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नई दिल्ली/प्रदेश डेस्क: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में मॉनसून की मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां बादल फटने और अचानक आई बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, 34 लोग लापता हैं और सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। सड़कें, बिजली और पानी की आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है। मौसम विभाग ने मंडी में रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि कांगड़ा, सोलन और सिरमौर में ऑरेंज अलर्ट और शिमला, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर में येलो अलर्ट लागू है।

मंडी में बादल फटने से भारी तबाही
मंडी जिले में पिछले 48 घंटों में 10 जगहों पर बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। करसोग, थुनाग, गोहर और धर्मपुर जैसे क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन ने भारी नुकसान पहुंचाया है। करसोग में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि गोहर के सियांज गांव में 9 लोग लापता हैं। ब्यास नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, जिसके कारण पंडोह डैम से 1,57,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसने निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ा दिया है। कई गांवों में 30 घंटों से अधिक समय तक बिजली और मोबाइल नेटवर्क ठप रहा, जिससे राहत कार्यों में बाधा आई।
50 से अधिक वाहन, कई घर और 12 गौशालाएं बाढ़ में बह गईं। थुनाग और जंजैहली जैसे क्षेत्रों में पानी की पाइपलाइनें और बिजली के पोल क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे ब्लैकआउट की स्थिति बनी हुई है। पंडोह बाजार और रघुनाथपधर जैसे इलाकों में जलभराव ने लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया।

राहत और बचाव कार्य जारी
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने राहत कार्यों को तेज कर दिया है। अब तक 370 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जिसमें मंडी से 233, हमीरपुर से 51 और चंबा से 3 लोग शामिल हैं। करसोग में 19 लोगों को रेस्क्यू किया गया, जबकि गोहर और थुनाग में सर्च ऑपरेशन जारी है। हमीरपुर के सुजानपुर में ब्यास नदी के किनारे फंसे 20 लोगों में से 15 को सुरक्षित निकाला गया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और प्रशासन को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों से नदियों और नालों से दूर रहने की अपील की है। प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों को अगले दो दिनों के लिए बंद कर दिया है, ताकि बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

500 करोड़ का नुकसान – CM
मुख्यमंत्री ने बताया कि बारिश और बाढ़ से राज्य को अब तक 500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। मंडी जिले में 300 से अधिक सड़कें बंद हैं, जिनमें चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे भी शामिल है। पूरे प्रदेश में 406 सड़कें और 1,500 से ज्यादा बिजली ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं। बाखली और कुकलाह जैसे पुल टूट गए, जिससे कई गांवों का संपर्क कट गया। पटीकरी पावर प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
कुल्लू और कांगड़ा में भी हालात गंभीर हैं। कुल्लू के सैंज में बादल फटने से 3 लोग बह गए, जबकि धर्मशाला के खनियारा में 8 मजदूर बाढ़ में लापता हो गए, जिनमें से 4 शव बरामद किए गए।

मौसम विभाग का रेड अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 6 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। मंडी में रेड अलर्ट के साथ-साथ कांगड़ा, सोलन, और सिरमौर में ऑरेंज अलर्ट जारी है। शिमला, ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर में येलो अलर्ट लागू किया गया है। मौसम विभाग ने भूस्खलन और फ्लैश फ्लड का खतरा जताया है, खासकर पहाड़ी इलाकों में। लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और मौसम अपडेट पर नजर रखने की सलाह दी गई है।
हिमाचल में मॉनसून की इस तबाही ने 2023 की बाढ़ की यादें ताजा कर दी हैं। प्रशासन और राहत टीमें युद्धस्तर पर काम कर रही हैं, लेकिन प्रकृति का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा। लोगों से सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की जा रही है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।