प्रमुख बिंदु-
मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मुलाकात ने भारत-ब्रिटेन के रिश्तों को नई गति दी है। गुरुवार को मुंबई में हुई इस द्विपक्षीय बातचीत में दोनों नेताओं ने व्यापार, शिक्षा, सुरक्षा और तकनीक जैसे अहम मुद्दों पर गहन चर्चा की। जुलाई में हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) को मजबूत बनाने के साथ-साथ शिक्षा क्षेत्र में बड़ा ऐलान हुआ। स्टार्मर ने घोषणा की कि ब्रिटेन की नौ प्रमुख यूनिवर्सिटीज भारत में कैंपस खोलेंगी, जो युवाओं के लिए सुनहरा अवसर साबित होगा। पीएम मोदी ने इसे ‘युवा सशक्तिकरण का नया दौर’ बताया। इस मुलाकात से न केवल कारोबार बढ़ेगा, बल्कि लाखों नौकरियां पैदा होंगी।
द्विपक्षीय वार्ता: व्यापार से सुरक्षा तक गहराई
पीएम मोदी और कीर स्टार्मर की यह मुलाकात ब्रिटिश पीएम के भारत के पहले आधिकारिक दौरे का हिस्सा थी। स्टार्मर 125 सदस्यीय विशाल प्रतिनिधिमंडल के साथ आए, जो ब्रिटेन का अब तक का सबसे बड़ा व्यापारिक मिशन है। बातचीत में सीईटीए समझौते को ‘दोनों देशों के विकास का लॉन्चपैड’ करार दिया गया। इस डील से द्विपक्षीय व्यापार में सालाना 25.5 अरब पाउंड (लगभग 2,700 करोड़ रुपये) की बढ़ोतरी की उम्मीद है।

मोदी ने कहा, “यह समझौता आयात-निर्यात को सरल बनाएगा, जिससे कारोबारियों को फायदा होगा।” स्टार्मर ने सहमति जताते हुए ब्रिटेन की जीडीपी में 4.8 अरब पाउंड का इजाफा होने का अनुमान लगाया। इसके अलावा, सैन्य प्रशिक्षण सहयोग पर नया समझौता हुआ, जिसमें दोनों देशों की सेनाओं के बीच संयुक्त अभ्यास और तकनीकी आदान-प्रदान शामिल है। सुरक्षा और महत्वपूर्ण तकनीक पर फोकस के साथ, दोनों नेताओं ने आतंकवाद विरोधी साझेदारी को और मजबूत करने पर जोर दिया। यह वार्ता भारत-ब्रिटेन के रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देगी।

शिक्षा में नया अध्याय: 9 यूनिवर्सिटीज का भारत में प्रवेश
शिक्षा क्षेत्र में सबसे बड़ा सरप्राइज ब्रिटिश यूनिवर्सिटीज का भारत में विस्तार है। स्टार्मर ने मुंबई में ऐलान किया कि नौ शीर्ष ब्रिटिश संस्थान यहां कैंपस स्थापित करेंगे। इनमें साउथैम्पटन यूनिवर्सिटी का गुरुग्राम कैंपस पहले ही शुरू हो चुका है, जहां पहला बैच दाखिला ले चुका। लिवरपूल यूनिवर्सिटी बैंगलोर में, जबकि यॉर्क, एबरडीन और ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी मुंबई में कैंपस खोलेंगी। अन्य संस्थानों में एक्सेटर, नॉटिंघम और शेफील्ड शामिल हैं।

पीएम मोदी ने कहा, “यह कदम भारतीय युवाओं को विश्वस्तरीय शिक्षा घर के दरवाजे पर उपलब्ध कराएगा। इससे न केवल पढ़ाई आसान होगी, बल्कि हजारों रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।” विशेषज्ञों का मानना है कि ये कैंपस स्टेम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स) कोर्सेज पर फोकस करेंगे, जो भारत की 2030 तक 50% जीडीपी डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने की योजना से जुड़े। ब्रिटेन के लिए यह कदम भारतीय छात्रों को आकर्षित करने का मौका है, क्योंकि वर्तमान में 1.5 लाख से ज्यादा भारतीय वहां पढ़ते हैं।

आर्थिक संबंधों को मिलेगी रफ्तार: ट्रेड डील का असर
सीईटीए समझौता भारत-ब्रिटेन के आर्थिक बंधन को मजबूत करने का बड़ा कदम है। जुलाई में हस्ताक्षरित इस डील से टैरिफ में कटौती होगी, जिससे ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स और आईटी सेक्टर में निवेश बढ़ेगा। स्टार्मर ने कहा, “भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा, और हम इसमें साझेदार बनना चाहते हैं।”
भारतीय कंपनियों ने भी ब्रिटेन में 1.75 अरब डॉलर निवेश का ऐलान किया है। 64 भारतीय फर्म्स टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियल सर्विसेज में उतरेंगी। पीएम मोदी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, “यह समझौता सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि लाखों नौकरियों का वादा है।” अर्थशास्त्रियों के अनुसार, इससे भारत का निर्यात 20% बढ़ सकता है, खासकर वस्त्र और कृषि उत्पादों में।

विजन 2035
दोनों नेताओं ने ‘विजन 2035’ पर जोर दिया, जो भारत-ब्रिटेन की व्यापक रणनीतिक साझेदारी का रोडमैप है। इसमें जलवायु परिवर्तन, साइबर सिक्योरिटी और सस्टेनेबल डेवलपमेंट शामिल। स्टार्मर ने कहा, “हमारी साझेदारी महत्वाकांक्षी है, जो 2035 तक दोनों देशों को वैश्विक लीडर बनाएगी।”

इसके बाद मोदी और स्टार्मर जियो वर्ल्ड सेंटर पहुंचे, जहां ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 का उद्घाटन किया। दुनिया का यह सबसे बड़ा फिनटेक इवेंट डिजिटल पेमेंट और इनोवेशन पर केंद्रित है। स्टार्मर का दो दिवसीय दौरा आज समाप्त हो रहा, लेकिन इन पहलों से द्विपक्षीय रिश्ते लंबे समय तक मजबूत रहेंगे।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
