पाकिस्तान का व्यापार ठप: $500 मिलियन का नुकसान
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली, 4 मई 2025 (India Pakistan Conflict): जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को नए निचले स्तर पर पहुंचा दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत ने भारत को कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर किया। भारत ने पाकिस्तान से सभी आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया, पाकिस्तानी जहाजों को भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश से रोक दिया, और बगलिहार बांध के माध्यम से पानी के प्रवाह को सीमित कर दिया।

जवाब में, पाकिस्तान ने भारतीय जहाजों के लिए अपने बंदरगाह बंद कर दिए और हवाई क्षेत्र को भारतीय विमानों के लिए प्रतिबंधित कर दिया। इस तनाव ने पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डाला है, जिसमें 500 मिलियन डॉलर के सामान का व्यापार प्रभावित होने की संभावना है। भारत ने पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के एक्स हैंडल को भी भारत में ब्लॉक कर दिया, जिससे दोनों देशों के बीच डिजिटल युद्ध और बढ़ गया।
भारत की सख्त कार्रवाई: आतंकवाद को करारा जवाब
पहलगाम हमले के बाद, भारत ने तत्काल कई कदम उठाए। विदेश मंत्रालय ने 1960 के सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जो पाकिस्तान को इंडस नदी प्रणाली के 80% पानी की आपूर्ति करता है। यह संधि पाकिस्तान की कृषि, जो इसके जीडीपी का 24% और 40% रोजगार प्रदान करती है, के लिए महत्वपूर्ण है। बगलिहार बांध, जो चिनाब नदी पर स्थित है, के स्लुइस स्पिलवे के गेट्स को बंद कर पानी का प्रवाह सीमित कर दिया गया। यह अल्पकालिक दंडात्मक कार्रवाई पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में पानी की आपूर्ति को प्रभावित कर सकती है।

इसके अलावा, भारत ने अटारी-वाघा सीमा को बंद कर दिया, जो दोनों देशों के बीच एकमात्र व्यापारिक मार्ग था। 2023-24 में इस मार्ग से 3,886.53 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था। भारत ने पाकिस्तानी मूल के सभी सामानों, चाहे वे सीधे आएं या तीसरे देशों (जैसे दुबई, सिंगापुर) के माध्यम से, पर प्रतिबंध लगा दिया। यह कदम विशेष रूप से पाकिस्तान के छोटे व्यापारियों और निर्माताओं को प्रभावित करेगा, जो भारत से दवाइयों और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर निर्भर हैं।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गहरा संकट
पहलगाम हमले के बाद भारत की कार्रवाइयों ने पाकिस्तान की पहले से ही कमजोर अर्थव्यवस्था को गहरे संकट में डाल दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के आयात प्रतिबंध से लगभग 500 मिलियन डॉलर के पाकिस्तानी सामान प्रभावित होंगे, जिनमें फल, तेल बीज, और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं। 2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी सामानों पर 200% शुल्क लगाया था, जिससे द्विपक्षीय व्यापार 3 बिलियन डॉलर से घटकर 2024 में 1.2 बिलियन डॉलर हो गया। अब पूर्ण व्यापार प्रतिबंध ने पाकिस्तान के निर्यात विकल्पों को और सीमित कर दिया है।
पाकिस्तान की स्टॉक मार्केट ने भी तीव्र प्रतिक्रिया दी। 24 अप्रैल को कराची-100 इंडेक्स (KSE-100) में 2% से अधिक की गिरावट आई, जो 2,500 अंकों की कमी के साथ 1,14,740.29 पर बंद हुआ। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस को हवाई क्षेत्र बंद होने से प्रतिदिन 460,000 डॉलर का नुकसान हो रहा है, और कुल मिलाकर पिछले हवाई क्षेत्र बंद होने के दौरान 100 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। विश्व बैंक की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में इस वर्ष 10 मिलियन से अधिक लोग अत्यधिक खाद्य असुरक्षा का सामना कर सकते हैं, और व्यापार बंद होने से चावल और मक्का जैसे प्रमुख फसलों का उत्पादन प्रभावित होगा।

डिजिटल युद्ध: इमरान और बिलावल के एक्स हैंडल ब्लॉक
भारत ने डिजिटल मोर्चे पर भी कड़ा रुख अपनाया। पहलगाम हमले के बाद, भारत ने इमरान खान और बिलावल भुट्टो के एक्स हैंडल को भारत में ब्लॉक कर दिया, क्योंकि इन नेताओं के बयान भड़काऊ माने गए। बिलावल भुट्टो ने एक रैली में कहा था, “या तो हमारा पानी बहेगा, या उनका खून,” जिसे भारत ने युद्ध उन्माद के रूप में देखा। इमरान खान ने हमले को “दुखद” बताया, लेकिन भारत पर “नकली” आरोप लगाने का दावा किया। इन हैंडल्स को ब्लॉक करने का नोटिस “कानूनी मांग” के अनुपालन में जारी किया गया। इसके अलावा, कई पाकिस्तानी अभिनेताओं के इंस्टाग्राम अकाउंट भी भारत में अवरुद्ध किए गए, जिससे डिजिटल तनाव और बढ़ गया।

वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की अलगाव
भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान को घेरने की रणनीति अपनाई है। भारत ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में पाकिस्तान को फिर से ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल करने की मांग की है और सभी बहुपक्षीय विकास बैंकों से पाकिस्तान को धन और ऋण प्रदान करने के खिलाफ दबाव डाला है। ये कदम पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को और कमजोर कर सकते हैं, जो पहले से ही आईएमएफ के 37-महीने के विस्तारित फंड सुविधा पर निर्भर है। आईएमएफ ने हाल ही में पाकिस्तान की वृद्धि दर को 3% से घटाकर 2.6% कर दिया, जो इसकी जनसंख्या वृद्धि से थोड़ा ही अधिक है।
पाकिस्तान ने जवाब में कुछ कदम उठाए, जैसे 1972 के शिमला समझौते को निलंबित करना और भारतीय विमानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद करना। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि ये कदम प्रतीकात्मक हैं और भारत के आर्थिक और कूटनीतिक दबाव का मुकाबला करने में अपर्याप्त हैं। भारत ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह बंद नहीं करता, तब तक कोई बातचीत संभव नहीं है।

पहलगाम हमले ने भारत को आतंकवाद के खिलाफ “कठोर और निर्णायक” कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को “पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता” दी है, और भारत ने आर्थिक, कूटनीतिक, और डिजिटल मोर्चों पर पाकिस्तान को घेर लिया है। ये कदम न केवल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेंगे, बल्कि वैश्विक मंच पर उसकी स्थिति को भी कमजोर करेंगे। भारत का यह रुख स्पष्ट है: आतंकवाद और शांति एक साथ नहीं चल सकते।