ट्रम्प ने उस समय भी कहा था कि “हम भारत के साथ एक महान ट्रेड डील की दिशा में काम कर रहे हैं।” लेकिन कई मुद्दों पर सहमति न बनने के कारण यह डील अधर में रह गई थी।
अब एक बार फिर ट्रम्प ने Deal की बात छेड़कर स्पष्ट कर दिया है कि वे अगर दोबारा सत्ता में आते हैं तो भारत के साथ यह समझौता उनकी प्राथमिकता में रहेगा।
भारत की प्रतिक्रिया

भारत सरकार की ओर से अभी तक इस नई संभावित India-US Deal पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि भारत हमेशा से अमेरिका के साथ संतुलित और पारस्परिक हितों वाले व्यापार समझौते का पक्षधर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस बार ज्यादा सख्ती से अपने हितों की रक्षा करेगा।
विशेषज्ञों की राय
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगर यह India-US Deal सही दिशा में आगे बढ़ती है तो इससे भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर को बड़ा लाभ मिल सकता है। इसके अलावा भारत में अमेरिकी निवेश भी बढ़ सकता है। लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि भारत अपनी घरेलू मार्केट की सुरक्षा के मद्देनजर कोई भी समझौता करे। फिलहाल सबकी निगाहें इस संभावित India-US Deal पर टिकी हैं। ट्रम्प के बयानों ने जहां कारोबारी हलकों में उत्साह बढ़ाया है, वहीं राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे चुनावी रणनीति करार दिया है। अब देखना यह होगा कि आने वाले महीनों में India-US Deal सिर्फ एक चुनावी वादा बनकर रह जाएगी या वास्तव में दोनों देशों के बीच एक बड़ा व्यापारिक समझौता आकार लेगा।

अवि नमन यूनिफाइड भारत के एक विचारशील राजनीतिक पत्रकार और लेखक हैं, जो भारतीय राजनीति, नीति निर्माण और सामाजिक न्याय पर तथ्यपरक विश्लेषण के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में गहरी समझ और नया दृष्टिकोण झलकता है। मीडियम और अन्य मंचों पर उनके लेख लोकतंत्र, कानून और सामाजिक परिवर्तन को रेखांकित करते हैं। अवि ने पत्रकारिता के बदलते परिवेश सहित चार पुस्तकों की रचना की है और सामाजिक-राजनीतिक जागरूकता के लिए समर्पित हैं।