भारत में बढ़ते निवेश, डिजिटल और ऑटोमेशन सेक्टर से मिल रही जबरदस्त रफ्तार
प्रमुख बिंदु-
मुंबई: Honeywell International, जो दुनिया की प्रमुख टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में से एक है, भारत में अपने कारोबार का विस्तार तेजी से कर रही है। कंपनी का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ वर्षों में वह भारत में अपना व्यापार 1 अरब डॉलर (लगभग ₹8,300 करोड़) से अधिक कर दे। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में जानकारी दी कि भारत अब सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि हनीवेल की वैश्विक विकास रणनीति का एक अहम केंद्र बनता जा रहा है।
भारत में ऑटोमेशन, डिजिटल टेक्नोलॉजी, स्मार्ट सिटी सॉल्यूशन्स, ग्रीन एनर्जी और एविएशन जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए हनीवेल ने यहां अपने निवेश को बढ़ाया है। इसके अलावा कंपनी ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत अपने मैन्युफैक्चरिंग और R&D केंद्रों को मजबूत करने में लगी है।
हनीवेल के अनुसार, भारत में मौजूद युवा प्रतिभा, तकनीकी कौशल और सरकार की इंडस्ट्रियल नीतियां उन्हें अपने कारोबार को मजबूत करने में मदद कर रही हैं। कंपनी का मानना है कि आने वाले समय में भारत उसका एक ग्लोबल इनोवेशन हब बन सकता है, जहां से तकनीकी समाधान पूरी दुनिया को भेजे जा सकेंगे।

क्यों है भारत Honeywell के लिए खास?
भारत हनीवेल के लिए केवल एक बड़ा बाजार नहीं, बल्कि एक रणनीतिक और नवाचार से भरपूर केंद्र बन चुका है। इसके पीछे कई अहम कारण हैं, जो भारत को कंपनी की वैश्विक विकास रणनीति में विशेष स्थान देते हैं।
सबसे पहला कारण है भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और डिजिटल बदलाव। स्मार्ट सिटी, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन, ऊर्जा कुशल समाधान और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत में मांग तेज़ी से बढ़ रही है, जो हनीवेल के प्रमुख व्यवसाय क्षेत्रों के लिए बेहद अनुकूल है।
दूसरा बड़ा कारण है भारत की विशाल तकनीकी प्रतिभा। देश में लाखों प्रशिक्षित इंजीनियर, सॉफ्टवेयर डेवलपर और टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल्स उपलब्ध हैं, जो हनीवेल को विश्व स्तरीय समाधान विकसित करने में मदद करते हैं। कंपनी का बेंगलुरु स्थित ग्लोबल टेक्नोलॉजी सेंटर इसका प्रमाण है, जहां से कई अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट संचालित होते हैं।
तीसरा कारण है भारत की स्थिर सरकार और प्रोत्साहनकारी नीतियां, जैसे ‘मेक इन इंडिया’, जो विदेशी निवेश और स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देती हैं। इसी के तहत हनीवेल ने भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन हब के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है।
इन सभी कारणों से भारत, हनीवेल के लिए आने वाले वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण देशों में से एक बनता जा रहा है।

कहाँ-कहाँ है Honeywell की मौजूदगी?
Honeywell ने भारत में अपनी मौजूदगी को रणनीतिक रूप से देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित किया है। कंपनी के पास गुड़गांव, बेंगलुरु, पुणे, मदुरै और चेन्नई जैसे प्रमुख शहरों में अपने ऑफिस, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) सेंटर्स हैं।
बेंगलुरु में स्थित इसका ग्लोबल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर हनीवेल की वैश्विक इंजीनियरिंग और नवाचार क्षमताओं का प्रमुख आधार है। यहां हजारों इंजीनियर और डेवलपर्स कंपनी के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर, ऑटोमेशन सिस्टम, एयर क्वालिटी और स्मार्ट सिटी सॉल्यूशन्स पर काम करते हैं। यह सेंटर न केवल भारतीय बाजार के लिए, बल्कि हनीवेल के वैश्विक ग्राहकों के लिए भी इनोवेटिव समाधान तैयार करता है।
गुड़गांव और पुणे में कंपनी के कॉर्पोरेट और ऑपरेशनल ऑफिस हैं, जो व्यापारिक निर्णयों और ग्राहक सेवा से जुड़े कार्यों को संभालते हैं। चेन्नई और मदुरै में कंपनी की कुछ मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं हैं, जहां उन्नत तकनीक वाले उपकरण और सिस्टम तैयार किए जाते हैं।
वर्तमान में हनीवेल के भारत में 10,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, जो इंजीनियरिंग, रिसर्च, मैनेजमेंट और सपोर्ट सर्विसेज जैसी विभिन्न भूमिकाओं में योगदान दे रहे हैं। इन सबके ज़रिए भारत, हनीवेल के लिए एक मजबूत वैश्विक आधार बन गया है।

