भारत के इस कदम से पाकिस्तान को होगा आर्थिक चोट
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली, 03 मई 2025 (India Bans Pakistan Trade): पाहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। भारत ने पड़ोसी देश पाकिस्तान से सभी आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में बताया है। वाणिज्य मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, पाकिस्तान से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आने वाले सभी सामानों, चाहे वे स्वतंत्र रूप से आयात योग्य हों या नहीं, पर रोक रहेगी। इस प्रतिबंध से छूट के लिए सरकार की पूर्व अनुमति आवश्यक होगी। यह कदम भारत के कड़े रुख को दर्शाता है, जो पाकिस्तान से आतंकवाद को लेकर लगातार चेतावनी देता रहा है।

पाहलगाम हमले ने बढ़ाया तनाव
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत बाइसरण घास के मैदान में आतंकियों ने 26 नागरिकों की निर्मम हत्या कर दी, जिसमें एक नेपाली पर्यटक और एक स्थानीय पॉनी गाइड भी शामिल थे। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट ने ली, जिसके तार पाकिस्तान से जुड़े होने का दावा भारत ने किया। इस हमले ने दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्तों को और बिगाड़ दिया। भारत ने तुरंत कड़े कदम उठाए, जिसमें 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित करना शामिल है। इस समझौते के तहत पाकिस्तान को सिंधु नदी प्रणाली से पानी मिलता है, जो उसके करोड़ों नागरिकों और कृषि के लिए महत्वपूर्ण है।

आयात प्रतिबंध: आर्थिक और कूटनीतिक झटका
2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े आर्थिक कदम उठाए, जिसमें पाकिस्तानी उत्पादों पर 200% सीमा शुल्क लगाया गया। इस नीति के परिणामस्वरूप, पाकिस्तान से भारत का आयात तेजी से घट गया और 2024-25 तक यह भारत के कुल आयात का मात्र 0.0001% से भी कम रह गया। इस दौरान आयात मुख्य रूप से फार्मास्यूटिकल उत्पादों, फलों और तिलहन तक सीमित था। अब, भारत सरकार ने पाकिस्तान से सभी आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, जो न केवल आर्थिक दबाव बढ़ाएगा, बल्कि पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देगा कि आतंकवाद और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते।

यह पूर्ण आयात प्रतिबंध पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि भारत उसका महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार रहा है। हालांकि आयात का स्तर पहले ही नगण्य था, यह कदम भारत के सख्त कूटनीतिक रुख को रेखांकित करता है। गृह मंत्री अमित शाह ने दोहराया है कि जब तक जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता, पाकिस्तान के साथ कोई व्यापारिक वार्ता संभव नहीं होगी। यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में उठाया गया कदम है, जो भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है। इसके साथ ही, यह कदम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के आतंकवाद विरोधी दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करता है।
Direct or indirect Import or transit of all goods originating in or exported from Pakistan, whether or not freely importable or otherwise permitted, shall be prohibited with immediate effect. pic.twitter.com/KBamc3DhdW
— ANI (@ANI) May 3, 2025
सिंधु जल समझौता निलंबन और वीजा रद्द
पाहलगाम हमले के बाद भारत ने न केवल आयात रोका, बल्कि सिंधु जल समझौते को निलंबित कर पाकिस्तान के लिए पानी की आपूर्ति को खतरे में डाल दिया। इसके अलावा, पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा, जिसमें मेडिकल वीजा भी शामिल हैं, रद्द कर दिए गए और उन्हें भारत छोड़ने का अल्टीमेटम दिया गया। जवाब में, पाकिस्तान ने भी भारतीय वीजा रद्द किए और सिमला समझौते सहित द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित करने की धमकी दी। दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर कूटनीतिक संबंधों को और कम कर दिया।

LOC पर बढ़ता तनाव
नियंत्रण रेखा (LOC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय चौकियों पर निशाना साधकर गोलीबारी की, जिसका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया। 24 अप्रैल से लगातार नौ रातों तक पाकिस्तान ने युद्धविराम का उल्लंघन किया। भारत ने साफ कर दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को “पूर्ण ऑपरेशनल स्वतंत्रता” दी है, जिससे सैन्य कार्रवाई की आशंका बढ़ गई है।
यह कदम भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का हिस्सा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से अमेरिका, ने भारत के रुख का समर्थन किया है, जबकि दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील की है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।