प्रमुख बिंदु-
India Pakistan Tension: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने देशभर में 7 मई 2025 को एक व्यापक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह मॉक ड्रिल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद पहली बार हवाई हमलों से बचाव के लिए आयोजित की जा रही है। यह अभ्यास पहलगाम के बिसरन मीडो में हाल के आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे।

डीडी न्यूज़ के अनुसार, सरकार ने इस मॉक ड्रिल के लिए प्रमुख उपायों की रूपरेखा तैयार की है, जिसका उद्देश्य नागरिकों, सुरक्षा बलों और महत्वपूर्ण ढांचागत सुविधाओं को किसी भी शत्रुतापूर्ण हमले के लिए तैयार करना है। आइए, इस मॉक ड्रिल के सभी पहलुओं और इसके महत्व को विस्तार से समझते हैं।
मॉक ड्रिल के प्रमुख उपाय
सरकारी सूत्रों और गृह मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार, यह मॉक ड्रिल निम्नलिखित नौ प्रमुख उपायों पर केंद्रित है:
- हवाई हमले की चेतावनी सायरन की प्रभावशीलता का आकलन: लंबे समय से निष्क्रिय हवाई हमले की चेतावनी सायरन को सक्रिय किया जाएगा। इनकी कार्यक्षमता की जांच की जाएगी ताकि आपात स्थिति में नागरिकों को तुरंत सतर्क किया जा सके। यह कदम शत्रुतापूर्ण हमले के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया के लिए महत्वपूर्ण है।
- भारतीय वायु सेना के साथ हॉटलाइन/रेडियो संचार लिंक का संचालन: भारतीय वायु सेना के साथ संचार लिंक की कार्यक्षमता का परीक्षण किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि आपात स्थिति में समन्वय और सूचना का प्रवाह निर्बाध रहे।
- नियंत्रण कक्ष और शैडो नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण: नियंत्रण कक्षों और उनके बैकअप (शैडो नियंत्रण कक्षों) की कार्यक्षमता की जांच की जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि आपात स्थिति में कमांड और नियंत्रण प्रणाली सुचारू रूप से काम करे।
- नागरिकों और छात्रों का प्रशिक्षण: स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों और अन्य नागरिकों को नागरिक सुरक्षा के पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। शिक्षक और नागरिक स्वयंसेवक इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। छात्र अपने परिवार और समुदाय को जागरूक करने में मदद करेंगे।
- क्रैश ब्लैकआउट उपायों का प्रावधान: आपात स्थिति में दृश्यता कम करने के लिए ब्लैकआउट उपायों का अभ्यास किया जाएगा। हाल ही में पंजाब के फिरोजपुर कैंट में 4 मई को 30 मिनट का ब्लैकआउट रिहर्सल किया गया था, जिसमें सभी बत्तियां और वाहनों की लाइट्स बंद कराई गई थीं।
- महत्वपूर्ण संयंत्रों/स्थापनाओं का प्रारंभिक छलावरण: परमाणु संयंत्रों, रासायनिक कारखानों, बिजली संयंत्रों और अन्य महत्वपूर्ण औद्योगिक इकाइयों को छलावरण करने की रणनीति पर काम किया जाएगा। यह सुविधाओं को शत्रु के हवाई हमलों या निगरानी से बचाएगा।
- नागरिक सुरक्षा सेवाओं की सक्रियता और प्रतिक्रिया का सत्यापन: इसमें वार्डन सेवाएं, अग्निशमन, बचाव कार्य और डिपो प्रबंधन शामिल हैं। इन सेवाओं की तत्परता और प्रभावशीलता का आकलन किया जाएगा ताकि आपात स्थिति में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित हो।
- निकासी योजनाओं की तैयारी और कार्यान्वयन का मूल्यांकन: निकासी योजनाओं को अपडेट किया जाएगा और उनका रिहर्सल किया जाएगा। इसमें सीमावर्ती जिलों, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, सचिवालयों और शहरी क्षेत्रों में निकासी रणनीतियों का अभ्यास शामिल है।

मॉक ड्रिल का महत्व और संदर्भ
डीडी न्यूज़ के अनुसार, यह मॉक ड्रिल भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है। पहलगाम के बिसरन मीडो में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। यह अभ्यास 244 नागरिक सुरक्षा जिलों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें गांव स्तर तक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी।
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश का प्रत्येक नागरिक और सुरक्षा प्रतिष्ठान किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार हो। ये सभी सावधानीपूर्वक उपाय हैं, जिनका उद्देश्य भारत की संप्रभु भूमि पर किसी भी शत्रुतापूर्ण हमले के लिए तैयार रहना है। यह मॉक ड्रिल न केवल नागरिकों को तैयार करेगा, बल्कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस की तत्परता को भी परखेगा।
जनता तक पहुंच और सहयोग
इस मॉक ड्रिल में जनता की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। निम्नलिखित समूहों से सहयोग मांगा जा रहा है:
- छात्र और शैक्षणिक संस्थान: स्कूलों और कॉलेजों में प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे। छात्र प्राथमिक रक्षा तकनीकों के बारे में सीखेंगे और अपने आस-पास के समुदाय को जागरूक करेंगे।
- नागरिक स्वयंसेवक: सरकार के साथ पंजीकृत स्वयंसेवक स्थानीय समुदायों को प्रशिक्षित करेंगे। वे विभिन्न सामाजिक समूहों तक पहुंचेंगे और आपात स्थिति में सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता फैलाएंगे।
- स्थानीय प्रशासन और पुलिस: राज्य पुलिस और स्थानीय प्रशासन इस अभ्यास को लागू करने और समन्वय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वे निकासी योजनाओं और ब्लैकआउट प्रोटोकॉल को लागू करने में सहायता करेंगे।
- सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासी: जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और गुजरात जैसे सीमावर्ती राज्यों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन क्षेत्रों में निकासी योजनाओं का रिहर्सल और नागरिक प्रशिक्षण पर जोर रहेगा।

सरकार का संदेश: सतर्क रहें, घबराएं नहीं
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह मॉक ड्रिल एक सावधानीपूर्ण कदम है और इसका उद्देश्य नागरिकों में घबराहट पैदा करना नहीं है। फिरोजपुर में हाल के ब्लैकआउट रिहर्सल के दौरान, उपायुक्त दीपशिखा शर्मा ने निवासियों को आश्वस्त किया था कि यह एक नियमित अभ्यास है। सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक और सुरक्षा बल किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार हो।

7 मई 2025 को आयोजित होने वाली यह नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल भारत की सुरक्षा तैयारियों में एक ऐतिहासिक कदम है। हवाई हमले की चेतावनी सायरन, संचार लिंक, नियंत्रण कक्ष, नागरिक प्रशिक्षण, ब्लैकआउट उपाय, छलावरण, नागरिक सुरक्षा सेवाएं और निकासी योजनाएं जैसे नौ उपाय यह सुनिश्चित करेंगे कि देश किसी भी शत्रुतापूर्ण हमले के लिए पूरी तरह तैयार रहें। यह अभ्यास न केवल सुरक्षा बलों की तत्परता को मजबूत करेगा, बल्कि नागरिकों में आत्मविश्वास भी पैदा करेगा। यह एकजुटता और सतर्कता का संदेश है कि भारत अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।
(डीडी न्यूज़ के इनपुट के साथ)