किस क्षेत्र में सबसे ज़्यादा ग्रोथ?
Honeywell के लिए भारत में सबसे तेज़ ग्रोथ जिन क्षेत्रों में देखने को मिल रही है, वे हैं – डिजिटल ऑटोमेशन, एविएशन, और एनर्जी ट्रांज़िशन। इन तीनों सेक्टरों में मांग में तेजी, सरकारी नीतियों का सहयोग और स्थानीय तकनीकी प्रतिभा ने कंपनी को आगे बढ़ने के कई अवसर दिए हैं।
डिजिटल ऑटोमेशन के क्षेत्र में Honeywell ने AI, 5G, क्लाउड और इंडस्ट्री 4.0 पर केंद्रित समाधानों में जबरदस्त ग्रोथ देखी है। इसका प्रमुख प्लेटफॉर्म Honeywell Forge उद्योगों और भवनों को स्मार्ट बनाने में मदद कर रहा है। भारत में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की तेज़ रफ्तार ने कंपनी को यहां डबल-डिजिट ग्रोथ दिलाई है।
वहीं एविएशन सेक्टर भी कंपनी के लिए बड़ा ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है। हाल ही में Honeywell ने गुड़गांव में ICAO/FAA मानकों के अनुरूप एयरफ़ील्ड ग्राउंड लाइटिंग (AGL) का प्लांट लॉन्च किया है। भारत में हवाई अड्डों की संख्या 2025 तक 220 तक पहुंचने की संभावना है, जिससे AGL और अन्य एविएशन तकनीकों की मांग और बढ़ेगी।
एनर्जी ट्रांज़िशन के क्षेत्र में Honeywell ने ग्रीन हाइड्रोजन, कार्बन कैप्चर और सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) जैसे क्षेत्रों में निवेश किया है। NTPC Green और AM Green जैसी कंपनियों के साथ साझेदारी कर कंपनी ने इस सेगमेंट में भी अपनी स्थिति मजबूत की है। इसके अलावा, बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम और बायोफ्यूल उत्पादन जैसे इनोवेटिव समाधानों पर भी काम किया जा रहा है।
इन तीनों क्षेत्रों की संयुक्त ग्रोथ Honeywell को भारत में 1 अरब डॉलर क्लब में शामिल करने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ा रही है।

अरब डॉलर से आगे का टारगेट
Honeywell International का लक्ष्य अब सिर्फ भारत में 1 अरब डॉलर (लगभग ₹8,300 करोड़) के राजस्व तक पहुंचना नहीं रह गया है, बल्कि वह इससे कहीं आगे जाने की योजना बना रही है। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि भारत उनके लिए अब एक मात्र बाजार नहीं, बल्कि एक नवाचार केंद्र (Innovation Hub) बन चुका है, जहाँ से न सिर्फ स्थानीय बल्कि वैश्विक ज़रूरतों के समाधान विकसित किए जा रहे हैं।
भारत में कंपनी की रणनीति तीन स्तंभों पर टिकी है – डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, एविएशन टेक्नोलॉजी, और एनर्जी ट्रांज़िशन। इन क्षेत्रों में बढ़ती मांग और भारत सरकार की इंडस्ट्री-फ्रेंडली नीतियों की बदौलत Honeywell भारत को अपने सबसे महत्वपूर्ण विकासशील बाजारों में से एक मानती है।
कंपनी ने यह भी बताया है कि वह अपने R&D और मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में और अधिक निवेश कर रही है ताकि वह आने वाले वर्षों में 2 अरब डॉलर के टारगेट की दिशा में कदम बढ़ा सके।
इस विस्तार की बदौलत न केवल भारत में तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि देश के युवाओं के लिए रोजगार और नवाचार के नए अवसर भी पैदा होंगे। Honeywell का यह टारगेट, भारत को वैश्विक टेक्नोलॉजी मैप पर और मजबूत स्थान दिलाने की दिशा में एक अहम कड़ी है।

