बांधों की सफाई: चिनाब पर भारत का दम!
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली, 16 मई 2025 (Chenab River Dam Flushing): पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए 22 अप्रैल 2025 को सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। 1960 में हुई इस संधि के तहत भारत को सतलुज, ब्यास और रावी नदियों का पूर्ण उपयोग करने का अधिकार मिला था, जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी आवंटित किया गया था। हमले के बाद भारत ने इस संधि को स्थगित कर चिनाब नदी पर बने बगलिहार और सलाल बांधों के गेट बंद करने का फैसला किया, जिससे पाकिस्तान में जल संकट गहरा गया है।
फ्लशिंग ऑपरेशन: बांधों की सफाई, पाकिस्तान की परेशानी
4 मई 2025 से भारत ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर स्थित बगलिहार और सलाल बांधों के गेट बंद कर फ्लशिंग ऑपरेशन शुरू किया। फ्लशिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें बांधों और नदियों में जमा गाद, रेत और तलछट को तेज जल प्रवाह के साथ बाहर निकाला जाता है। इससे बांधों की जल संग्रहण क्षमता बढ़ती है और नदी का प्रवाह साफ होता है। मई 2025 में हुई पहली फ्लशिंग में इन बांधों से 7.5 मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक तलछट हटाई गई। यह पहली बार है जब 1987 में बने सलाल और 2008-09 में बने बगलिहार बांधों में फ्लशिंग की गई, क्योंकि पहले पाकिस्तान की आपत्तियों के चलते यह प्रक्रिया नहीं हो पाती थी।

केंद्रीय जल आयोग की सिफारिश: हर महीने फ्लशिंग
केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने अब हर महीने फ्लशिंग करने की सिफारिश की है और इसके लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी करने की बात कही है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह कदम पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ाएगा। फ्लशिंग से अचानक पानी का तेज प्रवाह नीचे की ओर जाएगा, जिससे पाकिस्तान में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही, गेट बंद होने से चिनाब नदी का जल स्तर घटने के कारण पाकिस्तान को मिलने वाला पानी कम हो रहा है। पाकिस्तान की सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण सलाहकार समिति ने खरीफ सीजन में पानी की 21% कमी की चेतावनी दी है।

पाकिस्तान में जल संकट: खेती पर संकट
चिनाब नदी के जल स्तर में कमी से पाकिस्तान पहले से ही जल संकट से जूझ रहा है। भारत के फ्लशिंग ऑपरेशन और बांधों के गेट बंद करने से यह संकट और गहरा गया है। पाकिस्तान के विशेषज्ञों का कहना है कि यदि भारत चिनाब का 10% पानी भी रोक देता है, तो पाकिस्तान की कृषि और अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा। सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी चैनलों में इस मुद्दे पर हाहाकार मचा है। कुछ विशेषज्ञ इसे युद्ध की तरह मान रहे हैं।

भारत की रणनीति: जल शक्ति से जवाब
सवाल उठा था कि सिंधु जल संधि रद्द करने के बाद भारत इतने पानी का क्या करेगा, क्योंकि इसके लिए बुनियादी ढांचा तैयार नहीं था। लेकिन महीने भर के भीतर ही भारत ने अपनी रणनीति साफ कर दी। बगलिहार और सलाल बांधों के फ्लशिंग ऑपरेशन के साथ-साथ सरकार अब सिंधु, झेलम और चिनाब के पानी को नियंत्रित करने की योजना बना रही है। केंद्र सरकार शाहपुर कांडी बैराज जैसे प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा करने की दिशा में काम कर रही है, ताकि पानी का उपयोग भारत की जरूरतों के लिए किया जा सके।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने न केवल कूटनीतिक स्तर पर, बल्कि जल शक्ति के जरिए भी पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। फ्लशिंग ऑपरेशन और सिंधु जल संधि के निलंबन से पाकिस्तान में जल संकट गहरा गया है। हर महीने फ्लशिंग की सिफारिश और बांधों के गेट बंद करने की रणनीति से भारत ने अपनी स्थिति मजबूत की है। यह कदम न केवल तकनीकी, बल्कि रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, जो पाकिस्तान को लंबे समय तक परेशान कर सकता है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।