भारत से ग्लोबल इनोवेशन
Honeywell भारत को केवल एक बड़ा कंज्यूमर मार्केट नहीं, बल्कि एक ग्लोबल इनोवेशन हब के रूप में विकसित कर रहा है। कंपनी का मानना है कि भारत की तकनीकी प्रतिभा, नवाचार की सोच, और तेजी से बढ़ते डिजिटल इकोसिस्टम के साथ मिलकर वह वैश्विक स्तर पर अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस तैयार कर सकता है।
बेंगलुरु में स्थित Honeywell Technology Development Centre इसका बड़ा उदाहरण है, जहाँ से दुनियाभर के ग्राहकों के लिए डिजिटल ऑटोमेशन, साइबर सिक्योरिटी, क्लाउड बेस्ड सॉल्यूशंस और स्मार्ट सिटी टेक्नोलॉजी जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है। यहां हजारों इंजीनियर cutting-edge टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं जो न सिर्फ भारत के लिए बल्कि अमेरिका, यूरोप, मध्य-पूर्व और एशिया जैसे बाजारों के लिए भी उपयोगी हैं।
कंपनी की रणनीति यह है कि भारत में विकसित टेक्नोलॉजी को वैश्विक मार्केट में रोलआउट किया जाए, जिससे लागत कम हो और स्थानीय नवाचार को बढ़ावा मिले। इससे भारत न केवल एक उत्पादन केंद्र बनता है, बल्कि एक ऐसा देश बनता है जहां से वैश्विक तकनीकी समाधान का नेतृत्व होता है। Honeywell के लिए भारत अब एक इनोवेशन एक्सपोर्ट पावरहाउस बन चुका है।

क्या है आगे की रणनीति?
Honeywell की आगे की रणनीति भारत को अपने वैश्विक ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित करने की है। कंपनी का फोकस अब केवल कारोबार बढ़ाने पर नहीं, बल्कि स्थायी विकास (sustainable growth), नवाचार (innovation) और स्थानीय साझेदारियों (local collaborations) को मजबूत करने पर है। इसके लिए Honeywell भारत में R&D, मैन्युफैक्चरिंग और डिजिटल सॉल्यूशंस में निवेश को और तेज़ करने की योजना बना रही है।
कंपनी का लक्ष्य है कि भारत से विकसित तकनीकें जैसे कि स्मार्ट बिल्डिंग सिस्टम, डिजिटल फैक्ट्री सॉल्यूशंस, ग्रीन एनर्जी टेक्नोलॉजी और एयर क्वालिटी सॉल्यूशंस को न केवल घरेलू उपयोग के लिए, बल्कि अमेरिका, यूरोप और एशिया जैसे वैश्विक बाजारों में भी पेश किया जाएँ।

Honeywell भारत सरकार की योजनाओं जैसे “मेक इन इंडिया”, “डिजिटल इंडिया” और “ग्रीन इंडिया” के साथ भी तालमेल बैठाकर काम कर रही है। इसके तहत वह लोकल स्टार्टअप्स, MSMEs और तकनीकी संस्थानों के साथ साझेदारी बढ़ा रही है।
कंपनी के अनुसार, अगली रणनीतिक दिशा भारत को “innovation exporter” और “technology leader” के रूप में स्थापित करने की है, जिससे देश को वैश्विक टेक्नोलॉजी मानचित्र पर और ऊँचाई मिल सके।